विटामिन डी एक पोषक तत्व है, जिसे हम भोजन के माध्यम से लेते हैं। यह एक हार्मोन है, जो हमारा शरीर बनाता है। यह फैट में घुलनशील विटामिन (Fat Soluble Vitamin D) है, जो लंबे समय तक शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने और बनाए रखने में मदद करता है। दोनों मिनरल्स हड्डी के निर्माण के लिए जरूरी हैं।
कई स्टडी बताती हैं कि विटामिन डी कैंसर कोशिका वृद्धि को कम कर सकता है। यह संक्रमण को नियंत्रित करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। शरीर के कई अंगों और ऊतकों में विटामिन डी के लिए रिसेप्टर्स होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी हैं। जानते हैं विटामिन डी किस तरह इम्यून सिस्टम को मजबूत (Vitamin D for strong immunity) बनाता है।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, कुछ खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से विटामिन डी होता है। यदि पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिल रहा है, तो इसे प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका सप्लीमेंट लेना ( Supplement) है। विटामिन डी सप्लीमेंट दो रूपों में उपलब्ध है: विटामिन डी2 (ergocalciferol or pre-vitamin D) और विटामिन डी3 (cholecalciferol)। दोनों प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रूप हैं, जो सूर्य की पराबैंगनी-बी (UVB) किरणों की उपस्थिति में उत्पन्न होते हैं। इसलिए इसे सनशाइन विटामिन (Sunshine Vitamin) भी कहा जाता है।
सूर्य की रोशनी विटामिन डी का प्राथमिक प्राकृतिक स्रोत है। सूर्य की रोशनी की कमी के कारण शरीर में इसकी मात्रा घट जाती है। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में ब्लड में विटामिन डी का स्तर कम होता है। मेलेनिन पिगमेंट की उपस्थिति के कारण विटामिन डी का उत्पादन कम हो पाता है।
स्वस्थ हड्डियों और सामान्य कैल्शियम मेटाबोलिज्म को बनाए रखने के लिए विटामिन डी की आवश्यक मात्रा रहना जरूरी है। 19 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों के लिए प्रतिदिन 600 आईयू (15 MCG) है। 70 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों के लिए यह 800 आईयू (20 MCG) प्रतिदिन होना चाहिए।
बारिश के मौसम में संक्रमण का खतरा सबसे अधिक रहता है। इस मौसम में सूरज की रोशनी की भी कमी रहती है। खानपान में दिक्कत रहने के कारण इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है। संक्रमण की संभावना भी बढ़ जाती है। विटामिन डी सक्रिय रूप से वाइट ब्लड सेल्स की हानिकारक सूजन प्रतिक्रिया को कम करता है। यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं में सूक्ष्म जीव से लड़ने वाले प्रोटीन के उत्पादन को भी बढ़ाता है।
इन दिनों सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहने वाले बच्चों और वयस्कों में श्वसन संक्रमण भी कम देखा जाता है। हार्वर्ड हेल्थ के जापानी स्कूली बच्चों पर की गई क्लिनिकल स्टडी के अनुसार दैनिक विटामिन डी की खुराक लेने से मौसमी फ्लू से बचाव हुआ।
न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, बारिश के मौसम में विटामिन डी की पूर्ति के लिए मछली, अंडे और कवक (Fungi) का सेवन किया जा सकता है। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। कुछ सी फिश जैसे कि सैल्मन, सार्डिन, टूना फिश के अलावा झींगा का भी सेवन किया जा सकता है। इनसे दैनिक विटामिन डी के सेवन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। अंडे के साथ उसकी जर्दी भी लेनी चाहिए, क्योंकि इसमें विटामिन डी संग्रहित होता है।
आप यदि शाकाहारी हैं, तो मिल्क प्रोडक्ट भोजन का एक विकल्प हो सकता है। दूध, दही, छाछ, चेडर चीज़, परमेसन चीज़ भी विटामिन डी के बेहतरीन स्रोत हैं। इन खाद्य पदार्थों को अपने दैनिक आहार का हिस्सा बनाएं। मिल्क प्रोडक्ट (Dairy and Plant based foods for Vitamin D) का ताज़ा और प्रोसेस्ड केमिकल का नहीं होना जरूरी है। ध्यान दें, विटामिन डी वसा में घुलनशील है। इसलिए स्वस्थ वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने की कोशिश करनी चाहिए।
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