समग्र सेहत के साथ ही आंखों की हेल्थ का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आंखों की सेहत के प्रति लापरवाही आगे चलकर आपके लिए बडी मुसीबत खड़ी कर सकता है। आंखों में जलन और खुजली होना, वहीं आंखों का लाल होना और आंखों में थकान महसूस होना ड्राई आईज (Dry eyes) के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए इन सभी लक्षणों को कभी भी अनदेखा न करें।
आपकी रोजमर्रा की लाइफ स्टाइल आंखों को बुरी तरह प्रभावित करती है। हालांकि, कुछ जरूरी एहतियात बरतने से ऐसी समस्यायों से खुद को दूर रख सकती हैं। चलिए जानते है इस समस्या से किस तरह बचना (tips to prevent dry eyes) है।
ड्रॉइ आईज एक सामान्य कंडीशन है, जो कि आंखों को पर्याप्त मात्रा में लुब्रिकेशन न मिल पाने के कारण होती है। कई बार आंसू आंखों को पर्याप्त लुब्रिकेशन नहीं दे पाते, इसके साथ ही अनहेल्दी आंसू भी ड्राई आईज की संभावना को बढ़ा देते हैं। ड्राई आईज इन्फ्लेमेशन और आंखों के आसपास के स्किन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता हैं। ऐसी स्थिति में आई बर्निंग से लेकर इचिंग जैसी कई अन्य लक्षण नजर आते हैं।
रेडनेस
आंखों में जलन और खुजली
लाइट से सेंसटिविटी महसूस होना
लेंसेस पहनने में परेशानी होना
आंखों में थकान महसूस होना
धुंधलापन होना
नियमित आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड को शामिल करने से आंखों की समग्र सेहत बनी रहती है। कई रिसर्च कहते हैं, कि कुछ महत्वपूर्ण फैटी एसिड का सेवन, ड्राई आई सिंड्रोम की संभावना को कम कर देता है। वहीं यह इन्फ्लेमेटरी रिस्क को कम करता हैं, जो कि ड्राई आईज का कारण बन सकता है। फ्लैक्स सीड्स, अंडा, फैटी फिश, चिया सीड्स, अखरोट, इत्यादि ओमेगा 3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत होते हैं।
ऑक्युलर सरफेस को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में लुब्रिकेशन की जरूरत पड़ती है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से लैक्रिमल ग्लैंड्स संतुलित रहते हैं। यह आंखों को प्रोटेक्ट और क्लीन करने वाली फ्लूइड को रिलीज करता है। वहीं हाइड्रेटेड रहने से हेल्दी और नेचुरल आंसू निकलते हैं। बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए तरबूज, खीरा, बैर, स्ट्रॉबेरी जैसे पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती है।
आंखों का डस्ट, स्मोक और पॉल्यूशन के संपर्क में आना ड्राई आईज का कारण हो सकता है। बाहर जाने से पहले सनग्लासेस पहनना न भूलें। यह कॉर्निया, लेंस और रेटिना को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है। इसके साथ ही यह मक्यूलर डिजेनेरेशन के रिस्क को भी कम करता है।
यदि आप हर रोज आई मेकअप करती है, तो अपनी आईलिड, आईलैशेज और आंखों के आसपास की स्किन को साफ करना न भूले। आंखों को साफ करने के बाद गर्म पानी में कपड़े को भिगोकर आंखों के ऊपर रख कर कम से कम 1 मिनट के लिए छोड़ दें।
यह इन्फ्लेमेशन को कम करता है और आंखों में होने वाली इरिटेशन से भी निजात पाने में मदद करता है। इसके साथ ही यदि आप डस्ट और पॉल्यूशन से आ रही हैं तो आंखों को ठीक तरह से वाश करें, यह आंखों की सेहत को बनाये रखने का एक सबसे अच्छा विकल्प है।
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