पेट में गैस बनना स्वभाविक है। पाचन संबंधी यह समस्या आमतौर पर सभी उम्र के लोगों में देखने को मिलती हैं। गैस होना एक सामान्य समस्या है। पर यदि इसे इग्नोर किया जाए तो यह आगे चलकर आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हो सकती है। पेट में गैस बनना खासतौर से आपके पाचन तंत्र पर निर्भर करता है। गैस की समस्या में आपके खान-पान की आदतों से लेकर शारीरिक गतिविधियों तक का हाथ होता है। यहां विशेषज्ञ उन सामान्य कारणों के बारे में बता रहे हैं, जो आपके पाचन को कमजोर कर गैस बनने का कारण हो सकते हैं।
पेट मे गैस्ट्रिक ग्रंथियां जब बहुत अधिक एसिड का उत्पादन करती हैं, तो ऐसे में गैस और एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। इसके कारण गैस, सांस की बदबू, पेट दर्द, उल्टी और दूसरी समस्याएं होती हैं। गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं। यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि सभी को गैस एक ही कारण से बने। ऐसे में समय रहते गैस को नियंत्रित कर लेना बहुत जरूरी है। गैस की समस्या में दवाइयां लेने की नौबत न आने दें।
इसके लिए हमने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद के सीनियर कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉ शुभम वात्स्या से बात की। जानिए वे इस बारे में क्या कहते हैं –
कार्बोनेटेड ड्रिंकस जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा आदि आपकी गैस की समस्या का कारण हो सकते हैं। यदि कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीने से पेट भारी लगता है, तो सादा पेय पीने की कोशिश करें। ऐसी ड्रिंक्स पीने से पहले यह ध्यान रखें कि आपका पेट खाली न हो।
सही समय पर भोजन न करने से पेट में गैस बनने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही मील स्किप करने की आदत गैस की समस्या को ट्रिगर करने का काम करती हैं। रात को सोने से कम से कम 2 से 3 घंटे पहले डिनर कर लेना चाहिए। खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं। क्योंकि यह सभी आदतें आपको गैस और एसिडिटी की समस्या से ग्रसित कर सकती हैं।
आपकी कमजोर पाचन क्रिया खाने को पूरी तरह नहीं पचा पाती, जिसके कारण कब्ज की समस्या होती है। कब्ज गैस का एक प्रमुख कारण होता है। वहीं स्लो डाइजेशन प्रोसेस के कारण बैक्टीरिया ज्यादा देर तक एक्टिव रहती है जिससे पेट मे गैस बनने लगती है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और कुछ दवाइयां भी आपकी गैस का कारण हो सकती हैं।
आपकी रोजाना के डाइट में ऐसे कई फूड्स होंगे जिनकी वजह से गैस बन सकती है। जैसे कि ब्रोकली, मटर, छोटे राजमा, या पत्तेदार साग, साबुत अनाज, साइलियम युक्त फाइबर फूड भी पेट में गैस को उत्तेजित करने का काम करते हैं। कुछ लोगों को डेयरी और ग्लूटेन प्रोडक्ट से भी गैस बन सकती है।
ऐसी कई बीमारियां हैं जिसकी वजह से आपके पेट में गैस बन सकता है। इनमे शामिल है इंफेक्शन, पथरी, ट्यूमर, अल्सर, वायरल फीवर, डायबिटीज, थायराइड, इंटेस्टाइनल ब्लॉकेज इत्यादि। आपको बता दें कि आपकी मानसिक चिंता, डिप्रेशन और एंग्जायटी भी गैस बना सकती हैं।
भूख न लगना और पेट का फूल जाना।
पेट में ऐठन और दर्द महसूस होती है।
उल्टी बदहजमी और दस्त की समस्या।
बार-बार बर्प और फार्ट की समस्या होती है।
सिर दर्द और असहज महसूस करना।
आलस और बेचैनी महसूस करना।
बहुत ज्यादा गैस बनने पर हृदय में दर्द हो सकता है।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद के सीनियर कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉ शुभम वात्स्या ने कहा कि गैस एक आम समस्या है जिसमें दवाइयों की जगह कुछ खास घरेलू नुस्खों को सही तरह से इस्तेमाल करने से समस्या से राहत मिल सकती है। वे इसके लिए इन पांच घरेलू उपायों को आजमाने का सुझाव देते हैं।
नियमित रूप से व्यायाम का अभ्यास और टहलने की आदत से आपको गैस की समस्या से राहत मिल सकती है। डॉक्टर ने बताया की सप्ताह में कम से कम 5 दिन, 20 मिनट का समय निकालकर तेज रफ्तार में टहलने से हमारी आंत और पाचन क्रिया मजबूत होती है। जिसके कारण खाना जल्दी और आसानी से पचता है, ऐसे में गैस बनने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
गैस की समस्या से दूर रहने के लिए मैदे के बने प्रोडक्टस जिनमें फर्मेंटेड कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं, उनका कम से कम सेवन करने का प्रयास करें। मैदे से बने प्रोडक्ट्स पचाने में आसान नहीं होते और आपकी आंत को कमजोर कर सकते हैं। गैस की समस्या में कार्बोनेटेड ड्रिंकस जैसे कि सोडा, कोला इत्यादि से परहेज रखना बहुत जरूरी है। क्योंकि यह सभी पदार्थ आपके पेट में गैस को उत्तेजित करने का काम करते हैं।
डॉ शुभम वात्स्या के अनुसार गैस की समस्या से बचने के लिए एक बार में अधिक भोजन करने की जगह छोटी-छोटी मल्टीपल मिलस लिनी चाहिए। एक बार में अधिक भोजन करने से खाना ठीक तरह नहीं पच पाता जिसके कारण गैस बनती है। साथ ही खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं। खाने के कम से कम 40 मिनट के बाद पानी पीना चाहिए।
गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ शुभम वात्स्या कहते हैं रेड मीट का सेवन गैस बनने का एक बड़ा कारण हो सकता है। रेड मीट को डाइजेस्ट करना मुश्किल होता है। इसके डाइजेशन में फर्मेंटेशन ऑफ़ गैसेस ज्यादा होती हैं, जिसके कारण गैस की समस्या होती है। ऐसे में कम से कम रेड मीट कंज्यूम करने की कोशिश करें।
डॉक्टर के अनुसार रात के डिनर और सोने के बीच कम से कम 3 घंटे का गैप रखना जरूरी है। खाने के तुरंत बाद बेड पर आ जाने से खाना पूरी तरह पच नहीं पाता जिसके कारण गैस की समस्या उत्पन्न होती है। इसीलिए रात के डिनर के बाद कुछ देर टहलने और शरीर को सक्रिय रखने का प्रयास करें।
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