यह कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन का समय है। यह उन हालात से एकदम अलग स्थिति है, जब आपको किसी को भी एक फोन कॉल पर अपनी सहायता के लिए बुला सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप उन जरूरी चीजों के बारे में जानें, जिनसे आप हृदय संबंधी बीमारी में अपने करीबी की जान बचा सकें।
क्या आपने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया जब आपात चिकित्सा की आवश्यकता हो मगर आप कुछ नहीं कर पाते हैं? हालांकि हम दुआ करते हैं कि आपको ऐसी स्थिति का सामना कभी ना करना पड़े, मगर साथ ही हम आपको ऐसी स्थिति के लिए तैयार करना भी जरूरी समझते हैं। इसलिए हम आपके लिए लेकर आये हैं कुछ ज़रूरी फर्स्ट एड टिप्स। ताकि हार्ट अटैक जैसी आपातकालीन स्थिति में आप किसी की जीवन रक्षा कर सकते हैं।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में 17.9 मिलियन लोगों की हृदय रोगों के कारण मृत्यु हो जाती है। वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 31% तक पहुंच जाता है। गौरतलब है कि हृदय रोग से होने वाली मौतों में से 85% दिल का दौरा पड़ने से होती हैं।
मुम्बई के ज़ेन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नारायण गाडकर कहते हैं, “दिल का दौरा पड़ने पर मरीज़ को यदि तुरंत प्राथमिक उपचार मिल जाये, तो जान बचाने की संभावना बढ़ जाती हैं।”
दरअसल हार्ट अटैक और चेस्ट पेन में फ़र्क जानना बहुत ज़रूरी है। सबसे बड़ा अंतर, जो आप देख सकते हैं, वह यह कि छाती में होने वाला सामान्य दर्द (Chest Pain) 15 से 20 मिनट में ख़त्म हो जाता है और इसमें हृदय की मांसपेशियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। वहीं दूसरी ओर दिल के दौरे में दर्द 20-30 मिनट या इससे ज्यांदा भी हो सकता है। और यह हृदय की मांसपेशियों को भारी नुकसान पंहुचाता है।
1. सीने में भीषण दर्द और टूटन
2. दर्द का जबड़े तक फैलना
3. चक्कर और बेहोशी की स्थिति
4. पसीना आना
5. सांस फूलना
अगर उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखे तो आपको फौरन सतर्क हो जाना चाहिए। ऐसे में मरीज को आपकी सहायता की जरूरत है। हार्ट अटैक में प्राथमिक उपचार के लिए आपको ये 6 कदम उठाने में देर नहीं करनी चाहिए :
डॉ गाडकर कहते हैं कि यदि व्यक्ति लेटने की इच्छा प्रकट करता है, तो उसे रोकें नहीं। उसके अनुसार सबसे आरामदायक अवस्था में व्यक्ति को रखें। यह सबसे ज़रूरी है।
कभी भी मरीज के आसपास समूह न बनाएं, यह हवा के बहाव को रोक देता है। मरीज़ को घुटन न होने दें। भीड़ को बढ़ने से रोकें।
यदि मरीज़ ने कुछ भी टाइट पहन रखा है तो उसे तुरंत ढीला करें। ऐसा करने से व्यक्ति आराम से सांस ले सकेगा।
हार्ट अटैक का कारण होता है ख़ून का दिल तक न पहुंचना। खून नसों में जमने के कारण दिल तक नहीं पहुंच पाता। इसके कई कारण होते हैं, जिसमे कोलेस्ट्रॉल मुख्य कारण है। डॉ गाडकर कहते हैं,”मैं हमेशा एस्प्रिन घर पर रखने की सलाह देता हूं। एस्प्रिन अधिकांश मामलों में कारगर उपाय साबित होती है।”
मरीज़ को हल्का ठंडा पानी पिलायें, और पानी धीरे-धीरे पीने की सलाह दें।
अक्सर एम्बुलेंस का इंतजार करना मरीज़ की सेहत पर भारी पड़ता है। इसलिए जितनी जल्दी सम्भव हो टैक्सी या कैब का प्रयोग करें और मरीज़ को अस्पताल पहुंचाएं।
साथ ही सरकार का आपातकाल हेल्पलाइन नंबर 102 फ़ोन के स्पीड डायल में ही रखें।
ऐसी स्थिति में डॉक्टर गाडकर संयम बरतने की खास सलाह देते हैं।
डॉ. गाडकर के अनुसार,”ऐसी किसी स्थिति में पड़ने से पहले ही हमें कुछ होमवर्क कर लेना चाहिए। जैसै कि अपने इलाके के एमरजेंसी अस्पताल की जानकारी करना, कॉन्टैक्ट नंबर पहले से निकाल के रखना इत्यादि। गूगल के भरोसे अंतिम घड़ी तक न बैठें। आपातकालीन स्थिति के लिए पूरी तैयारी रखना ही समझदारी है।”
तो इन 6 कदमों को गांठ बांध लें ताकि ज़रूरत के समय किसी अपने की जान बचा सकें।
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