क्या आपने सभी संभव उपाय इस्तेमाल कर लिए हैं, परंतु फिर भी आप नाखून चबाने की आदत को छोड़ने में सफलता नहीं प्राप्त कर पाई हैं। तो चिंता न करें क्योंकि आप अकेली नहीं है। चाहे आप माने या ना माने इस पृथ्वी पर हर तीसरा आदमी अपने नाखूनों को चबाता है। हालांकि यह एक अजीब आदत है, परंतु इससे निजात पाना बहुत कठिन है।
क्या आपने कभी सोचा है कि नाखून चबाना एक आदत से बढ़कर बहुत कुछ है! यदि नहीं, तो हम हैं यहां आपकी नेल बाइटिंग के बारे में अब तक की सारी उलझन सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं –
साइंटिफिक अमेरिकन माइंड पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि, जब अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों ने तनाव के दौरान नेल बाइटिंग शुरू की, तो उनका व्यवहार मापा गया। अध्ययन जब पूर्ण हुआ तब यह पाया गया कि जो लोग परफेक्शनिस्ट थे वे औरों की तुलना में ज्यादा नाखून चबाते थे।
जो हर काम को परफेक्ट तरीके से करना चाहते हैं, वे अपना बेस्ट देना चाहते हैं। यही चीज तनाव और चिंता में बदल सकती हैं। तो अगर आप नाखून चबाते हैं, तो इसके लिए ज्यादा सोचना नहीं चाहिए।
अमेरिकन साइकाइट्रिक एसोसिएशन के मुताबिक अगर आप नाखून चबाती हैं, तो आप ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिजीज से ग्रसित हो सकते हैं जिसे ओसीडी (OCD) भी कहा जाता है। यह एक विवादास्पद या कंट्रोवर्शियल बयान हो सकता है। हालांकि कई वैज्ञानिक नाखून चबाने के ओसीडी के संबंध को सिरे से नकारते हैं। ओसीडी आवेग नियंत्रण में असफल होने के वजह से होती हैं और नाखून चबाने में ऐसा कुछ नहीं होता।
अगर आप हर समय अपने नाखून चबाती हैं तो इसकी बहुत संभावना है कि आप किसी मनोवैज्ञानिक समस्या से गुजर रहीं हों। ईरान की मेडिकल साइंसेस की पत्रिका में प्रकाशित कि गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि दुनिया के 80% बच्चे जिनमें मनोवैज्ञानिक विकार है, वह नाखून चबाते हैं।
बिहेवियर थेरेपी एंड एक्सपेरिमेंटल साइकाइट्री की एक पत्रिका में प्रकाशित किए गए अध्ययन में प्रतिभागियों की 4 प्रकार की भावनाओं को परखा गया। इनमें से कुंठा (frustration) भी एक थी। आप सोच सकती हैं कि जो लोग ज्यादा फ्रस्ट्रेटिड थे, वे ज्यादा नाखून चबाते थे।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब आप फ्रस्ट्रेटिड होते हैं, तो आप अपने नाखून चबाते हैं। यह इसलिए कि जब आप कुंठित होती हैं तो कुछ न कुछ करना चाहती हैं और जब कुछ नहीं मिलता, तो आप नाखून चबाने लगती हैं।
सिगमंड फ्रूड जो कि एक ऑस्ट्रेलियाई न्यूरोलॉजिस्ट है मानते हैं कि नाखून चबाना साइकोसेक्सुअल विकास की खराबी को दर्शाता है। उन्होंने यह भी सोचा कि जो व्यक्ति नाखून चबाते हैं वे ओरल फिक्सेशन से ग्रसित हो सकते हैं। यह एक तरह की कंडीशन है जिसमें व्यक्ति तनाव से छुटकारा पाने के लिए स्मोकिंग, शराब जैसी ओरल एक्टिविटी का सहारा लेते हैं।
अब आप जान गईं हैं कि नाखून चबाना सिर्फ एक आदत ही नहीं, इससे कुछ ज्यादा है। तो इनमें से जो भी कारण आपको नेल बाइटिंग के लिए ट्रिगर करता है, उस पर काम करें और जल्द से जल्द इस आदत को छोड़ दें।
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