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पीठ दर्द से लेकर अनिद्रा तक, कई समस्याओं से निजात दिलाता है जमीन पर सोना

क्या आप भी बचपन में पूरे परिवार के साथ छत पर चटाई बिछा कर सोते थे? तो जानिए आपकी सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है जमीन पर सोना।
बच्चे को सप्ताह में 6 दिन फिक्स टाइम पर सुलाने का प्रयास करना चाहिए। इससे बच्चों में चीजों को याद रखने की क्षमता बढ़ने लगती है। चित्र : शटरस्टॉक
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पुराने जमाने में जब ऊंचे बेड और गद्दे नहीं हुआ करते थे तब हर कोई ज़मीन पर चटाई बिछाकर ही सोता था। परिवार के सभी सदस्य तब एक साथ फर्श पर सोया (Sleeping on floor) करते थे, जिसमें बहुत मज़ा आता था। खासकर छत पर चटाई बिछाकर सोने में।

आज बहुत मुश्किल से ही आपको कोई ऐसा मिलेगा, जो कहे कि मुझे जमीन पर सोना पसंद है। मगर भारतीय परंपरा का यह हिस्सा रहा है। आज भी नवरात्रि (Navratri 2022) में कुछ लोग ज़मीन पर सोते हैं और व्रत रखते हैं। ऐसे में यदि आप भी फर्श पर सोने का विचार कर रही हैं तो बता दें कि इसके कई फायदे हैं।

जानिए ज़मीन पर सोने के फायदे

फर्श का ठंडा तापमान अधिक आरामदायक हो सकता है

जैसे जैसे गर्मी बढ़ती है, घर के अंदर तापमान भले ही गरम हो, लेकिन फर्श का तापमान ठंडा रहता है। इसलिए हो सकता है कि आपको ज़मीन पर सोने से अच्छी नींद आए। जब फर्श ठंडा होता है तो यह आपके शरीर की गर्मी को जल्दी कम कर देता है। जिन लोगों के सोते समय ज़्यादा गर्मी महसूस होती है, उनके लिए फर्श पर सोना ज़्यादा आरामदायक हो सकता है, खासकर गर्मी के महीनों में। सामान्य तौर पर, लोग ठंडे बेडरूम में बेहतर नींद लेते हैं।

यह पीठ दर्द से राहत दिला सकता है

बहुत से लोग मानते हैं कि हार्ड गद्दे पीठ दर्द के लिए बेहतर है, जिसमें 75% आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक – पीठ दर्द से पीड़ित लोगों को सख्त सतह पर सोने की सलाह देता है।

गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द का अनुभव होना आम बात है। हालांकि ज्यादातर गर्भवती महिलाएं बिस्तर पसंद करती हैं। मगर कुछ को फर्श जैसी सख्त सतह पर सोना अधिक आरामदायक लग सकता है।

गद्दे पर सोने से पॉस्चर बिगड़ सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

खराब पॉस्चर का है कारण

कुछ लोग ऐसे गद्दे पर सोते हैं जो उनके शरीर के वजन के हिसाब से बहुत नरम होते हैं। जब एक गद्दा बहुत नरम होता है, तो आप उसके अंदर धस जाते हैं। यह खराब का कारण बन सकता है जिससे आपका पॉस्चर भी बिगड़ सकता है। यह गलत पॉस्चर आपकी रीढ़ पर दबाव बढ़ा सकता है और पीठ दर्द में योगदान कर सकता है।

यह आपकी मुद्रा में सुधार कर सकता है

खराब मुद्रा पीठ दर्द में एक और योगदानकर्ता हो सकती है और अन्य समस्याओं जैसे कम लचीलापन, रीढ़ की हड्डी का डिस्प्लेस होने, और चोट का खतरा बढ़ सकता है। फर्श पर सोने से आपके लिए नींद के दौरान अपनी रीढ़ को सीधा रखना आसान हो सकता है।

अनिद्रा को दूर भगाता है

नींद की खराब सतह अनिद्रा के प्रमुख कारणों में से एक है। यदि आपका गद्दा आपको नींद की समस्या दे रहा है, तो फर्श पर सोना सही विचार हो सकता है। शुरुआत में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन एक बार जब आपका शरीर समायोजित हो जाता है, तो आपको जमीन पर सोने में ज़्यादा अच्छा लगेगा।

अनियमित नींद आपको अनुत्पादक बना सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

तो यदि आप नवरात्रि के दिनों में ज़मीन पर सोने की कोशिश कर रही हैं, तो खुद को कैसे तैयार करें

मानसिक रूप से तैयार रहें

यदि आप ज़मीन पर सो रही हैं तो पहली कुछ रातें असहज होंगी। आपके शरीर में थोड़ा दर्द हो सकता है क्योंकि यह नई सतह के साथ तालमेल बिठा रहा होगा।

सही सतह चुनें

फर्श पर सोने का मतलब सीधे जमीन पर सोना नहीं है। आप एक चटाई का उपयोग कर सकती हैं। या एक साधारण योगा मैट का उपयोग कर सकती हैं।

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तकिया लगाएं

बहुत सारे तकिए के साथ फर्श पर न सोएं। आप एक पतले तकिए का उपयोग कर सकते हैं जो आपके सिर को थोड़ा ऊपर उठाती है। मोटा तकिया न लगाएं, इससे सर में दर्द भी हो सकता है।

सोने की सही पोजीशन चुनें

करवट लेकर, पेट के बल या पीठ के बल सोना – सब ठीक है। यह केवल इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस्में आराम मिलता है। सुनिश्चित करें कि आप बहुत अधिक दर्द में नहीं सो रहे हैं।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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