कैल्शियम हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है। ये शरीर के लिए एक ऐसा ज़रूरी मिनरल है। जो शरीर में हड्डियों और दांतों के निर्माण और उनको मज़बूत करने में सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा हार्ट और अन्य मसल्स को हेल्दी बनाने के लि भी कैल्शियम की आवश्यकता होती है। शरीर को जब पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की प्राप्ति नहीं होती है। तो उस वक्त शरीर में कई समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है। जानते हैं कैल्शियम डेफिशेंसी के 5 संकेतों के बारे में (Signs of calcium deficiency)।
मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि कैल्शियम हार्मोन इंटेस्टाइनस में विटामिन डी के एब्जार्बशन में मदद करता है। इससे कैल्शियम के अवशोषण में सहायता मिलती है। इसके अलावा कैल्शियम पूर्ण मात्रा में न लेने से ब्लड में कैल्शियम की मात्रा घट जाती है।
इससे पैराथायरायड हार्मोन बोन्स को रक्त में कैल्शियम रिलीज़ करने का सिग्नल देता है। इससे मांसपेशियों में ऐंठन (Muscle cramps) की समस्या बढ़ जाती है। जानते हैं कैल्शियम डेफिशेंसी के संकेत और कैल्शियम रिच फूड्स के बारे में भी।
कैल्शियम (calcium) की कमी के चलते मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होने लगती हैं। टांगों में दर्द, बाजूओं में खिंचाव इस ओर इशारा करते हैं कि कैल्शियम की कमी बढ़ रही है। मांसपेशियों में आने वाले खिंचाव के अलावा जोड़ों में भी दर्द महसूस होने लगता है।
अगर आपके शरीर में बार बार थकान (fatigue) महसूस हो रही है, तो इससे बचने के लिए शरीर में कैल्शियम इनटेक बढ़ाना ज़रूरी है। दरअसल, शरीर में कैल्शियम (calcium) पूरी तरह से रिलीज न हो पाने के कारण शरीर थका हुआ महसूस होने लगता है। ऐसे में आपको चलते फिरने में दिक्कत व इंफलामेशन का जोखिम बढ़ जाता है।
एनसीबीआई की एक रिसर्च के मुताबिक कैल्शियम की कमी शरीर में तनाव को बढ़ाने का कारण साबित होती है। हाइपोकैल्सिमिया (hypocalcemia) के चलते एकाग्रता और याददाश्त कम होने लगती है। मूड विकारों से जुड़ी हो सकती है, हालांकि इसकी पुष्टि करने के लिए आगे के शोध की आवश्यकता होगी।
कैल्शियम की कमी के चलते नाखून बार बार टूटने लगते हैं। इसके अलावा वे पूरी तरह से ग्रो नहीं हो पाते है। कैल्शियम की कमी का असर दांतों पर भी दिखने लगता है। इससे मसूढ़ों में सूजन, दांतों का टूटना और रूट्स का कमज़ोर होना जैसी समस्याएं बढ़ने लगती है।
कैल्शियम की कमी के चलते महिलाओं को प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से होकर गुज़रना पड़ता है। पीरियड से कुछ दिन पहले थकान और शारीरिक कमज़ोरी से होकर गुज़रना पड़ता है। एनीसबीआई के एक रिसर्च के मुताबिक वे लोग जो रोज़ाना 500 मिलीग्राम कैल्शियम ले रहे हैं। उन्हें पीरियड के दौरान वॉटर रिटेंशन की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
दो चम्मच चिया सीड्स (chia seeds) में 179 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इसे आप स्मूदी या योगर्ट में एड करके अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। चिया सीड्स (chia seeds) को आवरनाइट सोक करके खा सकते हैं। चिया सीड्स (chia seeds) हमारी स्किन के लिए भी फायदेमंद हैं।
एक सर्विंग सोया मिल्क से हमारे शरीर को 500 मिलीग्राम कैल्शियम (calcium) मिलता है। इससे आपकी हड्डिया मज़बूत बनती हैं। साथ ही शरीर में होने वाली ऐंठन से भी बच जाते हैं। ये हमारे शरीर को एनर्जी प्रदान करता है।
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कस्टमाइज़ करेंइन सीड्स में प्रोटीन और हेल्दी फैट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। एक कप सनफ्लावर सीड्स (sunflower seeds) में 109 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इससे आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है। इसे आप रोस्ट करके खा सकते हैं। इसके अलावा ओवरनाइट सोक करके भी खा सकते हैं।
पोषक तत्वों से भरपूर बादाम न केवल कैल्शियम (calcium) की कमी को पूरा करता है बल्कि मेंटल हेल्थ को भी बूस्ट करता है। ओवरनाइट सोक करके इसे खाने से शरीर हेल्दी और तंदरूस्त बना रहता है। एक कटोरी बादाम से 457 मिलीग्राम कैल्शियम की प्राप्ति होती है।
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