लगभग 40 की उम्र के बाद आंखों की रोशनी में कमी आना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन अगर यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह सिर्फ उम्र का तकाज़ा नहीं हो सकता, बल्कि यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमारी आंखों में विभिन्न परिवर्तन होते हैं, लेकिन अचानक और जल्दी आई साइट कम होना आंखों की किसी समस्या या रोग का लक्षण हो सकता है। इस लेख में हम आंखों की रोशनी में कमी के संभावित कारणों, लक्षणों और उपचार के तरीकों पर चर्चा करेंगे, ताकि आप सही समय पर विशेषज्ञ से संपर्क कर सकें और अपनी आई साइट को सुरक्षित रख सकें। उचित जानकारी और समय पर ध्यान देने से आप आंखों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं ।
इसको और गहराई से समझने के लिए हमने बात करी नारायणा हॉस्पिटल गुरुग्राम में ओफ्थैल्मोलॉजिस्ट (Ophthalmologist) डॉ. दिग्विजय सिंह, से वे कहते हैं कि “आंखों की नजर कमजोर होने की समस्या को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यदि आपकी नजर तेजी से कमजोर हो रही है, तो यह कई संभावित कारणों का संकेत हो सकता है, और इसे आपको हल्के में नहीं लेना चाहिए। निम्नलिखित कारण से हो सकता है आंखो पर असर:
यह एक ऐसी स्थिति है जब आंखें जो देखती हैं उस पर सही तरीके से फोकस नहीं कर पातीं।
एस्टिग्माटिज्म (Astigmatism)
दूरदर्शिता (Farsightedness)
निकटदर्शिता (Nearsightedness)
इन परेशानियों को अक्सर चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस या सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। धुंधली दृष्टि का सबसे सामान्य कारण होते हैं।
इसका का एक और सामान्य कारण सूखी आंखें होती हैं। यदि आपकी आई साइट तब बेहतर होती है जब आप पलक झपकते हैं, तो आपको सूखी आंखों की समस्या हो सकती है। ड्राई आई सिंड्रोम एक तरह की परत जैसी स्थिति पैदा कर सकता है। इसके अलावा, यह खुजली, लालिमा और दर्द भी पैदा कर सकता है। इसका उपचार आर्टिफिशियल टियर्स के उपयोग से किया जाता है।यह भी पढ़ें: World Eyesight Day : आंखों की सेहत के लिए उतार देने चाहिए भ्रम के चश्में, यहां हैं 9 मिथ्स की सच्चाई
आयु-संबंधी मैकुलर डिजेनरेशन (AMD) बुजूर्गों में आई साइट कम होने का सबसे सामान्य कारण है। यह स्थिति आपकी आंखों के उस हिस्से को प्रभावित करती है, जो सबसे स्पष्ट और तेज देखने में सक्षम होता है। जब हम किसी चीज़ को सीधे देखते हैं, जैसे किताब पढ़ना या किसी चेहरे को पहचानना, तब हम केंद्रीय दृष्टि(Central vision) का उपयोग करते हैं। जिससे आप अपनी आँखों के ठीक सामने की चीजें नहीं देख पाते। यह एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकती है।
जब आंखों के लेंस धुंधले और मंद (देखने में कठिन) हो जाते हैं, तो मोतियाबिंद विकसित होता है। यह एक या दोनों आंखों में हो सकता है। इससे आई साइट में कमी हो सकती है। जब आप अंधेरे में किसी रोशनी को देखते हैं, तो उसके के चारों ओर आपको हलके घेरे दिखाई दे सकते हैं।
ग्लूकोमा में आंख में फ्लूइड्स के भर जाने से होता है, जो ऑप्टिक नर्व पर दबाव डालता है। ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचने से अंधापन हो सकता है।
ऑप्टिक न्यूराइटिस का मतलब है आंख की ऑप्टिक नर्व में सूजन और जलन। यह सूजन आई साइट को धुंधला कर सकती है। । ये किसी अन्य स्थिति, जैसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस, के परिणामस्वरूप भी हो सकता है। ऑप्टिक न्यूराइटिस आमतौर पर एक आंख में होता है, लेकिन यह दोनों आंखों में भी हो सकता है।
कुछ समस्या आपको इस लिए भी घेर लेती हैं क्योंकि यह आपके पारिवारिक इतिहास का हिस्सा रही हैं। एसी कुछ जेनेटिक समस्याएं ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकती हैं। यह आई साइट कम होने का एक कम सामान्य कारण है।
विटामिन A की कमी आपके कार्निया पर निशानों का कारण बन सकती है। यह स्थिति आमतौर पर सुधारी जा सकती है।
स्ट्रोक या टैम्परेरी इस्केमिक अटैक (TIA), अत्यधिक हाई ब्लडप्रेशर ,हाइफेमा (आंख के अंदर खून बहना), रेटिनल डिटैचमेंट, आंख और उसके टिश्यूज में इन्फेक्शन, माइग्रेन, आंख की चोट जैसी कुछ असमान्य कारण भी हो सकते हैं।”
यह आंखों में होने वाली समस्याओं के कुछ शुरुआती लक्षण हैं, जिन्हें पहचानकर आपको तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उचित उपचार लेना चाहिए:
1. यदि आपको चीज़ें स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही हैं।
2. रात के समय देखने में कठिनाई।
3. तेज रोशनी के संपर्क में आने पर परेशानी।
4. आंखो में लगातार दर्द या जलन का अनुभव होना।
5. एक आंख या दोनों में अचानक दिखना कम होना।
6. आंखों के सामने काले धब्बे या तैरते हुए बिंदु दिखाई देना।
7. रंगों को पहचानने में कठिनाई।
8. आंखों से पानी आना।
9. सिर में दर्द रहना।
10. कभी-कभी कोई चीज दो दिखना
इन लक्षणों को नजरअंदाज करना नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श करें।
डाॅ दिग्विजय आगे कहते हैं कि “यदि आप तेजी से आई साइट में गिरावट का सामना कर रहे हैं तो तुरंत किसी एक्सपर्ट से आंखों की आवश्यक जांच कराएं और डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझाव और उपचार का पालन करें। इसके साथ आप घर पर भी कुछ उपाय कर सकते हैं ,जैसे
1.पर्याप्त विश्राम करें, एक अच्छी नींद बेहद जरूरी है।
2. एलर्जेन, जैसे धुआं, धूल और प्रदूषण से बचें।
3. बाहर धूप में जाने पर हमेशा धूप के चश्मे का उपयोग करें।
4. ऐसे काम करते समय जो आपकी आंखों को नुकसान पहुँचा सकते हैं, हमेशा आंखों की सुरक्षा का ध्यान रखें।
5. एक स्वस्थ डाइट लें जो आपको और आपकी आंखों को आवश्यक विटामिन और मिनरल्स दे।
6. यदि आपकी आंखें सूखी या जलन महसूस कर रही हैं, तो उचित आई ड्राॅप्स का उपयोग करें।
7. पर्याप्त पानी पियें ताकि आप हाइड्रेटेड रहें।
8.यदि आप लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करते हैं तो हर 20 मिनट में 20 सेकेंड का ब्रेक लें।
9.सुबह उठकर अपनी आंखों को ठंडे पानी से धोएं।
इन नियमों का रोजाना पालन करें। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है, तो उसका सही इलाज करें। इसके साथ ही अपनी डाइट में विटामिन ए, सी, ई, और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें। ये न्यूट्रियंट्स आंखों की सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।”यह भी पढ़ें: Improve eyesight : आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय