अनामिका को नया ऑफिस जॉइन किए तकरीबन महीना ही हुआ है। नई नौकरी शुरू करने के बाद से उसकी रोजमर्रा की रूटीन में काफी बदलाव आए हैं । दिनभर की भागदौड़ के बीच वह कई बार सुबह का नाश्ता या रात का खाना खाना या तो भूल जाती या छोड़ देती है। शायद इसीलिए पिछले कुछ दिनों से वह न तो पहले जितना फ्रेश और एनर्जेटिक रहती है न ही समय से सो पाती है जिससे उसे काफी थकावट महसूस होती है। कहीं ये अनहेल्दी गट के लक्षण (symptoms of unhealthy gut) तो नहीं? आइए जानते हैं क्या है अनहेल्दी गट (How to maintain gut health) और क्या हैं इसे दुरुस्त करने के उपाय?
मल्टीडिसप्लिनरी डिजिटल पब्लिशिंग इंस्टीट्यूट के न्यूट्रिएंट जर्नल में छपे शोध के मुताबिक, अस्वस्थ आंत (Unhealthy Gut) शरीर के कई हिस्सों में आई सूजन के लिए जिम्मेदार होती है और कई बार इसकी वजह से इम्यून सिस्टम के काम करने के तरीके में बदलाव आता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी आपका immune system शरीर में प्रवेश करने वाले बाहरी हानिकारक कोशिकाओं को रोकने के बजाय अपनी ही कोशिकाओं के खिलाफ काम करने लगती (autoimmune diseases) हैं।
पेट में बार-बार गैस बनना (Gas) और पेट का फूल जाना (bloating), कब्ज (Constipation), दस्त (Diarrhea) के अलावा गर्दन, गले या सीने में जलन या बेचैनी होना (Heartburn) पेट की खराबी के लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण बताते हैं कि आपकी आंत बीमार है (signs of an unhealthy gut) । अगर आपका पाचन तंत्र दुरुस्त नहीं है तो जान लें कि आपकी इंटेसटाइन को दुआ की नहीं दवा की जरूरत है।
चिप्स और चॉकलेट किसे पसंद नहीं होता, लेकिन अगर यह आपकी डेली डाइट का हिस्सा है तो आपकी आंते भी बीमार हो सकती हैं। पैकेज्ड फूड में शुगर की मात्रा अधिक होती है। इसे खाने से हमारी आंत में मौजूद गुड बैक्टीरिया की संख्या कम हो सकती है। पैकेट में बंद खाना, खाने में तो आसान और टेस्टी होता है, पर पेट का जानी दुश्मन भी बन सकता है। इस तरह की चीजें खाना आपकी इंटेसटाइन में आई गड़बड़ी की वजह बनता है जिससे आपको मीठा खाने की तीव्र इच्छा होती है।
ऐसे प्रोडक्ट जिसमें ज़रुरत से ज़्यादा रिफाइन्ड शुगर हो, जैसे अत्यधिक फ्रक्टोज वाली कार्न सिरप, शरीर में सूजन बढ़ाते हैं जो कैंसर समेत अन्य कई बीमारियों को जन्म देता है। तो इन्हें खाने को मन चाहे कितना भी ललचाए पर इनसे मुंह मोड़ने में ही आपके पेट की भलाई है।
छोटी आंत में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ (small intestine bacterial overgrowth) जाने के कारण शरीर का वजन घटता या बढ़ता है। इसके पीछे शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस या पोषक तत्त्वों का इस्तेमाल करने की क्षमता में कमी आ सकती है। यह आपकी बेवजह भूख का कारण बन सकती है और ज्यादा खाना आपके वजन के बढ़ने का।
कई बार डाइट या एक्सरसाइज की आदतों में बदलाव किए बिना ही वजन घट या बढ़ जाता है।
शरीर के वजन में आया यह बदलाव आंत के अस्वस्थ्य होने की ओर इशारा करता है। जिसकी वजह से हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने के बॉडी की ब्लड शुगर कंट्रोल करने और गुड फैट इकट्ठा करने की क्षमता में कमी आ सकती है।
कई बार अस्वस्थ आंत, अनिद्रा (insomnia) या नींद पूरी न आने की वजह भी बन सकती है। जिसके चलते थकावट महसूस होती है।
आंत में बनने वाला सेरोटोनिन हार्मोन भी हमारे नींद और मूड दोनों को प्रभावित करता है। हालांकि, कई बार नींद न आने और लंबे समय तक थकावट की वजह, मांसपेशियों, हड्डियों और लिगामेंट में दर्द (fibromyalgia or musculoskeletal pain) भी हो सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंआंत में गड़बड़ी के कारण कुछ बच्चों को सूजन और जलन (eczema) के साथ ही खुजली की भी शिकायत होती है। बच्चों के आंत में सूजन की वजह फूड पॉइजनिंग या खराब खाना भी हो सकता है। प्रोटीन का रोमछिद्रों यानी पोर्स से रिलीज़ होना स्किन पर रैशेस और जलन की वजह बन सकता है।
