बस कुल्ला कीजिए और अपनी सेहत को दीजिए ये 5 अविश्वसनीय लाभ

सुबह उठकर, खाना खाने के बाद और वॉशरूम से निकलते हुए आप कई बार कुल्ला करते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि ओरल हाइजीन बनाए रखने का यह साधारण सा तरीका आपकी सेहत को कितने लाभ देता है!
kulla karne ke fayade
जानिए क्या हैं कुल्ला करने के फ़ायदे। चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 23 Dec 2021, 13:52 pm IST
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सुबह उठकर मुंह धोना और कुल्ला करना (Rinsing) व्यक्तिगत स्वच्छता (Personal hygiene)  का अपरिहार्य हिस्सा है। इसके अलावा हर बार खाना खाने के बाद कुल्ला करना भी हेल्दी हेबिट्स (Healthy habits) का एक हिस्सा है। हालांकि ज्यादातर लोग इसके लिए सिर्फ सादे पानी का ही इस्तेमाल करते हैं। पर पानी में कुछ चीजें मिलाकर कुल्ला करना ओरल हाइजीन (Oral hygiene)  और गट हेल्थ (Gut health) के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद हो जाता है। अगर ठंड का मौसम आपकी इस आदत को भुलाने लगा है, तो थोड़ा अलर्ट हो जाइए। क्योंकि कुल्ला करना न आपको एक परफेक्ट जॉ लाइन (Jawline) देने के अलावा और भी बहुत से फायदे देता है। तो आइए जानते हैं बस कुल्ला करने के स्वास्थ्य लाभ। 

आपको बस अपने कुल्ला करने वाले पानी में तेल, नमक और दूध जैसी खास सामग्री मिलानी हैं। 

पहले समझते हैं क्यों जरूरी है ओरल हाइजीन

सुबह ब्रश करना और पूरे मुंह की सफाई करना एक जरूरी डेली रुटीन है। यह न सिर्फ मुंह की बदबू से बचाता है, बल्कि इसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। रात भर मुंह में इकट्ठे होने वाले कीटाणुओं को अगर सुबह बाहर न निकाला जाए तो यह पाचन संबंधी गड़बड़ियों को पैदा कर सकते हैं। 

oral health kya hai
मुँह के अंदर की सफाई भारतीय परंपरा का एक अंग है। चित्र : शटरस्टॉक

सीडीएस यानी सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (Center of disease control) के अनुसार, जो लोग ओरल हाइजीन का ध्यान नहीं रखते उनमें हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम 70 फीसदी तक बढ़ जाता है। मुंह की सफाई ठीक से न की जाए, तो मुंह के बैक्टीरिया खून में मिलकर समग्र स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए ज्यादातर डॉक्टर पानी से कुल्ला और गरारा करने की सलाह देते हैं।

आयुर्वेद में हैं कुल्ला और गरारे करने के फायदे 

यह मुंह की सफाई की सबसे आसान विधि है। इसे भारतीय परंपरा का एक अंग कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। क्योंकि आयुर्वेद में कुल्ला करने के कई लाभों के बारे में बताया गया है। दरअसल कुल्ला करने से आप बिना किसी दवा के जुकाम, खांसी, श्वास रोग, गले के रोग, मुंह के छाले, शरीर को डिटोक्सिफाई करने, गर्दन के सर्वाइकल जैसे रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। 

चलिए जानते हैं कुल्ला करने की अलग-अलग विधियां और इसके फायदे

1 आंखों की रोशनी बढ़ाता है सादे पानी से कुल्ला करना 

7 से 8 घंटे की लंबी नींद के दौरान हमारे मुंह में कई प्रकार के बैक्टीरिया इकट्ठा हो जाते हैं। इन्हें बाहर करने का सबसे आसान तरीका है सुबह उठकर सादे पानी से कुल्ला करना। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति के गले में खराश है या खांसी-जुकाम जैसा इन्फेक्शन हो गया है, तो पानी के  गरारे बेहद काम आते हैं। 

कोरोना वायरस महामारी में लोगों को गले के दर्द की शिकायत में गरारा करने की सलाह दी जा रही थी। पानी का कुल्ला करने से नेत्र ज्योति भी ठीक रहती है। इसके लिए आपको, मुंह में पानी का कुल्ला भर कर अपनी आंखों को पानी से धोना है। अपने गीले हाथों को रगड़कर चेहरा व कानों तक मलें। आयुर्वेद के अनुसार इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। 

2 मौसमी संक्रमण से बचाता है सेंधा नमक के पानी से कुल्ला करना 

मौसम बदलने के कारण कई संक्रमण हम पर हावी हो जाते हैं जिसके कारण गले में खराश, सर्दी और साइनस जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। ऐसे में सेंधा नमक का गुनगुना पानी आपके बेहद काम आ सकता है। 

सेंधा नमक के पानी से गरारा या कुल्ला करने से वायरस और बैक्टीरिया ब्लॉक हो जाते हैं। इसके आलावा नमक के पानी से गरारे से मसूड़ों को भी फायदा पहुंचता है। ये दांतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।नमक के पानी को काफी आसानी से तैयार किया जा सकता है इसके लिए आपको बस गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाना है। गले की खराश को दूर करने का यह बहुत पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा है।

3 बॉडी डिटॉक्स करता है तेल का कुल्ला (Oil pulling) 

पिपरमेंट ऑयल को आप अपने रेगुलर हेयर ऑयल में मिक्‍स कर सकती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
ऑयल पुलिंग आपके मुंह के अंदर के बैक्‍टीरिया को खत्‍म कर देती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आयुर्वेद में तेल का कुल्ला करने की विधि को गण्डूषकर्म के नाम से जाना जाता है। वहीं पश्चिम जगत में इसको ऑयल पुलिंग (Oil Pulling) कहते हैं। यह विधि सुबह बासी मुंह की जाती है। ज्यादातर लोग सरसों या तिल के तेल से कुल्ला करते हैं। हालांकि यदि आप यह कुल्ला कर रहे हैं, तो आपको ध्यान देना चाहिए कि आप इसको निगले नहीं। ऐसा करने से मुंह और दांतों के रोग तो ठीक होंगे ही, साथ में पूरी बॉडी डिटोक्सिफाई होगी। 

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4 मुंह के छाले ठीक करता है दूध का कुल्ला 

कई बार पेट खराब होने के कारण मुंह के छाले गले तक पहुंच जाते हैं। जिसे ठीक करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में दूध का कुल्ला आपको काफी राहत दे सकता है। इसके लिए आपको एक या दो घूंट दूध अपने मुंह में 15 से 20 मिनट के लिए बनाए रखना है। और फिर धीरे-धीरे सटकना है। इससे आपके मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।

5 परफेक्ट जॉ लाइन देता है सही तरीके से कुल्ला करना 

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परफेक्ट जॉलाइन पाने के लिए ट्राई करें o-e एक्सरसाइज . चित्र : शटरस्टॉक

कुल्ला करना एक फेशियल योगा टेक्नीक है। मुंह में पानी भर के अपने गालों को इधर-उधर फुलाना आपकी जो लाइन के लिए काफी फायदेमंद है। कुल्ला करने की स्थिति बिल्कुल O-E कसरत ( o – E Exercise ) है। कुल्ला करने से आपके मसल्स में स्‍ट्रेच आएगा और धीरे-धीरे आप चेहरे के मसल्स में कसाव महसूस करने लगेंगी।

इसके लिए आपको इसे 60 सेकंड तक दिन में 2 बार करना है। तो लेडीज हर रोज कुल्ला कीजिए और अपनी सेहत को दीजिए ये ढेर सारे लाभ। 

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