सर्दियों में सबसे ज्यादा परेशान करता है वायरल बुखार, जानिए आप इससे कैसे बच सकती हैं

मौसमी बुखार को हम और आप जितना हल्के में लेते हैं, यह उतना ज्यादा परेशान करता है। कब एक व्यक्ति से पूरे समूह या परिवार को यह अपनी चपेट में ले लेता है, पता ही नहीं चलता। इसलिए जरूरी है कि इस मौसम कुछ चीजों का खास ध्यान रखा जाए।
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आप इस बुखार के शुरूआती लक्षणों की पहचान कर उन पर काबू पा लेते हैं, तो आसानी से वायरल बुखार से बचा जा सकता है। चित्र : एडोब स्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 14 Dec 2022, 11:00 am IST
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मौसम बदलने के साथ साथ हमारे शरीर की रोध प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने लगती है। नतीजन सर्दियों के आगाज़ के साथ ही वायरल बुखार (Viral fever) तेज़ी से लोगों को अपनी चपेट में लेने लगता है। दरअसल, तापमान में आने वाले बदलाव के कारण इम्युनिटी कमज़ोर हो जाती है और शरीर बहुत जल्द संक्रमण से घिर जाता है। वायरल एक ऐसा बुखार है, जो संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से अन्य लोगों में भी फैलता है। ये बुखार शरीर में संक्रमण के प्रवेश करने के बाद होता है। अगर आप इस बुखार के शुरूआती लक्षणों की पहचान कर उन पर काबू पा लेते हैं, तो आसानी से वायरल बुखार से बचा (viral fever prevention tips) जा सकता है। आइए जानते हैं, किन कारणों से वायरल बुखार तेज़ी से पांव पसार रहा है।

वायरल बुखार क्यों सर्दियों में इतना ज्यादा परेशान करता है और आप इससे कैसे बच सकती हैं, यह जानने के लिए हमने बात की जेपी अस्पताल में कंस्लटेंट फिज़ीशियन, डॉ डी पीयूषा अभय से।

पहले जानते हैं वायरल बुखार के कारण

1 पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आना

डाॅ पीयूषा बताती हैं, “”जाने अनजाने में अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आ जाते है, जो पहले से ही संक्रमण का शिकार है, तो ऐसे में वायरल बुखार का संक्रमण तेज़ी से फैलता है। अगर आप संक्रमित व्यक्ति से गले मिलते हैं, हाथ मिलाते हैं तो आप भी इससे संक्रमित हो सकते हैं। साथ संक्रमित व्यक्ति का खांसना और छींकना भी आसपास के अन्य लोगों के लिए वायरल बुखार का कारण साबित हो सकता है।”

2 संक्रमित चीज़ों का सेवन करना

आमतौर पर हम लोग घर से बाहर संक्रमित या फिर दूषित भोजन और पानी का सेवन कर लेते हैं। दूषित खाद्य पदार्थ हमारे शरीर में संक्रमण को बढ़ाने में सहायक साबित होते हैं। धीरे-धीरे इंफेक्शन शरीर में पनपने लगता है और फिर वायरल बुखार का रूप ले लेता है।

3 वातावरण में मौजूद कण

डॉ पीयूषा के अुनसार हमारे इर्द गिर्द फैले प्रदूषण में कुछ ऐसे कण भी मौजूद होते हैं जो शरीर के अंदर वायरल को उत्पन्न करने में सहायक सिद्ध होते हैं। जो पहले हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमज़ोर बनाते हैं और फिर वायरल बुखार होने लगता है।

4 रोगी होते हैं जल्दी प्रभावित

अव्यवस्थित दिनचर्या के कारण अधिकतर लोग शुगर, बीपी यां हृदय रोग से पीडित होते हैं। ऐसे लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे इनका शरीर आसानी से वायरल बुखार की चपेट में आ जाता है।

पहचानिए क्या हो सकते हैं वायरल बुखार के लक्षण(viral fever symptoms) 

गले में दर्द और खराश महसूस होना
आंखों में दर्द और पानी बहना
खांसी जुकाम होना
तेज़ बुखार आना
बदन दर्द होना

वायरल बुखार (viral fever) से बचना है तो इस मौसम रखें इन बातों का ध्यान

बदन दर्द और बुखार की स्थ्ति में डॉक्टर से संपर्क करें और दवा ज़रूर लें।
शरीर को आराम दें और ज्यादा शारीरिक कार्य करने से बचें अन्यथा वायरल बुखार बार बार आपको अपनी चपेट में ले सकता है।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हल्के गुनगुने पानी से नहाएं।
यह ध्यान रहे कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। इसके लिए बार-बार तरल पदार्थों का सेवन करें।
भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। खुद को अन्य लोगों से दूर रखें ताकि अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा न बढ़े।
नियमित तौर पर पर अपने कपड़े और तौलिया बदलें। इससे धीरे धीरे आपके आसपास फैले संक्रमण आपको प्रभावित नहीं कर पाएंगे।
खाना खाने से पहले हाथों को ज़रूर धोएं, ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण आपके शरीर में प्रवेश न कर सके।

एक्सपर्ट दे रही हैं मौसमी फलों के सेवन का सुझाव

जेपी अस्पताल की कंस्लटेंट फिज़ीशियन डॉ डी पीयूषा अभय के मुताबिक वायरल बुखार से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह से ढ़क कर रखें। इसके अलावा अपने आस पास साफ सफाई का ध्यान रखें। बार बार हाथों को सैनिटाईज़ करें। इसके अलावा स्वास्थ्यवर्धक रहने के लिए गुड़, तिल, आंवला समेत मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें। साथ ही गर्म दूध में चुटकी भर काली मिर्च और स्वादानुसार हल्दी मिलाकर पीएं, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है।

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गर्म दूध में चुटकी भर काली मिर्च और स्वादानुसार हल्दी मिलाकर पीएं, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है।चित्र-शटरस्टॉक।

खुद को संक्रमण से बचाने के लिए मास्क लगाना न भूलें।

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वायरल बुखार के लिए कुछ घरेलू उपचार भी हो सकते हैं मददगार

1 गिलोय (giloy) 

गिलोय का रस हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से वायरल बुखार से आराम मिलता है। आप चाहें, तो गिलोय के रस के अलावा गिलोय पाउडर की मात्रा के अनुरूप उसमें शहद की कुछ बूंदों को मिलाकर डॉक्टर की सलाह के अनुसार ले सकते है।

2 दालचीनी (cinnamon) 

दालचीनी में एंटी बायोटिक गुण होते हैं, जो खांसी, जुकाम, सिरदर्द और गले दर्द से राहत पहुंचाती है।

Cinnamon
दालचीनी में एंटी बायोटिक गुण होते हैं, जो खांसी, जुकाम, सिरदर्द और गले दर्द से राहत पहुंचाती है। चित्र:शटरस्टॉक

एक कप उबलते पानी में 2 इलायची और 1 चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं। इसे 5 मिनट तक उबालें। फिर दालचीनी काढ़े को छान कर पी लें।

3 नींबू और शहद ( lemon and honey) 

नींबू और शहद के मिश्रण को पानी में घोलकर पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिंस और बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं। इससे शरीर में नई उर्जा का संचार होता है।

4 लहसुन का तेल (Garlic oil) 

सरसों के तेल में लहसुन की पांच से छ फांक डालकर अच्छी तरह से पकाएं और उसके बाद उस तेल को ठंडा होने के बाद शरीर पर लगाएं। इससे आपको बदन दर्द से राहत मिलेगी।

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