बीते साल अप्रैल, मई और जून महीने देश के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण थे। तब कोरोना के दूसरे वेरियंट ने तबाही मचा दी थी। अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, स्वास्थ्य कर्मचारियों की भारी कमी के कारण यह स्थिति और भी भयावह हो गई थी। इन तमाम चुनौतियों ने लोगों को कई महत्वपूर्ण सबक सिखाए है। हालांकि, संकट के इस दौर ने हमें आने वाले समय की चुनौतियों के लिए भी तैयार भी किया है। एक बार फिर फरवरी के पहले सप्ताह में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। तो आइए जानते हैं इस नए वैरिएंट की चुनौती का सामना कर कैसे अपने बच्चों को सुरक्षित रखें।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इससे होने मौतों का ग्राफ सबसे ऊपर था। विषेशज्ञों का मानना हैं कि जिन व्यक्तयों को वैक्सीन लग चुकी है, उनकी तुलना में बच्चों (जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी ) पर अधिक जोखिम है। बता दें कि भारत में सबसे ज्यादा युवा आबादी पाई जाती है। यूनिसेफ के आंकडों के मुताबिक, देश में युवाओं की संख्या तकरीबन 253 मिलियन है। एक अनुमान के अनुसार, इस महामारी की शुरुआत के बाद से 60 प्रतिशत बच्चे कोरोनावायरस के संपर्क में आ चुके हैं।
इस महामारी से बचाने में प्रोटीन युक्त आहार इम्युनिटी बूस्ट का काम करता है। इसके लिए आहार में फल, सब्जियां, फलियां, दालें और साबुत अनाज को शामिल करें। यह आहार आपके बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
संतरे और खट्टे फलों में विटामिन-सी पाया जा जाता है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और संक्रमण से बचाए रखने में सहायक है। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जो प्रोबायोटिक्स को सुचारु रूप से संचालित करके प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है। घर के बने दही, अखरोट, बादाम और हेज़लनट्स में विटामिन ई, जिंक और ओमेगा 3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा पाए जाते हैं। यह भी इम्युनिटी बूस्ट करने में मदद करते हैं।
बच्चे अगर ज्यादा समय तक अपने घरों में कैद रहते हैं, तो इसका विपरीत असर उनकी सेहत पर पड़ता है। बच्चों को फिट और हेल्दी रखने के लिए उन्हें कसरत और शारीरिक एक्टिविटी के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह इम्युनिटी को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाता है। साथ ही सर्दियों के दिनों में माता-पिता अपने बच्चों को गर्म कपड़ें पहनाएं। बच्चों को खुली हवा और धूप में कुछ समय खेलना चाहिए, इससे शरीर में विटामिन डी की पूर्ति संभव है।
ज्यादातर बच्चे खेलते समय पानी पीना भूल जाते हैं। वहीं, पेरेंट्स इस पर नज़र नहीं रखते, जो कि अच्छी बात नहीं है। दरअसल, पानी के पर्याप्त सेवन से रक्त परिसंचरण नियंत्रित करने में मदद मिलती है। शरीर की पाचन क्रिया को ठीक-ठाक रखने, हानिकारक और विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने में मददगार है।
सर्दी के मौसम में कई घरों में रूम हीटर का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे घर के अंदर कमरे में नमी कम हो जाती है। इससे बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है और वे चिड़चिड़े हो जाते हैं। इससे श्वसन मार्ग से कोविड संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों को हेल्दी रखने के लिए उनके खाने-पीने, खेलने, पढ़ाई और सोने का समय तय होना चाहिए। यदि, उनके सोने का सही समय होगा तो वे 8 से 10 घंटे की पर्याप्त नींद ले पाएंगे। जो कि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। पेरेंट्स को अपने बच्चों को अपनी एक्टिविटी टाइम टेबल के अनुसार करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
किसी भी बीमारी से निपटने का सबसे सख्त माध्यम है अपने आसपास साफ सफाई बनाएं रखना चाहिए। इससे बच्चों तक वायरस पहुंचने की संभावना काफी कम हो जाती है। गौरतलब है कि कोरोना का वायरस नाक और मुंह के अटैक करता है। ऐसे खाने से पहले, पालतू जानवरों को संभालने के बाद, छींकने के बाद, बाथरूम का प्रयोग करने के बाद और स्कूल से घर आने के बाद साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। कम से कम 15 से 30 सेकंड तक अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
इसके अलावा पेरेंट्स को बच्चे को कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने जैसे डबल मास्क पहनना, बार-बार सफाई करना और शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। गौरतलब हैं पूरी दुनिया इस समय महामारी की तीसरी लहर की चपेट में आ चुकी हैं। इसलिए, आपको अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
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