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ओमिक्रॉन की वजह से हैं परेशान? अपनी चिंता और तनाव को कम करने के लिए अपनाएं ये 6 टिप्स

क्या ओमिक्रॉन की वजह से आपको भी घबराहट होने लगी है? खुद को शांत करने के लिए इन 6 तरीकों को आजमाएं
Updated On: 29 Oct 2023, 07:20 pm IST
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depression se joojh rahi ho
लेटने या उठने के बाद यदि आपको भी आता है चक्कर, तो यह 'ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन' की समस्या है। चित्र:शटरस्टॉक

ओमाइक्रोन के हालिया कोविड-19 वेरिएंट के कारण चिंतित होना काफी स्वाभाविक है। लेकिन हम हर बार डर की मनोविकृति से कैसे निपट सकते हैं?

जैसे कि हम सब इस ‘न्यू नॉर्मल’ के साथ सामंजस्य बैठा ही रहे थे कि कोविड – 19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन नें सबको एक बड़ा झटका दे दिया। हर रोज़ नए केसेस की संख्या बढ़ने लगी है। इस वजह से हम सभी के मन में एक डर बैठ गया है कि ये वेरियंट कितना घातक है? यह कितनी मौतों का कारण बन सकता है? ऐसे कई सवाल में परेशान करने लगे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में घोषणा की थी कि मौजूदा टीके नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी होंगे। मगर इस संबंध में और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।

पनी चिंता और तनाव को कम करने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स. चित्र : शटरस्टॉक

हेल्थशॉट्स के साथ एक बातचीत में, आईविल, परामर्श मनोवैज्ञानिक, डॉ प्रीति कोचर, हमें इसके बारे में जानकारी देती हैं। “नए वेरिएंट ओमिक्रॉन पर बढ़ते डर ने मनोवैज्ञानिक स्तर पर कई लोगों को प्रभावित किया है। लोगों ने अभी-अभी कोविड -19 के स्ट्रेस से उबरना शुरू ही किया था कि इस खबर से सभी आयु वर्ग के लोगों में भारी दहशत फैलने लगी है। इस वजह से व्यक्ति कुछ समय के लिए तनाव में आ सकता है। मगर यह ज़्यादा देर तक नहीं रहता है।

यह लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से कैसे प्रभावित करता है?

अक्सर ऐसे समय में लोग परेशान होने लगते हैं। वे सार्वजनिक क्षेत्रों से बचने की कोशिश करते हैं, जो बदले में उनके सामाजिक जीवन को भी प्रभावित करता है।

कोचर बताती हैं – “ऐसे में कुछ लोग दर्दनाक मनोवैज्ञानिक समस्याओं का अनुभव करते हैं, जिसमें एग्जाइटी और अवसाद भी शामिल है। इस अवस्था को ‘मनोविकृति’ (psychosis) के रूप में गढ़ा गया है। यह मूल रूप से किसी व्यक्ति के विचारों, भावनाओं और व्यवहारों को प्रभावित करती है।”

पैरानोईया (Paranoia), भय मनोविकृति का दूसरा नाम है। यह एक अत्यधिक भावनात्मक स्थिति है। इस स्थिति में व्यक्ति के मन का डर इतना बढ़ जाता है कि उसका व्यवहार अजीब होने लगता है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

चार दीवारों के भीतर बंद होना और केवल एक ही परिवार के सदस्यों बार – बार देखने से मन का डर बढ़ने लगता है। ऐसे में कई बार व्यक्ति को सदमे और दुख से बाहर आने में अधिक समय लगता है।

कोविड -19 ओमिक्रॉन वेरिएंट के बीच कैसे शांत रहें?

कोचर कहती हैं – ओमिक्रॉन वायरस की खबरों से संबंधित चिंता से निपटने का कोई सही तरीका नहीं है। लेकिन यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं

दूसरो से सहानुभूति जरूर रखें . चित्र : शटरस्टॉक
दूसरो से सहानुभूति जरूर रखें . चित्र : शटरस्टॉक

1. उन चीजों पर ध्यान दें जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं

कोचर कहती हैं एक बात निश्चित है – बहुत कुछ है जो हमारे नियंत्रण से बाहर है, और इसमें नए कोविड -19 वेरिएंट शामिल हैं। “हमें इस बात का पहले से अंदाजा है कि इस महामारी ने हमसे कितना कुछ छीन लिया है और वास्तव में अब इस बात का डर है कि यह और क्या लेगा। यह सब कब खत्म होगा यह हर किसी के मन में आने वाला एक आम सवाल है?”

घर के अंदर मास्क पहनें, टीका लगवाएं और यदि आप वैक्सीनेटेड हैं तो बूस्टर डोज़ शेड्यूल करें। ये चीजें आपके नियंत्रण में हैं!

2. उन चीजों से अवगत रहें जो चिंता को ट्रिगर कर सकती हैं

ट्रिगर्स के प्रति अपनी प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दें और व्यवहार में बदलाव करें। हर रोज़ वही खबरें पड़ने से बचें। किसी भी जानकारी को बिना जांच किए न मान लें। सोशल मीडिया पर आई हर चीज़ का विश्वास न करें। खुद को चिंता और तनाव से दूर रखें।

3. थेरेपी भी मदद कर सकती है

यह नकारात्मक विचारों का एक अंतहीन चक्र है, बिल्कुल एक पहिये पर चलने वाले हम्सटर की तरह। यह चिंता और अवसाद में योगदान दे सकता है, लेकिन हो सकता है कि आपको पता भी न हो कि आप ऐसा कर रहे हैं। इसलिए थेरेपी एक बढ़िया विकल्प है, यह आपको दोहराए जाने वाले नकारात्मक विचारों के चक्र को तोड़ने में मदद कर सकता है।

4. खुद को डिस्ट्रैक्ट करें

कोचर का कहना है कि जब अफवाह को रोकने की बात आती है, तो पढ़ना और व्यायाम करना जैसे रणनीतिक सहायक साबित हो सकती हैं।

5. ज़्यादा सोचने से बचें

कोचर बताती हैं – ”बहुत ज़्यादा बुरा सोचने या हर बात के बारे में चिंतन मनन करने से आप खुद को और तनाव में डाल सकते हैं। एक चिकित्सक आपके विचारों को व्यवस्थित करने में मदद कर सकता है। साथ ही आपके डर का सामना करने में आपकी मदद कर सकता है। आपको रिएलिटि चेक दे सकता है।”

6. हिम्मत बढ़ाने वालों का सहारा लें

वह निष्कर्ष निकालती है – “किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करनी चाहिए जिसके पास उनके जैसा ही भय हो और जिसने उन्हें दूर कर लिया हो। किसी ऐसे व्यक्ति से साथ रहना सबसे अच्छा है जो आपकी मदद करे, आपको अपने डर से बाहर निकाले। इस तरह आप एक दूसरे को सपोर्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। जब आपको सपोर्ट करने वाले होते हैं, तो आत्मविश्वास से काम करना आसान होता है।”

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स
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