कोविड मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होने और डेल्मिक्रोन (Delmicron) के समुदायिक प्रसार के चलते चारों तरफ डर का माहौल है। हाल के घटनाक्रमों से यह साफ हो गया है कि तेज प्रसार की वजह से कोरोनावायरस का यह वेरिएंट (New Variant of Coronavirus) चिंता का विषय बेशक है, लेकिन कम खतरनाक है। अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण दिखायी दे रहे हैं और मरीज़ घर में ही आइसोलेट (Home isolation) कर रहे हैं। कुछ महत्वपूर्ण बातों का पालन (Home isolation guidelines) कर, इस संक्रामक वायरस से बचाव और रिकवरी में तेजी लायी जा सकती है।
वायरस से संक्रमित व्यक्ति एसिंपटोमेटिक (जिसमें लक्षण न दिखायी दें) हो सकता है, लेकिन यदि उनमें लक्षण दिखायी देते हैं तो इस प्रकार हो सकते हैं:
नया या पहले से मौजूद कफ जो अब बिगड़ रहा हो, 38 डिग्री सेल्सियस या अधिक बुखार, कंपकंपनी लगना, शरीर में दर्द, कमजोरी और थकान। इनका उपचार सावधानीपूर्वक तथा कुशल डॉक्टर के सपोर्ट से किया जा सकता है। लेकिन अपना उपचार खुद से न करें और न ही जरूरत से ज्यादा उपचार करें।
हर किसी को एंटीबायोटिक्स तथा एंटीवायरल्स की जरूरत नहीं होती। अधिकांश मामलों में संक्रमण सैल्फ लिमिटिंग होता है और उस पर ध्यान देने तथा लक्षणों के अनुसार मामूली दवाओं की जरूरत होती है।
संक्रमण से उबरने के लिए सबसे जरूरी है काफी आराम करना तथा बुखार की वजह से डीहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना।
आपके शरीर में पानी की मात्रा उचित है या नहीं इसका पता लगाने का एक तरीका यह हो सकता है कि आपके पेशाब का रंग हल्का पीला है या साफ।
इस संदर्भ में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जरूरत से ज्यादा विटामिन सी और खट्टे रसीले फलों का सेवन न करें। हो सकता है कि आपका शरीर पाचन के लिहाज से अभी कमजोर हो। और उन्हें पचा न पाए। ओमिक्रोन के लक्षण गट हेल्थ पर भी नजर आ रहे हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही विटामिन सी की खुराक सुनिश्चित करें।
दूसरे, कोरोनावायरस से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ता है। ऐसे में मस्तिष्क को आराम देने के लिए जरूरी है कि रात में भरपूर नींद ली जाए, सवेरे व्यायाम और ध्यान करें।
समुचित आराम, अच्छी खुराक और पानी का सेवन सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक है।
यह देखें कि सीने में दर्द या सांस फूलने की समस्या तो नहीं है। इसी तरह, शरीर में आलस्य या कुछ काम न करने की इच्छा होने पर चिकित्सकीय सहायता लें।
60 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज़ों तथा अन्य रोगों/विकारों जैसे कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज़, हार्ट रोग, क्रोनिक लंग/लिवर/किडनी रोग, सेरीब्रोवास्क्युलर रोग आदि को उपचार करने वाले डॉक्टर द्वारा जांच तथा समुचित मॉनीटरिंग एवं टेलीफोन पर फॉलो अप के बाद ही होम आइसोलेशन में रखना चाहिए।
कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीनेशन से स्वास्थ्यकर्मी मरीज़ों का शीघ्रता से इलाज कर पाते हैं और उसमें उन्हें सफलता भी मिलती है। वैक्सीनेशन, निश्चित रूप से इस रोग को गंभीर होने से रोकता है।
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