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बार-बार पेशाब आना हो सकता है डायबिटीज या यूटीआई का संकेत, समझें इन दोनों में फर्क

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, पर डायबिटीज किसी भी मर्ज की गंभीरता को और बढ़ा देती है। ऐसे में आपको समझना चाहिए इन दोनों ही बीमारियों के संकेत को।
Updated On: 10 Dec 2020, 01:09 pm IST
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पेशाब में जलन यूटीआई का भी संकेत हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

बार-बार पेशाब आना किसी के लिए भी असहज कर देने वाली स्थिति हो सकती है। खासतौर से कोरोना वायरस महामारी के समय में अगर आपको बाहर जाना पड़ रहा है, या वर्क स्टेशन पहुंचना है, तो यह स्थिति आपके लिए और भी चिंताजनक हो सकती है। बार-बार पेशाब आना कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। इनमें से दो मुख्य बीमारियां हैं डायबिटीज और यूटीआई।

क्या है यूटीआई (UTI)

यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (urinary tract infection)। यह 15 से 40 वर्ष की महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में हर पांच में से एक महिला ने अपने जीवन में कभी न कभी इस बीमारी का सामना किया होता है। इसमें महिलाओं में अन्य समस्याओं के साथ ही बार-बार पेशाब आने (Urinating Frequently) की समस्या भी होने लगती है।

यूटीआई होने पर आपको पेशाब में जलन भी महसूस हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

इसके साथ ही वेजाइनल इचिंग, पेट के निचले हिस्से में दर्द और पेशाब करते समय होने वाली जलन भी शामिल है। इसकी कई वजह हो सकती हैं। पर सबसे बड़ी वजह हाइजीन से जुड़ी है।
जब आप मासिक धर्म स्वच्छता का पूरी तरह पालन नहीं करती, तो आपको यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल करने से भी यह समस्या हो सकती है।

इस संक्रमण में बैक्टीरिया किडनी और ब्लेडर को नुकसान पहुंचाकर उन्हें ठीक से काम नहीं करने देते। इसका संक्रमण किडनी को ब्लैडर से जोड़ने वाली ट्यूब्स में भी फैल जाता है। ट्यूब्स और ब्लैडर में सूजन बढ़ जाने के कारण वहां यूरिन इकट्ठा नहीं हो पाता। जिसके चलते आपको बार-बार पेशाब करने जाना पड़ता है।

जानें डायबिटीज के बारे में

बार-बार पेशाब आना टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज का पहला संकेत है। इसमें ब्लेडर में बढ़े हुए शुगर को रिलीज करने के लिए आपको बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत महसूस होती है।
शुगर की मात्रा बढ़ जाने का दबाव किडनीज पर पड़ता है। वे उसे फि‍ल्टर करने की कोशिश करती हैं और जब ऐसा नहीं हो पाता तो उस बढ़ी हुई शुगर को ब्लैडर यूरिन के साथ बाहर धकेलता है।

इसलिए जब किसी को हम बार-बार पेशाब करने जाते देखते हैं तो मन में पहला संदेह यही होता है कि कहीं डायबिटीज तो नहीं।

हालांकि ऐसा महसूस होने पर अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में जरूरी सुधार करना समझदारी भरा कदम हो सकता है। पर हर बार यह नहीं हो पाता, क्योंकि आप यह तय नहीं कर पाती कि असल में समस्या क्या है? आपको किस डॉक्टर के पास जाना चाहिए?

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कन्‍फ्यूज न हो

तो इस मामले में और ज्यादा कन्‍फ्यूज होने की जरूरत नहीं है। हम आपको कुछ ईजी ट्रिक्स बताते हैं जिनसे आप समझ पाएंगी कि यह संकेत वास्तव में किस चीज के हैं!

हर बार आप बीमार नहीं हैं

अगर आप लगातार पानी पी रहीं हैं, लिक्विड ले रहीं हैं तो यूरिन पास करने की ज्यादा जरूरत होना स्वभाविक है। असल में यह आपके शरीर के सभी अंगों के सही परिचालन का भी संकेत है। विशेषज्ञ मानते हैं कि दिन भर में 6 से 9 बार यूरिन पास करना बिल्कुल सामान्य है। आपको इसकी चिंता करने की कतई जरूरत नहीं है।

दिन भर में 6 से 9 बार वॉशरूम जाना सामान्‍य है। चित्र : शटरस्टॉक

पर अगर आपको इससे ज्यादा बार शौचालय जाना पड़ रहा है तो आपको अपनी स्थिति पर ठीक से गौर करने की जरूरत है।

यूटीआई का संकेत

सबसे पहले आपको यूटीआई के बारे में जानना चाहिए। इसमें आपको बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत तो महसूस होती है, पर उसकी मात्रा ज्यादा नहीं होती। इसमें आपको यूरिन पास करने में भी तकलीफ महसूस होती है।

यूटीआई में पेशाब का रंग हल्का या गाढ़ा पीला होता है, साथ ही उसमें अजीब तरह की स्मैल भी होती है। तो इन संकेतों से अगर आपका सामना हो रहा है तो फौरन आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

अगर डाय‍बिटीज है तो

अगर आप दिन भर में दस से बारह बार से भी ज्यादा यूरिन पास कर रहीं हैं यानी आपको हर घंटे वॉशरूम जाना पड़ रहा है तो यह डाय‍बिटीज के संकेत भी हो सकते हैं।

डायबिटीज में आपको बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत पड़ती है और इसकी मात्रा भी ज्‍यादा होती है। चित्र : शटरस्‍टॉक

इसमें यूरिन पास करने की तीव्रता और मात्रा दोनों ही बढ़ जाती है।

अगर आपका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ गया है तो पेशाब में एक हल्की मीठी सी महक भी आ सकती है। इसलिए इन संकेतों को समझकर आपको संबंधित डॉक्टर से मिलने और अपने लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने की जरूरत है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

योगिता यादव एक अनुभवी पत्रकार, संपादक और लेखिका हैं, जो पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से हिंदी मीडिया जगत में सक्रिय हैं। फिलहाल वे हेल्थ शॉट्स हिंदी की कंटेंट हेड हैं, जहां वे महिलाओं के स्वास्थ्य, जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी सामग्री का संयोजन और निर्माण करती हैं।योगिता ने दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, जी मीडिया और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। वे 'हेल्दी ज़िंदगी' नाम का उनका हेल्थ पॉडकास्ट खासा लोकप्रिय है, जिसमें वे विशेषज्ञ डॉक्टरों और वेलनेस एक्सपर्ट्स से संवाद करती हैं।

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