वैसे तो सिरदर्द एक आम समस्या है और ज्यादातर लोग इससे परेशान रहते हैं। कई मामलों में सिरदर्द की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार यह एक गंभीर रूप ले लेती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना पड़ता है। कई बार लोग यह नहीं जान पाते है कि यह सामान्य है या फिर गंभीर मामला है। नतीजतन, सिरदर्द की समस्या लगातार बनी रहती है। तो आइए जानते हैं कि आखिर कब सिरदर्द को नज़रअंदाज करने से बचना चाहिए और उचित ट्रीटमेंट लेना चाहिए।
कई लोगों को गर्दन में अकड़न या बुखार के साथ सिरदर्द होता है। असल में यह इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। इंसेफेलाइटिस को दिमागी बुखार या मस्तिष्क ज्वर कहा जाता है। वहीं, मेनिन्जाइटिस एक संक्रामक रोग जिसमें मेनिन्जेस में सूजन आ जाती है। इस तरह का सिरदर्द खतरनाक हो सकता है। जिन लोगों को मधुमेह या कमजोर इम्यून की समस्या है, उनके लिए यह जानलेवा हो सकता है। इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस के उपचार के लिए रोगप्रतिरोधक दवाइयां दी जाती है।
जो लोग किसी बात से परेशान है या किसी बात का स्ट्रेस ले रहे हैं, उन्हें पूरे सिर में दर्द होता है। लेकिन क्लस्टर हेडेक या माइग्रेन का सिरदर्द अलग होता है। माइग्रेन के कारण सिर के किसी एक हिस्से में तेज दर्द होता है। इससे पीड़ित लोगों को तेज दर्द के साथ उल्टी और मिचली आती है। कई बार दर्द इतना तेज होता है कि या तो नींद नहीं आती या तेज दर्द के कारण अचानक नींद खुल जाती है। यह एक तरह से क्लस्टर हेडेक का दर्द हो सकता है। यह समस्या 20 से 50 साल के लोगों ज्यादा देखी जाती है। कई बार लोगों को ब्रेन ट्यूमर, स्लीप एपनिया तथा हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के कारण भी सिरदर्द होता है।
आमतौर पर व्यस्क और किशोर पढ़ाई या दूसरी बातों का स्ट्रेस ले लेते हैं, जिसके कारण सिरदर्द होता है। इसमें कई बार अपने आप सिरदर्द शुरू हो जाता है और अपने आप बंद हो जाता है। हालांकि, तनाव के कारण होने वाले सिरदर्द के कोई दूसरे लक्षण नज़र नहीं आते हैं।
थंडरक्लैप सिरदर्द एक गंभीर बीमारी है। इसमें महज कुछ सेकंड्स में तेज दर्द शुरू हो जाता है। कई बार स्ट्रोक, धमनियों के डैमेज हो जाने या सिर में किसी तरह की चोट की वजह से दिमाग से खून बहने लगता है। सिर के किसी भी हिस्से में यह दर्द हो सकता है। लेकिन बाद में दर्द सिर से पीठ की तरफ बढ़ जाता है। घंटों तक यह दर्द बना रहता है। थंडरक्लैप सिरदर्द के कारण कई बार मिचली, बेहोशी और चक्कर आने की समस्या आती है। जिन लोगों को उच्च रक्तचाप
की समस्या है उन्हें तेज सिरदर्द होता है।
इसमें सिर में पाई जाने वाली साइनस या कैविटी में सूजन आने के कारण तेज सिरदर्द होता है। साइनस का दर्द बहुत तेज और लगातार होता है। यह दर्द सिर के अलावा नाक की ऊपरी हिस्से या गाल की हड्डी पर भी हो सकता है। इस दर्द के कारण चेहरे पर सूजन, कान बंद होना, बुखार और नाक बहना जैसी समस्याएं आती है। कई बार साइनस के दर्द के कारण नाक से हरे और पीले रंग का कफ जैसा पदार्थ निकलता है।
सिर में गंभीर चोट लगने के कारण सिरदर्द होता है और दिमाग से खून बहने लगता है। इस तरह की चोट जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। सिर पर चोट के कारण कई बार याददाश्त चली जाती है। इस तरह की चोट के कारण अत्यधिक थकान, एकाग्रता में कमी और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होती है।
कई लोगों को आंखों का धुंधलापन, रेटिना की दिक्कत या आंखों की दूसरी समस्याओं के कारण भी तेज सिर दर्द होता है। जिन लोगों की आंखों रोशनी कम होती है, उन्हें भी सिरदर्द होता है। इस तरह की समस्या से जूझने वाले लोगों को डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।
इसके अलावा भी सिरदर्द के दूसरे कारण हो सकते हैं। दरअसल, जिन लोगों की उम्र 50 साल या उससे अधिक है, ऐसे लोगों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। वहीं शारीरिक कमजोरी भी बढ़ जाती है। इस कारण से सिरदर्द होता है। वहीं, कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान सिरदर्द का अनुभव होता है।
कई बार सिरदर्द शरीर में होने वाले परिवर्तन की ओर इशारा करता है। जैसे कि कई लोगों को चाय या कॉफी पीने आदत होती है। इससे कैफीन की लत पड़ जाती है और जब ये लोग इसका सेवन नहीं करते हैं तो सिरदर्द होने लगता है। कभी-कभी अत्यधिक शराब पीने या डिहाइड्रेशन के कारण सिरदर्द की समस्या आती है। कुछ लोगों को स्मोकिंग की आदत होती है। ऐसे लोगों के अचानक स्मोकिंग छोड़ने पर सिरदर्द होता है। आमतौर पर अत्यधिक काम का तनाव, नींद पूरी न होने के कारण भी सिरदर्द होता है। इससे निजात पाने के लिए पर्याप्त नींद लेना चाहिए
आमतौर पर सिरदर्द की समस्या पेन किलर दवाई लेने से ठीक हो जाती है। अगर, लगातार सिरदर्द हो रहा है या इनमें से सिरदर्द की कोई गंभीर बीमारी है। ऐसी स्थिति में सामान्य दर्द समझने की भूल न करें। इसके लिए तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और खुद को पर्याप्त आराम देना चाहिए।
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