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Heart attack myths: दिल के रोगों का पारिवारिक इतिहास होने पर उन्हें रोका नहीं जा सकता!

वर्ल्ड हार्ट डे का उद्देश्य है कि आप अपने दिल और उससे जुड़ी बीमारियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानें। आइए आज हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री के रिस्क को समझते हैं।
Written by: Dr. Udgeath Dhir
Updated On: 23 Oct 2023, 09:57 am IST
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Covid-19 ne heart disease ka jokhim badha diya hai
कोविड-19 ने हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा दिया है। चित्र: शटरस्टॉक

हम अपने माता-पिता से बहुत सारी अच्छी और बुरी आदतें लेते हैं। इनमें शारीरिक रूप से लेकर खानपान संबंधी आदतें भी शामिल हैं। पर क्या आप जानती हैं कि कुछ बीमारियां भी हमें अपने पेरेंट्स से विरासत में मिलती हैं। हृदय संबंधी बीमारियां (Heart Diseases) भी इनमें शामिल हैं। पर यह कतई जरूरी नहीं है कि आप अपनी अगली पीढ़ी को भी ये बीमारियां सौंपे। वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) के अवसर पर विशेषज्ञ बता रहे हैं कि आप कैसे पारीवारिक इतिहास (Family History) में मौजूद रही इन बीमारियों को रोक सकते हैं।

हृदय रोगों की फैमिली हिस्ट्री 

परिवारों में कई तरह के दिल के रोग पाए जाते हैं। मैं उनमें से कुछ के उदाहरण देता हूं, जैसे हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप, इसे एसेंशियल हाइपरटेंशन कहते हैं। दूसरा, हमें लिपिड की समस्या भी हो सकती है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा गड़बड़ होती है। तीसरे नंबर पर कोरोनरी धमनियों से जुड़ी बीमारी आती है, जिसका मतलब है कि हमारी कोरोनरी धमनी में रुकावट है।

इसके बाद एक बीमारी का नंबर आता है, जिसे हम हाइपरट्रॉफिक ऑब्सट्रक्टिव कार्डियो मायोपैथी कहते हैं। यह बीमारी परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है, इसके अलावा कई दूसरी तरह की कार्डियो मायोपैथी भी हैं, जिनके बारे में हमें जानकारी है।

kyon ho jati hai sote smay logo ki death
आखिर क्यों सोते समय हो जाती है लोगों की मृत्यु? चित्र : शटरस्टॉक

परिवार और हृदय रोगों की विरासत 

हमें हमारे चेहरे की बनावट, बालों का पैटर्न, आंखों का रंग, ब्लड ग्रुप और ऐसी कई दूसरी चीजें माता-पिता से विरासत में मिलती हैं। इसी तरह, हम कुछ आनुवांशिक समस्याओं को भी अपने माता-पिता से लेते हैं और वे परिवारों में चलती रहती हैं।

तो यह बात सच है है कि अगर परिवार में दिल के रोगों की समस्या रही है, तो हमें भी यह समस्या होगी। लेकिन अब दवाईयों, बीमारी का जल्दी पता लगाने और जीवनशैली में बदलाव करने जैसे उपायों को अपनाकर हम इन बीमारियों के बढ़ने की गति को कम कर सकते हैं।

जानिए आप कैसे बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री से बच सकते हैं

उदाहरण के लिए, उच्च रक्तचाप की समस्या परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। इसलिए हम शुरुआती अवस्था में ही उसकी जांच शुरू कर देते हैं। ताकि रक्तचाप को शुरू में ही नियंत्रित करके उसके कारण होने वाली समस्याएं जैसे किडनी की बीमारी, स्ट्रोक या कोरोनरी धमनी की बीमारी को रोका जा सके।

जरूरी है समय रहते जांच

इसी तरह, जिनके परिवार में कोरोनरी धमनी की बीमारी रही हो या जिनके माता-पिता को कम उम्र में दिल का दौरा पड़ा हो, हम शुरुआत में ही उन लोगों की जांच करके उन्हें प्लाक कम करने वाली दवाईयां दे सकते हैं। हम उन्हें ऐसी दवाईयां दे सकते हैं जिससे उन्हें दिल का दौरा न पड़े और वे सुरक्षित रहें।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?
Bad habits se bachen jo heart disesese ka jokhim badhati hain
आपको उन बुरी आदतों से बचना चाहिए जो आपके लिए हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ा सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक

हम उन्हें समझाते हैं कि अगर वे पर्याप्त व्यायाम करें, धूम्रपान न करें, भोजन की सही आदतों को अपनाएं, पूरी नींद लें और ज़्यादा रिच डाइट न लें तो लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। रिच डाइट से मेरा मतलब बहुत ज़्यादा वसा और कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन से है।

आप कम कर सकते हैं फैमिली हिस्ट्री की बीमारियों का जोखिम

हम सभी बीमारियों के होने की गति को कम कर सकते हैं। मगर दूसरी बात, जिन मरीज़ों के बारे में हमें जानकारी है कि उन्हें ये समस्याएं हो सकती हैं, उनमें हम बीमारी को रोकने के उपायों को अपनाकर अचानक दिल के दौरे से होने वाली मौतों को रोक सकते हैं।

अक्सर हम सुनते हैं “वह बिल्कुल ठीक था, घर वापस आया मगर फिर वह कभी उठा ही नहीं।” जिन के परिवारों में इस तरह की गंभीर मौतों का इतिहास रहा है, अगर वे हमें अपने पारिवारिक इतिहास की पूरी जानकारी दें तो उनकी बीमारी को समय पर रोक कर उन्हें बचाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें – दिल के मामले में घातक हो सकती है आपकी लापरवाही, एक्सपर्ट बता रहे हैं साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
Dr. Udgeath Dhir
Dr. Udgeath Dhir

Dr. Udgeath Dhir is Director and Head, CTVS, Fortis Memorial Research Institute, Gurugram

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