स्कॉटलैंड में एक बार के बाहर लगे साइनबोर्ड पर लिखा था, “लिवर बुरी चीज़ है…इसे सजा दीजिए!” लिवर हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा है और उस साइनबोर्ड में जो कुछ भी लिखा था, वह मज़ाकिया अंदाज़ में लिखा गया था। मगर, हमें यह याद रखना होगा कि हमारी जीवनशैली, शरीर के किसी भी अन्य अंग के मुकाबले लिवर को सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है।
इसलिए, आइए कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बात करते हैं जिससे लिवर को सेहतमंद बनाया जा सकता है। मगर, उससे पहले जान लेते हैं कमजोर लिवर के लक्षण –
मोटापे की वजह से आप अपने कपड़ों में फ़िट नहीं हो पाते हैं और मोटापा (बीएमआई >25 kg/m2) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है और लिवर को प्रभावित करने लगता है। ऐसा माना जाता है कि 5 में से 1 भारतीय फ़ैटी लिवर की समस्या से जूझ रहा है, जो आगे चलकर लिवर की गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है।
यह अच्छी बात है कि हर दिन आप सुबह उठकर अपना वज़न लें और इसके बाद ही अपने खानपान और व्यायाम के बारे में योजना बनाएं। आपको बता दें कि कैलोरी, फ़ास्ट फ़ूड और फ़्रुक्टोज़ से भरपूर खानपान फ़ैटी लिवर को बढ़ावा देते हैं।
थकान और ऊर्जा की कमी, लिवर की गंभीर बीमारियों के शुरुआती लक्षण होते हैं। फ़ैटी लिवर से बचाव के लिए व्यक्ति को सप्ताह में 5 दिन कम से कम 30 दिनों तक (सप्ताह में 150 मिनट) ब्रिस्क वॉकिंग, रनिंग या साइकलिंग जैसे ऐरोबिक व्यायाम करना चाहिए।
इंटरवल ट्रेनिंग में ब्रिस्क वॉक के बीच में कुछ देर जॉगिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और खास मांसपेशियों के व्यायाम से पैकेज पूरा होता है। आखिर में यह याद रखना होगा कि कोई भी व्यायाम करना, कुछ न करने से बेहतर होता है।
वीकेंड पर ड्रिंक का आनंद लेना अच्छी बात है, लेकिन हर दिन पीने की तलब होना, ये परेशानी की बात है। पुरुषों के लिए 5 वर्षों तक हफ़्ते में 21 स्मॉल ड्रिंक से ज़्यादा और महिलाओं के लिए 14 स्मॉल ड्रिंक से ज़्यादा पीना लिवर की बीमारी का कारण बन सकता है। एक बार फ़ैटी लिवर हो जाने पर एल्कोहॉल से पूरी तरह परहेज़ करने में ही समझदारी है।
खून में बिलिरुबीन की मात्रा बढ़ने से बिना किसी खास वजह के परेशानी महसूस होती है। बीमारी का पता चलने से काफी पहले अधेड़ उम्र की महिलाओं में शुरुआती बिलियरी कोलैंगिटिस महीनों तक परेशानी की वजह बन सकता है। ऐसा हो सकता है कि आप स्वस्थ महसूस कर रही हों, लेकिन आप परेशानी में पड़ सकते हैं।
हद से ज़्यादा गुलाबी दिख रही हथेलियां लिवर सिरॉसिस की वजह से हो सकती हैं, खास तौर पर एल्कोहॉल की वजह से। स्पाइडर नाइएवी उभरे हुए ऐसे लाल धब्बे होते हैं जो सीने के ऊपरी हिस्से और बांहों पर लिवर के सिरॉसिस में दिखाई देते हैं।
आमतौर पर आबादी में से 4 फ़ीसदी लोगों को हेपेटाइटिस B और 1.5 फ़ीसदी लोगों को हेपेटाइटिस C होता है। असुरक्षित टैटू कराने से हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी के संक्रमण का खतरा हो सकता है जो लिवर की बीमारी का कारण बन सकता है। डिस्पोज़ेबल सुइयों का इस्तेमाल न करना परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए, चलते-फिरते किसी भी दुकान से टैटू कराने से बचना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंकम-से-कम हर साल आपको क्लिनिकल टेस्ट, लिवर फ़ंक्शन ब्लड टेस्ट और पेट का अल्ट्रासाउंड शामिल होना चाहिए। फ़ाइबरोस्कैन अपेक्षाकृत नया और कम नुकसानदायक तरीका है जिससे लिवर के फ़ैट और उसके सख्त होने की जांच की जाती है।
हेपेटाइटिस A और B से बचाव के लिए टीकाकरण मुफ़्त में उपलब्ध है। हालांकि, शुद्ध प्रोटीन सप्लीमेंट्स सुरक्षित हैं, लेकिन बॉडी बिल्डिंग और वज़न कम करने के लिए हर्बल और डायटरी सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल करने से बचें।
ऐसा इसलिए, क्योंकि दवाओं की वजह से होने वाली लिवर की 20 फ़ीसदी बीमारियां इन्हीं की वजह से होती हैं। बिना लेबल वाले आयुर्वेदिक और हर्बल दवाओं से बचना चाहिए क्योंकि इनकी वजह से लेड, आर्सेनिक या मरकरी पॉइज़निंग का खतरा होता है।
आखिर में, कई अध्ययनों से पता चला है कि हर दिन 3 या इससे ज़्यादा कप कॉफ़ी पीने से एल्कोहॉल, फ़ैटी लिवर, हेपेटाइटिस वायरस की वजह से लिवर डैमेज का जोखिम बढ़ता है। इससे लिवर कैंसर होने का खतरा भी कम होता है। इसलिए कॉफी का सेवन सीमित करें। अपने कॉफी खुद बनाएं, ताकि आपको अपने हर कप का हिसाब रहे।
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