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स्किन एलर्जी से लेकर कैंसर तक दे सकते हैं इलैक्ट्रिक केतली और टोस्टर जैसे किचन एप्लाइंसेस

आपके खाने को स्वादिष्ट और जल्दी बनाने के लिए आपका किचन इलैक्ट्रॉनिक एप्लाइंसेस से लैस है। लेकिन क्या इसमें बना खाना आपकी सेहत के लिए हेल्दी है? आइए पता करते हैं।
किचन के उपकरणों का ज्यादा इस्तेमाल कम करें। चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 4 Dec 2021, 17:30 pm IST
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किचन में मौजूद इलैक्ट्रॉनिक एप्लाइंसेस ने जीवन बहुत आसान बना दिया है। आप जो घर और प्रोफेशन दोनों मैनेज कर पा रहीं हैं, इसका क्रेडिट काफी हद तक इन्हीं को दिया जा सकता है। टोस्टर, माइक्रोवेव ओवन, फ्रिज, राइस कुकर, इलैक्ट्रिक केटल आदि आपकी रसोई के महत्वपूर्ण सामान बन गए हैं। लेकिन क्या ये आपकी सेहत के लिए भी उतने ही लाभदायक हैं? इनसे निकली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड एवं रेडिएशन का क्या होता है आपकी सेहत पर असर?  आइए आज इस महत्वपूर्ण मुद्दे को खंगालते हैं। 

इनके साथ खाना बनाना बेहद सुविधाजनक है, क्योंकि यह सरल और तेज है। साथ ही आपको शारीरिक परिश्रम करने की आवश्कता नहीं होती है। मगर बहुत से अध्ययन मानते हैं कि इनसे निकली हानिकारक रेडिएशन आपके खाने के पौष्टिक तत्वों को नुकसान पहुंचा सकती है। आप सोच सकते हैं, कि क्या इन उपकरणों का उपयोग करना सुरक्षित है?

अवन आपके खाने में सूक्ष्म कणों को बढ़ावा देता है। चित्र:शटरस्टॉक

जानिए इलेक्ट्रिक उपकरण आपकी सेहत को कैसे प्रभावित करती हैं? 

1. माइक्रोवेव ओवन 

जहां तक माइक्रोवेव की बात है, इस पर खाना पकाने में समय कम लगता है और यह भोजन को उबालता नहीं है। दो समीक्षाओं के अनुसार माइक्रोवेविंग आपके खाने में अन्य तरीकों के मुकाबले छोटे कणों का संचार करता है। 

माइक्रोवेव ओवन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन उत्पन्न करते हैं। यह रेडिएशन आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।हालांकि, ये किसी परमाणु बम जैसी रेडिएशन का प्रकार नहीं है। यह ऐसे विकिरण उत्पन्न करते हैं, जो आपके फोन के रेडिएशन के समान है। इसमें खाना पकाने से खाने का हर पोषक तत्व कम को जाता है। यह मुख्य रूप से तापमान नियंत्रण, खाना पकाने और समय बचाने जैसे कारकों में योगदान करता है। 

एफडीए (FDA) द्वारा किये गए अध्ययन में पाया गया कि सिर्फ 1 मिनट की माइक्रोवेविंग ने लहसुन में कैंसर से लड़ने वाले कुछ जरूरी कंपाउंड को नष्ट कर दिया। साथ ही इसने ब्रोकोली के 97% फ्लेवेनोइड एंटीऑक्सीडेंट को नष्ट कर दिया। जब आपके खाने से ऐसे जरूरी पोषक तत्व नष्ट होते हैं, तो यह खराब पाचन, कब्ज, एसिडिटी और अन्य परेशानियों का कारण बन जाते हैं। 

2. फ्रिज

हर किचन की जरूरत बन चुका है रेफ्रिजरेटर। वर्तमान में इसे सबसे बड़ी तकनीकी प्रगति में से एक माना जा सकता है। बिजी शेड्यूल के बीच खाना बनाना और उसे फ्रिज में रखना एक आसान तरीका हो गया है। यह आपको समय से पहले भोजन तैयार करने और फिर उसे स्टोर करने में मदद करता है। बहुत लोग बड़ी मात्रा में खाना भी पकाते हैं और उसे फ्रिज में रख देते है, क्योंकि इससे उनका काम आसान जो जाता है। लेकिन क्या आपके स्वास्थ्य को इसकी आवश्यकता है?

