बदलता मौसम सर्दी खांसी और जुकाम जैसे इनफेक्शंस को अपने साथ लेकर आता है। ऐसे में हम अनावश्यक दवाइयों का सेवन करना शुरू कर देते हैं। तो दवाइयों से परहेज करते हुए क्या ऐसी समस्या में घरेलू उपचार की मदद ले सकते हैं? जी हां! बिल्कुल ले सकते हैं। सर्दी जुकाम में आजमाए जाने वाला एक सबसे खास घरेलू नुस्खा है अजवाइन। यह सामान्य रूप से लगभग सभी के रसोई में मौजूद होता है। एक्सपर्ट की मानें तो कोल्ड एंड कफ और गले से जुड़ी समस्या से राहत पाने के लिए अजवाइन की पोटली की मदद ले सकती हैं।
लगभग सभी भारतीय घरों के किचन में अजवाइन जरूर मौजूद होता है। यह खाने में फ्लेवर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ अजवाइन सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। आपको बता दें कि पोषक तत्वों से भरपूर यह एक खास प्रकार का मसाला है। अजवाइन में मौजूद थाइमोल में एंटीसेप्टिक और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती है।
कई लोगों को लगता है कि अजवाइन बीज है, परंतु आपको बता दें कि यह एक प्रकार के पौधे का फल होती है। स्ट्रांग फ्लेवर और खुशबू के साथ अजवाइन की रंगत हल्के भूरे और हरे रंग की होती है। बात यदि इसके न्यूट्रीशन की करें तो यह फाइबर, मिनरल्स, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत होती है। वहीं सालों से अजवाइन का प्रयोग पारंपरिक रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा के रूप में कई तरह की बीमारियों के इलाज में होता चला आ रहा है। खासकर अजवाइन कोल्ड एंड कफ और गले से संबंधित परेशानियों में काफी असरदार मानी जाती है।
गर्मी के बाद बदलते बरसात के मौसम में सर्दी खांसी और गले से संबंधित संक्रमण होना सामान्य है। पोषक विशेषज्ञ स्वेता साह के अनुसार अजवाइन की पोटली सालों से भारतीय घरों में फ्लू के लक्षण को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।
न्यूट्रीशनिस्ट स्वेता साह कहती है कि अजवाइन की पोटली तैयार करने के लिए सबसे पहले कॉटन का कपड़ा लें और तीनों ओर से उसकी सिलाई करें। अब इसमें अजवाइन डालकर इसे चौथी और से भी सिल दें।
न्यूट्रीशनिस्ट स्वेता साह ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया की कैसे मानसून में अजवाइन आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। वहीं उन्होंने अजवाइन की पोटली को इस्तेमाल करने की जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले एक तावा लें, और उसे कम से कम 5 से 7 मिनट तक अच्छी तरह गर्म होने दें। तावे को गर्म करके पोटली को उस पर रखें।
अब जानेंगे उचित परिणाम के लिए किन जगहों पर अजवाइन की पोटली से सिकाई करनी है।
अजवाइन की गर्म पोटली से फोरहेड के पास दोनों आइब्रो के बीच की जगह पर सिकाई करें।
अगले पोजीशन में अजवाइन की पोटली को नाक के पास ले जाएं और उसे गहरी सांस लेते हुए अंदर की ओर खींचे।
आखिर में गर्म पोटली से अपने गर्दन और चेस्ट की सिकाई करें।
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