प्रेगनेंसी से लेकर किडनी रोग तक, आपकी पेशाब का रंग बता देता है आपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ
पेशाब का रंग सेहत के बारे में बहुत कुछ बताता है। पेशाब का रंग सफेद या फिर हल्के पीले से गहरा पीला हो सकता है, मगर इसके रंग में हुए छोटे – छोटे बदलाव कई स्वास्थ्य जोखिमों का संकेत हो सकते हैं। इसकी गंध, कांसिस्टेंसी और रंग आपकी जीवनशैली और सेहत के बारे में कई महत्वपूर्ण संकेत दे सकते हैं।
अच्छी बात यह है कि पेशाब का रंग समझकर आप अपने स्वास्थ्य का हाल भी जान सकती हैं और चिकित्सीय सलाह ले सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको पेशाब के रंग से जुड़ी सभी बातें बताएंगे, जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी हैं।
कैसा होती है सामन्य पेशाब?
मूत्र 95% पानी होता है। बाकी 5% में यूरिया, क्लोराइड, सोडियम, पोटेशियम, क्रिएटिनिन और अन्य भंग आयन, साथ ही विभिन्न अकार्बनिक और कार्बनिक यौगिक शामिल हैं। मूत्र का सबसे आम रंग पीला है, जो यूरोबिलिन की उपस्थिति के कारण होता है, जो पुरानी लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से उत्पन्न बायोकैमिकल वेस्ट है।
आइ जानते हैं कौन सा रंग आपके स्वास्थ्य के बारे में क्या संकेत देता है
1. ट्रांसपेरेंट – रंगहीन मूत्र ज्यादा हाइड्रेशन का संकेत दे सकता है। ज्यादा हाइड्रेशन आवश्यक लवण, जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स को पतला कर सकता है, जिससे रक्त में एक समस्याग्रस्त रासायनिक असंतुलन पैदा हो सकता है।
2. हल्का या ज्यादा पीला – जहां हल्का पीला रंग सामान्य स्वास्थ्य, स्वस्थ और अच्छी तरह से हाइड्रेटेड शरीर का संकेत देता है। वहीं ज्यादा पीला रंग हल्के डिहाइड्रेशन का सूचक है।
3. हल्का नारंगी या नारंगी- इसका मतलब डिहाइड्रेशन है, लेकिन यह लिवर या पित्त नली की समस्याओं, खाद्य रंगों का सेवन या रक्तप्रवाह से अतिरिक्त B विटामिन के कारण भी हो सकता है। कुछ दवाएं भी इसका कारण बन सकती हैं।
4. गहरा नारंगी, भूरा, गहरा भूरा या काला- पीलिया, रबडोमायोलिसिस या गिल्बर्ट सिंड्रोम का संभावित लक्षण है। कुछ दवाएं भी पेशाब को काला कर देती हैं। हालांकि, तांबे या फिनोल विषाक्तता या मेलेनोमा जैसे संभावित कारण अधिक चिंताजनक हैं, जिसके परिणामस्वरूप मेलेनुरिया नामक काला मूत्र हो सकता है।
5. लाल – यह रंग कई चीजों का चिंताजनक संकेत हो सकता है। मूत्र में रक्त, जिसे हेमट्यूरिया कहा जाता है, गुर्दे की पथरी, मूत्र पथ में संक्रमण या ट्यूमर का संकेत हो सकता है। यह प्रोस्टेट की समस्या का संकेत हो सकता है। मूत्र का रंग लाल दिखने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।
6. हरा या नीला – यह रंग मूत्र पथ में जीवाणु संक्रमण का संकेत दे सकता है। इसके अलावा, यह हाइपरलकसीमिया या “ब्लू डायपर सिंड्रोम” का लक्षण भी हो सकता है। इसलिए, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
7. सफेद या दूधिया – यह कैल्शियम या फॉस्फेट, मूत्र पथ के संक्रमण या अत्यधिक प्रोटीन जैसे कुछ खनिजों की अधिकता के कारण हो सकता है। अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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कस्टमाइज़ करेंपेशाब में झाग बनना हो सकता है किडनी रोगों का संकेत
अगर आपके पेशाब में झाग बन रहे हैं, तो इसकी एक बड़ी वजह किडनी की खराबी हो सकती है। किडनी हमारे खून को फिल्टर करती है और कचरे को मूत्र में परिवर्तित कर देती है। यदि यह प्रक्रिया ठीक से काम नहीं कर रही है, तो आपके मूत्र में झाग बन सकते हैं।
अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के क्लिनिकल जर्नल द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, आपके पेशाब में बहुत अधिक झाग भी गुर्दे की बीमारी का संकेत हो सकता है।
इसके अलावा, मधुमेह, प्रोटीन का ज्यादा सेवन और थायराइड की वजह से भी मूत्र में झाग बनने लगते हैं।
मूत्र में उत्पन्न होने वाले इन सभी रंगों और संकेतों को समझें और तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं!
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