पोषण के क्षेत्र में, आदर्श हृदय स्वास्थ्य की इच्छा ने कई डाइट प्लान और रुटीन को जन्म दिया है। इन सभी के अपने फायदे और कुछ नुकसान हो सकते हैं। पर कुछ डाइट प्लान आकर्षक तो होते हैं, पर वे आपको भ्रमित कर सकते हैं। जैसे मेडिटेरेनियन आहार, जिसमें जैतून के तेल और केटोजेनिक आहार फैट्स के निवारण को बढ़ावा देता है। हालांकि यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि हृदय स्वास्थ्य पर इन आहारों (Diet for Heart) के प्रभाव के बारे में वैज्ञानिक क्या कहते हैं।
हृदय-स्वस्थ खाने के पैटर्न में सबसे आगे मेडिटेरेनियन आहार है। इसमें फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, फलियों, नट्स और जैतून के तेल की प्रचुरता होती है। इसके साथ ही मछली, मुर्गी और डेयरी के मॉडरेट सेवन की सलाह भी दी जाती है। एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और मोनोअनसैचुरेटेड वसा से भरपूर, इस आहार का बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया है और इसे लगातार हृदय रोग के कम जोखिम से जोड़ा गया है।
मेडिटेरेनियन आहार में वनस्पति आधारित खाद्य पदार्थों पर जोर दिया जाता है। जो जैतून के तेल के कार्डियोप्रोटेक्टिव गुणों के साथ मिलकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार, रक्तचाप विनियमन और समग्र हृदय स्वास्थ्य में योगदान देता है।
उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार संबंधी दृष्टिकोण (DASH) अन्य हृदय स्वास्थ्य लाभों के लिए लाभदायक माना जाता है। यह आहार कम नमक और पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम वाले अधिक खाद्य पदार्थ खाने के बारे में है। इसमें फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन यानि चिकेन ब्रेस्ट, बीन्स, लेनटिंस, मछली, टोफू एवं ग्रीक योगर्ट इत्यादि और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद के सेवन को प्रोत्साहित किया जाता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि यह उच्च रक्तचाप को कम करने में अच्छा है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या है। यह आपकी धमनियों को स्वस्थ बनाकर और आपके शरीर पर तनाव को कम करने का काम करता है।
पौधों या वनस्पति पर आधारित आहार, जिसमें फल, सब्जियां, फलियां, नट्स, बीज और साबुत अनाज की प्रधानता होती है, हृदय स्वास्थ्य के लिए एक हेल्दी ऑप्शन है। अपनी उच्च फाइबर सामग्री, प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट और कोलेस्ट्रॉल की अनुपस्थिति के कारण, पौधे-आधारित आहार एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, सूजन को कम करने और एंडोथेलियल फ़ंक्शन को बढ़ाने की क्षमता प्रदर्शित करते हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि पौधे-आधारित आहार का पालन करने से न केवल हृदय रोगों की घटनाओं में कमी आ सकती है, बल्कि पहले से ही हृदय संबंधी समस्याओं का निदान करने वाले व्यक्तियों के लिए परिणामों में भी सुधार हो सकता है।
इस तरह के डाइट प्लान में एटकिन्स और केटोजेनिक आहार, वसा और प्रोटीन की खपत को बढ़ाते हुए कम कार्बोहाइड्रेट सेवन की वकालत करते हैं। हालांकि इन आहारों से शुरू में वजन कम हो सकता है और रक्त ग्लूकोज और ट्राइग्लिसराइड के स्तर जैसे कुछ हृदय संबंधी जोखिम कारकों में सुधार हो सकता है।
मगर हृदय स्वास्थ्य पर उनके दीर्घकालिक प्रभावों पर बहस चल रही है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कम कार्ब आहार एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है, खासकर अगर वे पशु स्रोतों से संतृप्त वसा में उच्च हैं।
पैलियो आहार हमारी ट्रेडिशनल डाइट पैटर्न की नकल करता है, जिसमें प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, अनाज, फलियां और डेयरी को छोड़कर मांस, मछली, फल, सब्जियां, नट और बीज जैसे संपूर्ण खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
इसकी सिफारिश करने वालों का मानना है कि पेलियो आहार से वजन कम हो सकता है और चयापचय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। हृदय स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव अनिश्चित बना हुआ है। आलोचकों का तर्क है कि पैलियो आहार में पशु वसा और प्रोटीन का अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों के साथ संतुलित नहीं होने पर हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।