काले रंग से जुड़े कई मिथ हैं। काले रंग के बारे में कहा जाता है कि यह नकारात्मक विचारों का प्रतीक है। इसलिए जब लोग शोक प्रकट करने के लिए किसी स्थान पर जाते हैं, तो वे काले रंग की पोशाक पहन लेते हैं। हम बोलचाल की भाषा में भी यह कहते हैं कि उसके साथ अच्छा नहीं हुआ, उसकी दुनिया काली हो गयी। यहां तक कि काले रंग की ब्रा पहनने से भी मना किया जाता है। ऐसा करने वालों का मानना है कि काले रंग की ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर हो जाता है! ये सब कितना सच है और कितना झूठ (myths and facts about black color) आइए इस लेख में जानते हैं।
काले रंग के साथ एक पॉजिटिव बात यह जुड़ी है कि काले कपड़े में मोटापा का कम पता चलता है, यानी मोटे लोग काले कपडे में दुबले लगते हैं। क्या है इस बात के पीछे की सच्चाई या काले रंग से जुड़े दूसरे मिथ और फैक्ट (Black Color myths and facts) क्या हैं, आइये जानते हैं।
फैक्ट : इस मिथ को जानकर ऐसी महिलाओं की तादाद बढ़ गई जिन्होंने काली ब्रा पहनना छोड़ दिया। डॉ. तनाया, जो इन्स्टाग्राम पर डॉ. क्यूटरस के नाम से मशहूर हैं, उन्होंने हाल ही में अपनी एक पोस्ट के माध्यम से इस मिथ के पीछे के फैक्ट के बारे में बताया।
डॉ. क्यूटरस ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि काले कपड़े सूर्य की रोशनी को अधिक अवशोषित करते हैं, इसलिए कैंसर हो सकता है। जबकि ब्रा और कैंसर का कोई संबंध नहीं है। गर्मी में तेज धूप के कारण पसीना अधिक चलता है। काला रंग गर्मी अधिक सोखता है, जिससे पसीना जल्दी नहीं सूख पाता है। इस पसीने में बैक्टीरिया ग्रो करने की संभावना भी बनी रहती है।
फैक्ट : यह बिल्कुल सही है। स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के न्यूरोसाइंटिस्ट्स मानते हैं कि हमारी आंखों द्वारा रंग देखने का प्रभाव पड़ता है। हमारे न्यूरॉन्स लाइट स्टिमुली के आकार को बहुत बड़ा कर देखते हैं। दूसरी ओर वे अंधेरे या ब्लैक कलर को उसी रूप में देखते हैं जिस रूप में वे होते हैं। इसलिए हल्के रंग या सफेद रंग में आपके मोटापा का पता चल जाता है, जबकि काले रंग के कपड़े में नहीं।
फैक्ट : कलर साइकोलॉजी इस बात की मान्यता देता है कि काला रंग उदासी बढ़ाता है। यूरोप मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, काला या ग्रे कलर खालीपन का एहसास दिलाता है। यह निराशा और अविश्वास को बढ़ावा देता है। यही वजह है कि शोक प्रकट करने को काले कपड़े से जोडकर देखा जाता है।
फैक्ट : इस पर फिफ्टी-फिफ्टी विश्वास किया जा सकता है, क्योंकि ये एक तरह का स्टीरियोटाइप बन गया है। जो लोगों के सोचने के तरीके से जुड़ा है। ऑफिशियल ड्रेस माना जाता है काले रंग के कोट, पैंट और टाई को। साथ में ब्लैक जूते भी डाले जाते हैं।
स्टडिया साइकोलोजिका में वर्ष 2013 में एक स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की गई। काले कलर के प्रभाव को मापने के लिए 450 से भी अधिक आदमी पर स्टडी की गई। इसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि ब्लैक कलर अग्रेसिवनेस को दर्शाता है। यह लीडरशिप स्किल और अधिकार को प्रदर्शित करता है। इसलिए हाई लेवल मीटिंग और लीडर काले कलर के कपड़े पहनना पसंद करते हैं।
पर आजकल वर्किंग गर्ल्स अपनी पसंद के कपड़ों में भी अच्छी लीडरशिप और अच्छी मीटिंग होल्ड कर सकती हैं। तो डोंट वरी, ब्रा से लेकर कोट तक, आपका जो मन करे, बिंदास पहनिए।
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