जब बात हो स्वास्थ्य और सेहत की, तो हम विश्व भर में एक परिवर्तन देख सकते हैं। आयुर्वेद, हर्बल और ऑर्गेनिक का प्रचलन बढ़ रहा है, अधिक से अधिक लोग आयुर्वेद अपना रहे हैं और केमिकल से दूरी बना रहे हैं। हर्बल चाय से लेकर तेल तक, लोग आर्गेनिक की ओर ही बढ़ रहे हैं।
आयुर्वेद चिकित्सीय प्रणाली औषधियों के इर्द गिर्द ही घूमती है और आपकी हर समस्या के लिए आयुर्वेद में एक औषधि है। आज हम बताने जा रहे हैं कि आयुर्वेद में सबसे लोकप्रिय औषधि ब्राह्मी के गुण और किस तरह उसके उपयोग से आप अपने स्वास्थ्य में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
हमने बात की निसर्ग हर्ब्स की आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ आरती सोमन से कि किस तरह हम ब्राह्मी का उपयोग कर सकते हैं। आइये जानते हैं वह क्या कहती हैं:
“आयुर्वेदिक हर्ब ब्राह्मी का सबसे प्रमुख लाभ है आपकी याद्दाश्त के लिए। ब्राह्मी दिमाग तेज करती है, याद्दाश्त बढ़ाती है और आपके ध्यान और फोकस को भी बेहतर बनाती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि छह हफ्ते तक हर दिन 300 मिली ग्राम प्रतिदिन ब्राह्मी के सेवन से, दिमाग को तेज करने में उल्लेखनीय परिणाम दिखते हैं। ब्राह्मी के सेवन से दिमाग के सेल्स की लंबाई बढ़ती है जो मेमोरी और सीखने की क्षमता के लिए जिम्मेदार हैं।”, कहती हैं डॉ आरती।
ब्राह्मी डिस्लेक्सिया जैसे मानसिक समस्याओं में भी आराम देती है।
डॉ सोमन के अनुसार,”ब्राह्मी एक एडाप्टोजेनेटिक औषधि है यानी जब आप इसका सेवन करते हैं तो यह शरीर में एंजाइम पर प्रभाव डालता है। एंजाइम पर प्रभाव पड़ता है तो उससे हॉर्मोन्स में भी बदलाव आता है। यही कारण है कि ब्राह्मी स्ट्रेस और एंग्जायटी कम करने में कारगर है।”
ब्राह्मी मूड को सुधारती है और कॉर्टिसोल को कम करती है। कॉर्टिसोल ही शरीर में तनाव पैदा करता है।
अल्जाइमर की बीमारी लाइलाज होती है, लेकिन ब्राह्मी इसका सबसे नजदीकी इलाज है। ब्राह्मी को याद्दाश्त बढ़ाने के लिए ही जाना जाता है, साथ ही यह दिमाग को हील और रिकवर करने में भी सहायक है। ब्राह्मी का सेवन अल्जाइमर के जोखिम को कम करता है।
वह बताती हैं, “ब्लेस्ड ओरिएंटेशन-मेमोरी कॉनसन्ट्रेशन टेस्ट की एक स्टडी में पाया गया कि ब्राह्मी का सेवन करने वाले प्रतिभागियों में ऑडियो वर्बल लर्निंग यानी सुनने और बोलने की क्षमता बेहतर थी। इस स्टडी में ही एक अन्य ग्रुप को प्लेसिबो दिया गया। एंग्जायटी टेस्ट, डिप्रेशन स्कोर और हार्ट रेट सभी में ब्राह्मी यानी बकोपा ग्रुप प्लेसिबो ग्रुप से बेहतर था।”
कम ऑक्सीडेंट मतलब कम इम्युनिटी। क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट आपके शरीर को किसी भी तरह के सेल डैमेज से बचाते हैं। फ्री रेडिकल्स द्वारा होने वाले नुकसान जैसे हार्ट डिजीज, कैंसर और सेल डैमेज को एंटीऑक्सीडेंट खत्म करते हैं।
“बकोसाइड, जो ब्राह्मी का मुख्य एक्टिव कम्पाउंड है, वह फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रैलाइज करता है। जब शरीर में फ्री रेडिकल्स होते हैं, तो वह फैट सेल्स से रियेक्ट करते हैं और लिपिड पेरोक्सिडेशन नामक एक रिएक्शन को अंजाम देते हैं। यह रिएक्शन ही अल्जाइमर, पार्किंसन जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार है”, समझाती हैं डॉ सोमन।
इंफ्लामेशन यानी सूजन और दर्द के लिए मुखतयः साईक्लोजनेसिस, कॉसपसेस और लिपोक्सिजनसेस एंजाइम जिम्मेदार हैं। ब्राह्मी इन्हें कम करती है जिससे इंफ्लामेशन भी कम होता है। अगर आपके परिवार में किसी को अर्थराइटिस है तो ब्राह्मी उनके लिए सबसे कारगर है।
डॉ. आरती कहती हैं,”कई स्टडीज में पाया गया कि ब्राह्मी इंफ्लामेशन रोकने वाले केमिकल ड्रग डाइक्लोफेनेक जितनी ही असरदार है। यह सूजन और दर्द में बहुत आराम देती है।”
अगर आप लम्बे घने बालों की शौकीन हैं तो ब्राह्मी आपके लिए परफेक्ट है। बालों में ब्राह्मी का पेस्ट लगाने से स्कैल्प और बालों को पोषण मिलता हैं। ब्राह्मी बालों का गिरना कम ही नहीं करती, नए बालों को उगाती भी है। ब्राह्मी का सेवन भी बालों के लिए बहुत फायदेमंद है।
तो लेडीज, अब जब आप ब्राह्मी के इतने फायदे जान चुकी हैं, तो हमें यकीन है कि यह औषधि आपके जीवन का हिस्सा बनने वाली है। आप अपना अनुभव हमसे कमेंट्स में जरूर साझा करें।
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