चाय तो मेरा प्यार है! यह बात आपने कभी न कभी किसी चाय प्रेमी इंसान से सुनी होगी। अधिकतर लोगों को चाय पीने का शौक होता है। कुछ लोगों को सुबह उठते ही चाय पीने की आदत होती है, फिर दोपहर में और फिर शाम को भी उन्हें चाय के बिना अच्छा महसूस नहीं होता। यहां तक कि उन्हें पता ही नहीं लगता कि उन्हें कब चाय की लत गई।
चाय में कैफीन जैसा हानिकारक तत्व मौजूद होता है, जो हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है। चाय का अत्यधिक सेवन करने से हमें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
शरीर में आयरन की कमी होना, हमारे शरीर में होने वाली सबसे आम पोषक तत्वों की कमी में से एक है। अत्यधिक चाय का सेवन करने से हमारे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। दरअसल चाय में टैनिन नामक कंपाउंड मौजूद होता है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार टैनिन हमारे पाचन तंत्र में आयरन को अवशोषित कर लेता है, जिससे हमें इसका लाभ नहीं मिल पाता। इस वजह से हमारे शरीर में आयरन की कमी हो जाती है।
जब प्रोस्टेट में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि हो जाती है, तब वह प्रोस्टेट कैंसर का रूप ले लेता है। ज्यादा चाय पीने से प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा होता है। स्कॉटलैंड में हुए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग काफी अधिक मात्रा में चाय का सेवन करते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।
इस अध्ययन में यह देखा गया कि जो लोग दिन में सात से आठ कप या उससे ज्यादा चाय पीते हैं उनमें इस कैंसर की संभावना 60% से अधिक थी।
चाय के अंदर कैफीन की मात्रा अधिक होती है। एक शोध के मुताबिक कैफीन की अधिक मात्रा होने से बेचैनी और घबराहट बढ़ सकती है। ज्यादा मात्रा में चाय का सेवन करने से हमारे शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है जिसके फलस्वरूप हम ज्यादा घबराहट महसूस करते हैं।
यहां तक कि कैफीन का ज्यादा सेवन करने से अनिंद्रा की बीमारी भी हो सकती है। अगर आपको भी घबराहट महसूस होती है या कम नींद आती है तो यह ज्यादा चाय पीने की वजह से हो सकता है।
नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के मुताबिक कैफीन हमारे पेट में एसिड की मात्रा को बढ़ाता है। इसी वजह से चाय हमारे शरीर में एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को बढ़ा सकती है। हालांकि कुछ लोगों में चाय की वजह से हर्टबर्न की समस्या नहीं होती है। परंतु, ज्यादा चाय पीने से यह समस्या बढ़ सकती है। एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए चाय का सेवन कम करना चाहिए।
ज्यादा चाय पीने का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि आप आसानी से इसकी आदी हो जाती हैं। नियमित रूप से चाय पीने वालों में यह देखा गया है कि अगर दिन में किसी समय उन्हें चाय नहीं मिलती है, तो वह अपने आपको थका हुआ, सुस्त और चिड़चिड़ा महसूस करते हैं। साथ ही उनके शरीर की ऊर्जा का स्तर भी नीचे आ जाता है।
चाय का अधिक सेवन गर्भवती मां के साथ-साथ बच्चे के लिए भी हानिकारक होता है। चाय में मौजूद कैफीन की वजह से गर्भावस्था के दौरान होने वाली जटिलताओं जैसे कि गर्भपात के खतरे को बढ़ा देता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्ट्रेटिक्स एंड गयनेकोलॉजिस्ट्स सलाह देती है कि गर्भावस्था के दौरान शरीर में कैफीन की मात्रा ज्यादा नहीं बढ़नी चाहिए।
अगर आप भी चाय का अधिक सेवन करती हैं तो आपको भी इन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन परेशानियों से बचना है तो, चाय का सेवन अभी कम कर दीजिए।
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