फैटी लिवर का जोखिम कम करना है, तो ब्लैक कॉफी पिएं, यहां हैं इसके फायदे

इन दिनों फैटी लिवर के समाधान में ज्यादातर विशेषज्ञ ब्लैक कॉफी पीने (Black coffee for fatty liver) की सलाह दे रहे हैं। क्या ब्लैक कॉफी वास्तव में लिवर हेल्थ में सुधार कर सकती है? अगर हां, तो क्या है इसे लेने का सही तरीका
Black coffee kaise fatty liver mei hai faydemand
लिवर में जमा होने वाले फैट्स के चलते फैटी लीवर विकसित होने लगता है। इस समस्या के कारण लिवर वसा को टोड़ नहीं पाता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
ज्योति सोही Published: 21 Sep 2024, 08:00 am IST
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इनपुट फ्राॅम

अनहेल्दी डाइट, पार्टी, अल्कोहल और लाइफस्टाइल सबसे ज्यादा आपके लिवर को प्रभावित करते हैं। इन समस्याओं की जड़ में ही फैटी लिवर का समाधान भी छुपा हुआ है। यानी जो चीजें आपके लिवर को नुकसान पहुंचाती हैं, उन्हें छोड़ देने से लिवर हेल्थ बेहतर हो सकती है। इन दिनों फैटी लिवर के समाधान में ज्यादातर विशेषज्ञ ब्लैक कॉफी पीने (Black coffee for fatty liver) की सलाह दे रहे हैं। क्या ब्लैक कॉफी वास्तव में लिवर हेल्थ में सुधार कर सकती है? अगर हां, तो क्या है इसे लेने का सही तरीका (right way to have black coffee in fatty liver)। आइए जानते हैं विस्तार से।

फैटी लिवर क्या है और इसके कारण

कोशिकाओं में वसा के जमाव के कारण थकान, कमज़ोरी और भूख कम लगती है। ऐसे में ब्लैक कॉफी का सेवन फैटी लिवर (fatty liver causes) की समस्या दूर करने में मदद कर सकती है।

इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि लिवर में जमा होने वाले फैट्स के चलते फैटी लीवर विकसित होने लगता है। इस समस्या के कारण लिवर वसा को टोड़ नहीं पाता है। हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure), मोटापा (obesity), टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) और हाई कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol) इस समस्या को बढ़ा देता है। इसके अलावा शराब का ज्यादा सेवन इस समस्या को बढ़ा देता है। उच्च ट्राइग्लिसराइड्स या उच्च रक्तचाप होने से आपका जोखिम बढ़ सकता है।

फैटी लिवर की समस्या को प्राइमरी स्टेज पर रोककर रोकथाम में मदद मिलती है। दरअसल, लिवर शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स करने के लिए ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के फॉर्म में स्टोर करता है। ब्लैक काफी का सेवन करने से इंसुलिन सेंसिटीविटी में भी सुधार आने लगता है।

Jaante hain kya hai fatty liver ka kaaran
कोशिकाओं में वसा के जमाव के कारणथकान, कमज़ोरी और भूख कम लगती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

हेल्दी है ब्लैक कॉफी

जर्नल ऑफ न्यूट्रिएंट्स की रिपोर्ट के अनुसार ब्लैक कॉफी में कैफीन और एंटीऑक्सीडेंटस की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से फैटी लीवर से पीड़ित लोगों को मदद मिलती है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की रिपोर्ट में पाया गया कि ब्लैक कॉफी में प्रोटेक्टिव कंपाउंड मौजूद होते हैं। इसके सेवन से नॉन अलकॉहलिक फैटी लिवर और कैंसर जैसी लिवर की बीमारियों से बचाने में मदद मिलती हैं।

क्या फैटी लिवर में फायदेमंद है ब्लैक कॉफी?

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार ब्लैक कॉफी की मदद से मेटाबॉलिक रेट को कम करके हाई फैट डिपोज़िट से राहत मिलती है। दरअसल, लिवर में फैट ऑक्सीडेशन को बढ़ाकर लिवर में जमा फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है। इसके सेवन से लिपिड पाचन को कम करने और ऊर्जा चयापचय को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही आंतों की प्रणाली में सुधार नज़र आने लगता है।

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क्या ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है?

बीएससी पब्लिक हेल्थ की 2021 की रिपोर्ट में पाया गया कि दिनभर में 2 कप या 3 कप ब्लैक कॉफी पीने से क्रॉनिक लिवर डिज़ीज़ का खतरा कम होने लगता है। इसके सेवन से लिवर एंजाइम्स के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा फैटी लिवर, लिवर कैंसर और हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा का खतरा कम हो जाता है।

Black coffee ke fayde
दिनभर में 2 कप या 3 कप ब्लैक कॉफी पीने से क्रॉनिक लिवर डिज़ीज़ का खतरा कम होने लगता है। चित्र : शटरस्टॉक

यहां जानिए कैसे फैटी लिवर को हेल्दी लिवर में बदल सकती है ब्लैक कॉफी

1. लिवर एंजाइम्स संतुलित होते हैं

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ब्लैक कॉफी के नियमित सेवन से लिवर एंजाइमों के उच्च स्तर को कम किया जा सकता है। दरअसल, शरीर में अनियमित खानपान और स्वास्थ्य समस्याओं के चलते एंजाइम्स का स्तर असंतुलित होने लगता है। ब्लैक कॉफी का सेवन करने से एलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज़ यानि एएलटी और एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़ यानि एएसटी इन दोनों एंजाइमों का ऊंचा स्तर कम हो जाता है। इससे लिवर के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव दिखने लगता है।

2. एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज़

इसमें पाए जाने वाले एंटीइंफ्लामेटरी गुणों के चलते फाइब्रोइसिस का जोखिम कम होने लगता है। दिनभर में 2 से 3 बार ब्लैक कॉफी पीने से शरीर को क्लोरोजेनिक एसिड और कैफिक एसिड जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड की प्राप्ति होती है। इससे लिवर की सूजन कम होने लगती है और लिवर संबधी अन्य समस्याएं हल हो जाती हैं।

Black coffee ke fayde
ब्लैक कॉफी पीने से शरीर को क्लोरोजेनिक एसिड और कैफिक एसिड जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड की प्राप्ति होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. लिवर डिटॉक्स होता है

ब्लैक काफी का सेवन करने से शरीर में पैराक्सैन्थिन नाम का कंपाउड बनने लगता है, जिससे शरीर में फाइब्रोसिस का जोखिम बढ़ाने वाले पदार्थों का स्तर कम होने लगता है। इसकी मदद से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों का डिटॉक्स करने के अलावा लिवर कैंसर, सिरोसिस और फैटी लिवर का खतरा कम होता है। साथ ही हेपेटाइटिस सी से शरीर को बचाव होता है।

4. एंटीऑक्सीडेंट्स करते हैं प्रोटेक्ट

इसमें पाए जाने वाली पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा फैट डिपॉज़िट से बढ़ने वाले फ्री रेडिकल्स के खतरे को कम कर देती है। ब्लैक कॉफी की मदद से ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो जाता है। इसमें मौजूद मौजूद बायोएक्टिव फाइटोकेमिकल्स शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास करता है। दिन में 2 से 3 कप ब्लैक कॉफी का सेवन करें।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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