फ्रिज में खाना रखने और स्टोर करने की प्रक्रिया में कई जरूरी पोषक तत्वों की हानि होती है। इसके अलावा, उनके रंग, स्वाद और बनावट में भी नकारात्मक बदलाव होने लगता है। ज्यादा देर तक बचा हुआ खाना आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। 

फ्रिज में रखे खाना से फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। चित्र: शटरस्स्टॉक

बचा हुआ खाना कम से कम 3 से 4 दिन फ्रिज में रखा जा सकता है। यह उसे बाहरी रूप से ताजा रखता है, लेकिन अधिक समय तक रखा भोजन उनके पोषण मूल्यों को हानि पहुंचाता है। साथ ही इससे फूड प्वाइजनिंग या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

3. टोस्टर 

सुबह जल्दी नाश्ता करने के लिए टोस्ट का एक टुकड़ा लेना बहुत आसान और स्वस्थ विकल्प की तरह लगता है। लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने टोस्टर के अंदर हानिकारक कणों के जोखिम की पुष्टि की है। कम हानि के लिए उन्होंने ब्रेड को सुनहरा रंग होने तक टोस्ट करने की सलाह दी है। इसके अतिरिक्त वे मानते हैं कि तवे पर टोस्ट किया ब्रेड टोस्टर की तुलना में बेहतर विकल्प है। 

वास्तव में, शोधकर्ता मरीना वेंस के अनुसार, बस एक टोस्टर को चालू करके आप अपने घर की हवा में जहरीले कणों को छोड़ते हैं। इसके बाद द एज द्वारा प्रकाशित शोध में पाया गया कि अधिक टोस्ट की गई ब्रेड में एक्रिलमाइड का स्तर अधिक होता है। 

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यह एक कुख्यात कैंसर पैदा करने वाला विष है। सबसे कुरकुरे टोस्ट में हल्के टोस्ट की गई ब्रेड की तुलना में लगभग 19 गुना अधिक एक्रिलमाइड होता है। इसलिए शोध के मुख्य वैज्ञानिक ने सुझाव दिया कि ब्रेड को सिर्फ एक मिनट से भी कम समय तक टोस्ट करना चाहिए। 

4. इलैक्ट्रिक केतली 

इलैक्ट्रिक केटल में एक कप चाय बनाने की दैनिक आदत एक स्वास्थ्य समस्या में योगदान दे सकती है। इलैक्ट्रिक केटल में उबले पानी का उपयोग करने से त्वचा की एलर्जी हो सकती है। यह केटल से निकली निकल के संपर्क में आने वाले तत्वों के कारण होता है। 

केटल में उबला पानी अधिक एसिडिक होता है, जिसके परिणामस्वरूप आपकी सेहत पर असर पड़ता है। चेतावनी आमतौर पर केटल के बेस को कवर करने वाले तत्वों को लेकर दी जाती है। निकल कोटिंग और स्टेनलेस स्टील के बीच फर्क कर पाना मुश्किल होता है, जिसके कारण आप गलत केटल का भी प्रयोग कर सकते हैं। 

आपके पाचन को होता है नुकसान। चित्र : शटरस्टॉक

वैज्ञानिक सलाहकारों ने निष्कर्ष निकाला है कि स्टेनलेस स्टील की तुलना में निकल कोटिंग वाले इलेक्ट्रिक केटल अधिक स्वास्थ्य जोखिमों का कारण होते हैं। निकल के प्रति संवेदनशील लोगों के लिए स्किन इन्फेक्शन और पेट संबंधी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है। 

तो लेडीज, अगर आप अपने लग्जरी किचन को सारे इलेक्ट्रिक एप्लायंस से भरना चाहती हैं, तो पहले उसके स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जरूर जान लें।

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अदिति तिवारी

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