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आंत के अस्वस्थ होने पर कई बार फूड से एलर्जी होने की शिकायत होने लगती है। ऐसा नही है कि जिस आहार से हमें एलर्जी हो उसे खाने की वजह से शरीर का इम्यून सिस्टम उसके खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया दिखाने लगे। कई बार फूड से एलर्जी न होने के बावजूद भी हमारी आंत को उसे पचाने में कठिनाई होती है। आंत में खराब गुणवत्ता वाली बैक्टीरिया या गुड बैक्टीरिया की कमी के कारण शुगर, नमक और खराब फैट से बने अत्यधिक स्वादिष्ट फूड (trigger foods) लेने पर उसे पचा पाने में कठिनाई होती है। जिसकी वजह से गैस, पेट फूलने, दस्त, पेट दर्द और मतली जैसी शिकायत होती है।
लक्षणों को जान लेने के बाद आइए जानते हैं कि अनामिका की इतनी सारी समस्याओं का आखिर समाधान क्या है? कैसे आप अनहेल्दी गट को बेहतर गट स्वास्थ्य में बदल सकते हैं। इस बारे में विस्तार से बात करने के लिए हमारे साथ हैं वैद्य यज्ञ दत्त शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर डॉक्टर रामेश्वर पाण्डेय। चलिए जानें खराब ‘गट हेल्थ’ पर बात करते हुए क्या कहते हैं एक्सपर्ट।
प्रो पाण्डेय चेतावनी देते हैं, “ज्यादा दिनों तक तनाव में रहने से न सिर्फ आंत अनहेल्दी होती हैं बल्कि इसका बुरा प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है। इसलिए हमें सबसे पहले स्ट्रेस कम करने की कोशिश करनी चाहिए। मेडिटेशन, वॉक, मसाज, दोस्तों व परिवार के साथ अच्छा और खुशनुमा समय गुजारना, कैफीन कम मात्रा में लेना , योग करना, पालतू जानवरों के साथ समय बिताना तनाव कम करने में कारगर हो सकते हैं।”
पर्याप्त नींद न लेने से हमारे आंत अनहेल्दी हो जाती है और इसकी वजह से हमें नींद नहीं आती। रोजाना 7 से 8 घंटे सोना आपके शरीर के लिए ज़रूरी है। अगर आपको भी लगातार नींद न आने की समस्या है तो डाक्टर से परामर्श जरूर लें।
वे आगे सुझाव देते हैं, “भोजन खूब चबाकर और धीरे-धीरे खाएं। ऐसा करने से खाना ठीक से पचेगा और शरीर को खाने में मौजूद पौष्टिक तत्त्व मिल सकेंगे। चबाकर आराम से भोजन करने पर पाचन संबंधी शिकायत नहीं होती है।”
डाक्टर की सलाह के अनुसार भोजन में प्रीबायोटिक व प्रोबायोटिक भी शामिल करें। ताकि आपकी आंत में बैक्टीरिया का संतुलन न बिगड़े। ऐसा करने से आपका पेट हेल्दी रहेगा और आप हैप्पी ।
शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त बनाए रखने के लिए पेय आहार और पानी समय समय पर लेती रहें। ऐसा करने आप अपनी पाचन क्रिया को बढ़ा सकती हैं।
अपनी डाइट में मौजूद ऐसी चीजों को पहचाने जिनकी वजह से आपके पेट में गैस, कब्ज, दस्त, पेट दर्द, पेट फूलने जैसी तमाम शिकायतें होती है और उनसे दूरी बनाएं। जानें कि आपको किन खाद्य पदार्थों से एलर्जी होती है।
7 डाइट में करें बदलाव
पैकेट फूड, ज्यादा शुगर और ज्यादा फैट युक्त आहार से दूरी बनाए रखें, ये आपके गट हेल्थ के दुश्मन हैं। अपनी डाइट में हरी-भरी सब्जियों, प्रोटीन और फाइबर युक्त भोज्य पदार्थो को शामिल कर सकती हैं। ये आपके पेट की हेल्थ के लिए फायदेमंद रहेंगे।
अंत में प्रोफेसर पाण्डेय सुझाव देते हैं, “पेट की बीमारी होने पर मोटापा, नींद न आने की शिकायत, थकान, पेट दर्द, गैस जैसी तमाम समास्याएं घेर लेती हैं। ऐसे में अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करके आप हेल्दी गट पा सकती हैं लेकिन समस्या गंभीर हो तो उससे निजात पाने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।”
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