गम्मी को हेल्दी फ़ूड नहीं माना जाता है। प्रोसेस्ड फ़ूड होने के कारण इसे आंत के लिए भी बढ़िया नहीं माना जाता है। कुछ शोध और विशेषज्ञ मानते हैं कि फाइबर वाली गमी आंत के लिए स्वास्थ्य वर्धक हो सकता है। यह सप्लीमेंट डाइट लेने का आसान और स्वादिष्ट तरीका हो सकता है। कुछ गमी ब्लोटिंग की समस्या को दूर कर (fibre gummy for an intestinal problem) पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड के एक अध्ययन के अनुसार, गमी शुगर, अल्कोहल, आर्टिफीशियल शुगर, कलर और टेस्ट से तैयार प्रोसेस्ड कैंडी है। ज्यादातर गमी कॉर्न सिरप, सुक्रोज, जिलेटिन, स्टार्च से बनाई जाती है। गमी को तीखा स्वाद देने के लिए साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड जैसे फ़ूड एसिड भी मिलाए जाते हैं। इसमें फलों में मौजूद विटामिन और अन्य आवश्यक पोषक तत्व भी मिलाये जाते हैं। फिर भी इन्हें सप्लीमेंट के रूप में लेना सही नहीं है। कुछ गमी को नेचुरल फाइबर की मदद से बनाया जाता है। इसमें आर्टिफीशियल शुगर, कलर और एसिड बहुत कम मात्रा में मिलाया जाता है। ये आंतों के लिए बढ़िया हो सकते हैं।
डॉ. शिखा कहती हैं, ‘प्लांट बेस्ड फ़ूड में फाइबर होते हैं। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे वजन कम हो सकता है और बोवेल मूवमेंट सही हो सकता है। यह आंतों के फंक्शन को बढ़िया बनाए रख सकता है। बोवेल मूवमेंट सही तरीके से नहीं होने पर कब्ज और पेट फूलने यानी ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। गमी में मौजूद फाइबर बोवेल मूवमेंट में मदद करता है, जिससे ब्लोटिंग की समस्या दूर हो जाती है। फाइबर गमियां साथ ले जाने-लाने में सुविधाजनक होती हैं। यह खाने में भी आसान होती हैं।’
ब्लोटिंग और एसिडिटी को दूर करती है (Fibre gummy for bloating and acidity)
न्यूट्रिस्निष्ट डॉ. शिखा द्विवेदी कहती हैं, ‘फाइबर पेट को जरूरी पोषक तत्व देने के अलावा, लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या को भी बढ़ाता है। यह आंत की दीवारों को मजबूत करता है। फाइबर आंतरिक अवशिष्ट पदार्थ को नरम करके शरीर से बाहर निकालना आसान बनाता है। इससे कब्ज, ब्लोटिंग और एसिडिटी दूर होती है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियों से बचाव करता है। इससे हानिकारक बैक्टीरिया से भी बचाव हो पाता है।’
फाइबर गमी वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। यह फाइबर की स्वस्थ आंत वनस्पति संतुलन बनाए रखने की क्षमता के कारण होता है। इससे भूख दबाने में मदद मिलती है और बेली फैट कम करने में मदद मिलती है। शरीर से वेस्ट मैटीरियल निकलने पर सूजन कम होती है। इससे निश्चित तौर पर वजन कम होगा।
फाइबर सप्लीमेंट जैसे कि गमी, कैप्सूल, फाइबर थिन्स या पाउडर, आमतौर पर सुरक्षित और काफी हद तक प्रभावी माने जाते हैं। जर्नल ऑफ़ फ़ूड के एक अध्ययन के अनुसार, फाइबर सप्लीमेंट या गमी का उपयोग करने पर रोगियों में दस्त में 36% की कमी देखी गई। स्टैनफोर्ड मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि प्रत्येक व्यक्ति में फाइबर गमी के प्रति प्रतिक्रिया की प्रोफ़ाइल अलग हो सकती है। वे डाइटरी फाइबर से जुड़े सभी स्वास्थ्य लाभ प्रदान नहीं कर सकते हैं।
डॉ. शिखा द्विवेदी के अनुसार, गमी कैप्सूल की अपेक्षा अधिक स्वादिष्ट और सुविधाजनक होते हैं। हालांकि उनमें मौजूद फाइबर सामग्री या उनके आकार अलग-अलग हो सकते हैं। जब एक निश्चित मात्रा में कैप्सूल या गमी ली जाती है, तो यह अलग-अलग शरीर में अलग-अलग ढंग से काम कर सकता है यह ठीक उसी तरह है जब सप्लीमेंट के रूप में पाउडर लिया जाता है, तो कुछ लोगों के शरीर द्वारा यह तेजी से अवशोषित कर ललिया जाता है। वहीं कुछ लोगों में अवशोषण देर से हो पाता है।
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कस्टमाइज़ करेंजान लें कि हर हाल में किसी भी खाद्य पदार्थ को नेचुरल वे में खाना अधिक फायदेमंद है। समय की कमी और स्वाद के लिए कभी कभी नेचुरल फाइबर गमी या घर पर प्राकृतिक तरीके से तैयार गमी को लिया जा सकता है। पर रोज और अधिक मात्रा में खाना नुकसानदेह है।
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