गर्मी अधिक लगने या हवा की आवाजाही कम होने के कारण हमारे कई अंगों से पसीना अधिक निकलने लगता है। इनमें से एक अंडरबूब एरिया, यानी स्तनों के नीचे का क्षेत्र भी है। इससे हम परेशान होने लगते हैं। हालांकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक और बायोलोजिकल प्रक्रिया है। यह हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है। परेशानी तब होने लगती है, जब इस एरिया में खुजली होने लगती है। अंडरबूब पसीने (Under boob Sweat) के कारण स्किन पर लाल दाने भी होने लगते हैं। आइये जानते हैं क्यों होती है यह समस्या (under boob sweat) और इसे डील करने के तरीके।
दिल्ली के प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डर्मेटोलोजिस्ट, कॉस्मेटोलोजिस्ट और लेजर सर्जन डॉ. नव्या हांडा कहती हैं, ‘हर महिला को किसी न किसी समय अंडरबूब पसीने का अनुभव हो सकता है। जिन महिलाओं के बड़े और झुके हुए स्तन (pototic) हैं, उनमें यह आम समस्या है। गर्मी का एहसास होने पर त्वचा की ऊपरी सतह पर पसीना आने लगता है। बूब की स्किन जब नीचे की स्किन को छूती है, तो पसीने को इवेपोरेट होने में बाधा उत्पन्न होती है। इससे स्तनों के नीचे के क्षेत्र में पसीना जमा हो जाता है। स्किन में फ्रिक्शन होने, गलत प्रकार की ब्रा का चुनाव करने और हवा के आरपार होने में दिक्कत होने से अंडरबूब स्वेट प्रॉब्लम (under boob sweat) अधिक होती है।’
कुछ मामलों में अत्यधिक पसीना आना हार्मोन के कारण हो सकता है। अप्रत्याशित रूप से सामान्य से अधिक पसीना आ रहा है, तो डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। यदि बूब के पसीने के कारण झनझनाहट, स्किन पर लाल फोड़े और खुजली हो या स्किन पर दरार जैसा दिखे, तो यह यीस्ट संक्रमण का संकेत हो सकता है। कैंडिडा (Candida) के पनपने के लिए अंडरबूब की नम, गर्म और अंधेरा वातावरण सही हो। ऐसी स्थिति में डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलकर इलाज कराना (jane under boob ke pasine se chhutkara pane ke 6 upay) जरूरी है।’
ज्यादातर ब्रा पॉलिएस्टर और रेयान जैसी सामग्रियों से बनाई जाती हैं। सिंथेटिक सामग्री हवा को आर-पार नहीं होने देती है, जिससे गर्मी स्किन में फंस जाती है। यह पसीने को इवेपोरेट होने से रोकती है। मुलायम, सूती और प्राकृतिक रूप से सांस लेने वाले कपड़े वाली ब्रा लें। फुल-सपोर्ट ब्रा या पुश-अप ब्रा भी स्तनों को लटकने की बजाय चेस्ट की दीवार से टिकाए रखने में मदद ( under boob ke pasine se chhutkara kaise paayen) कर सकती है। पैड वाली ब्रा से बचें, क्योंकि एक्स्ट्रा सामग्री के कारण अधिक पसीना आ सकता है।
टाइट टॉप और ब्रा पहनने से बचें। अंडर बूब्स का पसीना पोंछने के लिए पैंटी लाइनर का प्रयोग ट्रिक के रूप में काम कर सकता है। पैंटी लाइनर का प्रयोग एक हैक (DIY Hack) के रूप में किया जा सकता है। पसीने को सोखने और कपड़ों पर दाग लगने से रोकने के लिए ब्रा के अंदर पैंटी लाइनर रखा जा सकता है।
कपड़े पहनने से पहले ब्रा कप और रिब केज पर कोई भी अच्छा पाउडर छिड़का जा सकता है। पाउडर पसीने को सोख लेता है। यह किसी भी प्रकार के स्किन फ्रिक्शन और रेड रैशेज से स्किन का बचाव कर सकता है।
अपने एंटीऑक्सीडेंट और फैटी एसिड के कारण आर्गन ऑयल रेडनेस को कम करता है। स्किन की क्षति की मरम्मत करने और त्वचा को हाइड्रेट करने में यह मदद कर सकता है। नहाने के बाद स्तनों के नीचे और आसपास इस तेल को लगाएं। आर्गन ऑयल विटामिन ई, फिनोल और कैरोटीन जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। अगर ड्राईनेस या इरिटेशन (dryness or irritation) है, तो आर्गन ऑयल मदद कर सकता है। यदि फंगल या कैंडिडा इन्फेक्शन है, तो फोल्ड को ड्राई रखना चाहिए।
तरोताजा होने की जरूरत महसूस होने पर वाइप्स का उपयोग करें। पसीने से केवल तभी दुर्गंध आती है जब वह बैक्टीरिया के साथ मिल जाता है। इसलिए जैसे ही पसीना आना शुरू हो, अपनी त्वचा को वाइप्स से साफ कर लें।
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो शरीर को ठंढा रखें। तरबूज, खीरा और पुदीना आधारित पेय और पानी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
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