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दर्द से लेकर खानपान तक, जानिए आर्थराइटिस के बारे में प्रचलित 6 ऐसे मिथ्स, जो पूरी तरह निराधार हैं

Arthritis myths and facts
जानिए आर्थराइटिस के बारे में प्रचलित 6 ऐसे मिथ्स, जो पूरी तरह निराधार हैं चित्र : एडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 14 Feb 2023, 10:15 am IST
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आर्थराइटिस (Arthritis) का नाम जुबान पर आते ही घुटनो में दर्द, चलने में तकलीफ और उंगलियों के टेढ़ेपन की तस्वीरें ज़ेहन में उठने लगता है। कई प्रकार के आर्थराइटिस लोगों को अपनी चपेट में ले रहे है। बड़ी तादाद में लोग इस बीमारी के शिकार हैं। मगर ज्ञान की कमी और सही डॉक्टरी सलाह न मिल पाने के कारण लोग इस सच्चाई से बहुत दूर हैं।आइये जानते हैं इससे जुड़े मिथक एंड फैक्ट्स (Myths and facts of arthritis)

आर्थराइटिस यानि गठिया एक ऐसा रोग है, जिसमें ज्वाइंटस में दर्द और सूजन की समस्या रहने लगती है। खान पान की गलत आदतों और सही लाइफस्टाइल न होने के चलते लोगों को इस बीमारी से होकर गुज़रना पड़ता है। इसके अलावा किसी इन्फेक्शन या चिकन गुनिया के कारण भी यह रोग होने की संभावना रहती है। साथ ही यूरिक एसिड (Uric acid) बढ़ने के कारण भी यह रोग आपको अपनी चपेट में ले लेता है। ये बीमारी बड़ों के साथ साथ बच्चों को भी प्रभावित करती है।

इस बारे में जानकारी देने के लिए हमारे साथ हैं आरटिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन

आनुवंशिक कारणों, इम्यून सिस्टम कमजोर होने, मेटाबोलिक रेट में परिवर्तन से गठिया हो सकता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

1 अर्थराईटिस कभी न ठीक होने वाला रोग है?

आमातौर पर ऐसा माना जाता है कि अर्थराईटिस एक ऐसा रोग है, जिसका कोई इलाज नहीं है। मगर रिसर्च की मानें, तो नियमित डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज़ और डॉक्टरी इलाज की मदद से इस रोग को दूर किया जा सकता है।

2 फिंगर्स को ट्विस्ट करने से होती है समस्या

बहुत से लोगों का मानना है की फिंगर्स को ट्विस्ट करने से उँगलियों के जोड़ों पर उसका असर देखने को मिलता है उनके मुताबिक उंगलियों को चटकाने से जोड़ों में दर्द की संभावना बढ़ती है। हालांकि ये मान्यता पूरी तरह से गलत है। आर्थराइटिस की संभावना बढ़ जाती है। मगर ये पूरी तरह से गलत है। दरअसल, उंगलियों को चटकने से न ही र्दद और सूजन आती है और न ही अर्थराईटिस का खतरा रहता है, बशर्ते अगर आपको कोई चोट न लगी हो।

3 अर्थराईटिस में एक्सरसाइज नहीं कर सकते

जॉइंट पैन होने के कारण आर्थराइटिस में एक्सरसाइज को गलत माना जाता है। दरअसल, अर्थराईटिस के कारण बॉडी पैन रहती है। इससे उठने बैठने और चलने फिरने में दिक्कत होती है इस बारे में डॉक्टर्स का मानना है की इस समस्या से बाहर आने के लिए वॉक पर जाना ज़रूरी है।

world arthritis day
जानिए उम्र से पहले होने वाले गठिया से आप कैसे बच सकती हैं। चित्र ; शटरस्टॉक

4 यह बुढ़ापे में होने वाली बीमारी है

अर्थराईटिस एक ऐसी बिमारी है जो सिर्फ बुढ़ापे में ही नहीं बल्कि बचपन में भी हो सकती है। छोटे बच्चों को भी अपनी चपेट में लेने वाली यह बिमारी कई बार स्टेरॉयड के ज्यादा इन्टेक से भी बढ़ जाती है।

5 हर दर्द आर्थराईटिस है

जोड़ों का दर्द एक आम समस्या हैं, जो बुजुर्गों के साथ साथ कम उम्र के लोग को भी अपनी चपेट में ले रही है। मगर हर र्दद को अर्थराईटिस से जोड़ना गलत हैं। जी हां किसी भी तरीके के उपचार से पहले वो चाहे डॉक्टरी हो यां घरेलू बीमारी की जांच करवाना बेहद ज़रूरी है। क्यों की हर र्दद अर्थराईटिस नहीं हैं।

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6 इसमें डाइट से कोई सुधार नहीं होता

ऐसा भी माना जाता है की डाइट में बदलाव आर्थराइटिस के खतरे को कम नहीं कर सकते हैं। रिसर्च की मानें तो डाईट में फ्रूट्स, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, मछली और ऑलिव ऑयल समेत ज़रूरी खाद्य पदार्थों को शामिल करके अर्थराईटिस के र्दद को दूर किया जा सकता हैं। डाइट में विटामिन सी, विटामिन बी, जिंक और कॉपर को ऐड करके इस बिमारी को दूर किया जा सकता है।

यहां जानिए अर्थराईटिस के प्रकार

ऑस्टिओआर्थरिटिस

आर्थराइटिस किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। ऑस्टिओआर्थरिटिस बढ़ती उम्र के साथ साथ किसी दुर्घटना का शिकार होने पर भी होने की संभावना रहती है।

रूमेटाईड आर्थराइटिस

यह एक ऐसा आर्थराइटिस है, जो शरीर में इन्फेक्शन के कारण बढ़ता है। चिकन गुनिया भी इसका एक कारण साबित हो सकता है। इसके कारण हर वक़्त थकान का अनुभव होने लगता है।

बच्चों का आर्थराइटिस

16 साल से कम उम्र के बच्चों में ये बीमारी देखने को मिलती है। इससे मांसपेशियों में जकड़न और सूजन बनी रहती है। किशोर गठिया के नाम से प्रचलित ये बीमारी हड्डियों को नष्ट करने का काम करती है।

आर्थराइटिस के लक्षण

तेज दर्द
रेडनेस का होना
स्टिफनेस महसूस होना
हिलने-डुलने में समस्या
लंग्स प्रॉब्लम और ब्रीथिंग प्रॉब्लम

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ज्योति सोही ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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