तेज धूप के साथ आने वाला गर्मी का मौसम आपको पहाड़ों पर या समुद्र किनारे छुट्टियां मनाने के लिए प्रेरित कर सकता है। यकीनन ये वकेशन के लिए भी मस्ती और खुशियों भरे हो सकते हैं। पर इस दौरान धूप, रेत और हवाएं आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हम आपको इस शानदार वकेशन से तो नहीं रोक रहे, पर यह जरूरी है कि आप इस दौरान अपनी आंखों का खास ख्याल रखें। समुद्र किनारे छुट्टियां मनाते हुए कैसे रखना है अपनी आंखों का ख्याल, यह बताने के लिए एक्सपर्ट हमारे साथ हैं।
आईक्यू में चीफ मेडिकल डायरेक्टर डॉ अजय शर्मा गर्मी में आंखों की सुरक्षा की जरूरत बताते हुए कहते हैं, “तेज धूप और हवा के दौरान हमें यह याद रखना चाहिए कि गर्मी के मौसम में बाहर अधिक समय बिताना सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। देर तक धूप, रेत और पानी के संपर्क में रहने से आंखें लाल हो सकती हैं। साथ ही थकान और खुजली की समस्या भी हो सकती है।”
ऐसे में आंखों की देखभाल करने के लिए यहां कुछ जरूरी और उपयोगी सुझाव दिए गए हैं। जिसे पढ़ कर आप अपनी आंखें सुरक्षित रख सकते हैं।
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डॉ अजय कहते हैं, “गर्मियों के मौसम में आंखों के लिए खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में सूरज अपनी रोशनी के साथ अल्ट्रावायलेट रेज भी भेजता है, यह आंखों के लिए खतरा बन सकती हैं। यूवी रेज़ से लंबे समय तक संपर्क में रहने से मोतियाबिंद और आंख के आस पास चकत्ते भी हो सकते है, जिससे आंखों को एक बड़ा नुकसान भी होने का खतरा है।
यूवी रेज़ से बचाव के लिए आपको एक धूप से बचाव वाला चश्मा पहनना होगा, जो आंखों को 100 प्रतिशत सूरज की यूवी रेज़ से बचाएगा। यह चश्में न केवल सूरज की हानिकारक यूवी रेज़ से बचाते हैं बल्कि आंखों के लेंस को भी बचाव करते हैं।”
ये सीधे आंखों में जाने वाली रोशनी को रोकते हैं, जिससे आंख के लेंस पर किसी तरह का दबाव नहीं रहता और आंख को भी किसी चीज़ को देखने और पहचान करने में सहूलियन मिल जाती है। सूरज की रोशनी साथ अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। पानी की कमी भी आंखों की रोशनी में फर्क डालती है।
कोई भी आउटडोर एक्टीविटी में भाग लेना, समुद्री यात्रा करना, तैराकी करना हमारी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रेत की मौजूदगी से इसका प्रभाव हमारी आंख पर पड़ता है। यह हमारी आंख के लिए एक खतरा बन सकता है। ध्यान ने देने पर रेत के कण आंख में घुस जाते हैं जिससे हमारी आंख में चोट लग जाती है।
इसके बाद आंखों में बेचैनी, सूजन, जलन, कॉर्नियल घर्षण या संक्रमण होने का खतरा बढ़ता है। आंख को रेत से बचाने के लिए गॉगल्स या रैपराउंड सनग्लासेस जैसी आईवियर का प्रयोग करना चाहिए। जिससे आंख को पूरी तरह सुरक्षा मिल सके। यदि आपके आंख में दर्द या ड्राईनेस है तो इससे बचाव के लिए आई ड्रॉप्स का यूज करें।
स्वीमिंग पूल में तैराकी करते समय आंख में पानी घुस जाता है। जो हमारी आंख के लिए सही नहीं है। स्वीमिंग पूल में आमतौर पर संक्रमित क्लोरीन होता है जो आंख में जलन और सूजन पैदा कर सकता है। इससे आंख में बेचैनी होने के साथ आंख लाल हो जाती है। इसी तरह समुद्र में खारे पानी का नकारात्मक प्रभाव हमारी आंख पर पड़ता है।
समुद्र का पानी खारा होता है जो आंख में ड्राईनेस को बढ़ा सकता है। इस समस्या से बचने के लिए स्विम गॉगल्स का प्रयोग जरूर करें। यह न केवल आंख को दूषित होने से बचाता है बल्कि यूवी रेज़ से भी बचाता है। जरूरी बात स्वीमिंग के बाद हमेशा लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का यूज करें, इससे जलन कम हेागी।
धूप का चश्मा पहनने के साथ आईवियर का भी प्रयोग करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर बात करें तो धूप की कड़क किरणों से बचाव के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। जिससे हमारी आंख में किसी प्रकार से यूवी किरणें न पहुंच सकें। यदि यूवी किरण आंख में पहुंच गईं तो नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। अधिक मात्रा में पानी पीना भी आंखों की सेहत के लिए अच्छा रहता है। इसके अलावा गंदे हाथ से आंख को छूने से बचना, रगड़ना नहीं, संक्रमण से बचाना, जलन को कम करना इसके उपाय हैं।
अगर आप आंख में किसी भी प्रकार के दर्द का अनुभव करते हैं, और यह दर्द काफी दिनों से हो रहा हो तब आपको तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। जिससे समय रहते इसकी जांच हो सके और चिकित्सा भी मिला सके।
दर्द में थोड़ी भी लापरवाही आपको जोखिम में डाल सकती है। लापरवाही करने पर उपचार चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में आंख के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है। खास कर गर्मियों के दिनों में आंख में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
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