हमारी मम्मी, नानी और दादी बस सरसों का तेल ही इस्तेमाल किया करती थीं। पर हमारी रसोई में ढेर सारे तेलों की आमद हो चुकी है। ऑलिव ऑयल से लेकर राइस ब्रान ऑयल तक हम सेहत के लिए सब कुछ ट्राय कर रहे हैं। पर ऐसा क्या खास है कि इतना सारे तेल विकल्प उपलब्ध होने के बावजूद सरसों का तेल है रसोई का महाराज। आइए हम बताते हैं इसके खास कारण।
काफी लोग इसे भोजन बनाने के लिए आज भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शायद ही यह समझ पाएं हैं कि ये खाना पकाने वाले तेल से कई ज्यादा है! तो हेल्थ शॉट्स के इस लेख में हम आपको सरसों के तेल के गुणों के बारे में अवगत कराएंगे जो वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित हैं।
वर्षों से सरसों के तेल को जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं ये मांसपेशियों को अंदर से मजबूती देता है। नियमित रूप से इस सरसों के तेल से मालिश करने से शरीर में रक्त संचार दुरुस्त रहता है। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से गठिये की समस्या से बचाव होता है। सरसों के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो जोड़ों की किसी भी समस्या से राहत देने में मददगार साबित हो सकता है।
सरसों का तेल एंटी बैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जिसकी वजह से इसे किसी भी तरह की सूजन को दबाने में मदद मिलती है। आप सरसों के तेल को गर्म करके सिकाई कर सकती हैं, जिससे सूजन जल्दी चली जाएगी।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सरसों का तेल मोनोअनसैचुरेटेड(Monounsaturated) और पॉलीअनसैचुरेटेड (Polyunsaturated) फैटी एसिड के साथ-साथ ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड से समृद्ध होता है।
ये दोनों फैटी एसिड मिलकर हृदय में रक्त प्रवाह की कमी को 50 प्रतिशत तक दूर कर सकते हैं। वहीं, सरसों के तेल को कोलेस्ट्रॉल कम करने और लिपिड-लोरिंग प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। यह बेड कोलेस्ट्रॉल (यानि LDL) के स्तर को कम करने में मदद करता है और शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर को बढ़ाता है। जिससे हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है।
बाज़ार में कई तरह के ऑयल मिलने लगे हैं, लेकिन आज भी कई लोग सरसों के तेल को बालों में लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह बालों के लिए बहुत अच्छा भी है और स्कैल्प के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
सरसों के तेल की मालिश करने से बालों के विकास में मदद मिलती है। इसमें मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड भी मौजूद होते हैं। जो बालों को मजबूती देते हैं। इसके अलावा, इस तेल में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टी होती हैं, जो रूसी को बढ़ने से रोकती हैं। सरसों का तेल लगाने से स्कैल्प में खुजली की समस्या से भी राहत मिलती है।
सरसों के तेल को नमक के साथ इस्तेमाल करने पर मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों में संक्रमण से निजात मिल सकती है। इस तेल का उपयोग मौखिक स्वच्छता में भी सुधार कर सकता है। इसके लिए आधा चम्मच सरसों का तेल और आधा चम्मच नमक मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को दांतों और मसूड़ों पर कुछ मिनट तक लगा कर रखें। ऐसा हफ्ते में तीन-चार बार करने से मुंह की हर छोटी-मोटी समस्या से राहत मिल सकती हैं।
सरसों का तेल मस्तिष्क के लिए फायदेमंद साबित हो सकता हैं। NCBI की एक रिसर्च के मुताबिक, सरसों के तेल में मौजूद फैटी एसिड सब-सेलुलर मेम्ब्रेंस (Sub-Celluler Membrane) की संरचना में बदलाव करने में मदद कर सकता है, जिससे मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में सुधार हो सकता है। इसलिए, सरसों के तेल में खाना पकाना एक अच्छा और स्वस्थ विकल्प है।
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कस्टमाइज़ करेंतो लेडीज, अगर आप सरसों के तेल का इस्तेमाल नहीं कर रही है, तो इसे तुरंत जाकर खरीद लाइए क्योंकि ये आपकी रसोई का बेस्ट ऑयल है।
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