सर्दी के मौसम में खांसी और जुकाम बेहद आम है। इसे बदलते मौसम का असर माना जाता है। मगर कुछ मामलों में, यह अन्य कारकों के कारण भी हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि पहले सर्दी-खांसी के कारणों को जानें और फिर उसी के अनुसार उपचार करें।
खांसी होने पर आपको प्रदूषण में बाहर निकलने से बचना चाहिए। आपको ठंडे पेय और व्यंजन के सेवन से भी बचना चाहिए। जितना हो सके अपने गले और छाती के चारों ओर कपड़ों की कई परतें पहनें, ताकि यह गर्म और ढका रहे। खांसी को गंभीर होने से बचाने के लिए आपको ये कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
गुनगुना पानी बार-बार पिएं क्योंकि यह सामान्य सर्दी, खांसी और गले में खराश से लड़ने में मदद करता है। गर्म पानी गले में सूजन को कम करता है और शरीर से तरल पदार्थ और संक्रमण को फिर से भरने में मदद करता है।
अदरक की चाय का स्वाद तो अच्छा होता ही है साथ ही यह सर्दी-खांसी के इलाज में भी मदद करती है। यह चाय अंदर से कफ को सुखाने में मदद करती है। इस प्रकार श्वसन पथ से कफ को बाहर निकालती है। अदरक सर्दी को शांत करने और ठीक होने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए जाना जाता है।
लगभग सभी भारतीय रसोई में पाया जाने वाली, हल्दी में एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट होता है। जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करता है। गर्म दूध में हल्दी, सर्दी और खांसी से लड़ने का एक लोकप्रिय और प्रभावी तरीका है। सोने से पहले एक गिलास हल्दी वाला गुनगुना दूध पीने से सर्दी और खांसी से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
यह एक सदियों पुराना कारगर उपाय है, जो खांसी और सर्दी का प्रभावी ढंग से इलाज करती है। गरारे के लिए नमक के पानी में हल्दी मिलाने से भी लाभ होता है।
सर्दी से पीड़ित होने पर आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। कुछ विशिष्ट भोजन करने से समस्या बढ़ सकती है और लक्षण बिगड़ सकते हैं।
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