कॉलन कैंसर या कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। कोलन कैंसर (आंत का कैंसर) और रैक्टल कैंसर (मलाशय कैंसर) दोनों एक साथ हो सकते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार दुनिया भर में पुरुषों में कोलन कैंसर तीसरा सबसे आम कैंसर है।
भारत में, पुरुषों में पेट के कैंसर और मलाशय के कैंसर की वार्षिक घटनाओं की दर 4.4 और 4.1 है। जबकि महिलाओं में कोलन कैंसर की वार्षिक घटना दर प्रति 100,000 पर 3.9 है। यह कैंसर पुरुषों के साथ- साथ महिलाओं के लिए भी बड़ा खतरा बन गया है। कोलन कैंसर के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। ऐसे में इसके बारे में जानना बहुत जरूरी हो जाता है। जानें कोलन कैंसर से किस तरह निपटा जा सकता है।-
हमारे शरीर में भोजन को पचाने के लिए हमारी पाचन तंत्र का बहुत योगदान होता है। जिसके जरिए हमारा शरीर भोजन से सभी जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित करता है। ग्रासनली, पेट, छोटी आंत और बड़ी आंत से मिलकर हमारा पाचन तंत्र बनता है। बड़ी आंत कोलन से शुरू होती है और मलाशय (Rectum) और गुदा (मलद्वार) पर खत्म होती है।
कोलन और मलाशय की दीवार के बीच टिश्यू की चार परतें होती हैं। यह कैंसर तब होता है जब शरीर में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इस कैंसर की शुरुआत बड़ी आंत की दीवार की सबसे भीतरी परत में होती है। ज्यादातर कोलोरेक्टल कैंसर कोशिकाओं के एक समूह (पॉलीप्स) से शुरू होते हैं। इनमें कुछ पॉलीप्स कैंसर में विकसित हो जाते हैं। यह कैंसर शुरुआत में बड़ी आंत और उसके बाद आस-पास के लिंफ नोड्स में फैलता है। जिसके बाद यह पूरे शरीर में अपना विस्तार करता है।
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कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम के कई कारक हो सकते हैं। लेकिन इसमें आपका पारिवारिक इतिहास की बहुत भूमिका है। अगर आपके परिवार में पहले से किसी को कोलन या रैक्टल कैंसर है या हुआ था। तो आपको भी यह कैंसर होने की अधिक संभावना होती है। इसके अलावा आपकी गलत डाइट, शराब का सेवन, स्मोकिंग करना साथ ही आंतों में सूजन की समस्या होना भी इसके जोखिम कारकों में शामिल हैं।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के एक अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में कोलोन कैंसर से मृत्यु दर काफी अधिक है। जहां पुरुषों और महिलाओं दोनों को पेट के कैंसर का खतरा होता है, वहीं पुरुषों में रेक्टल कैंसर होने की आशंका अधिक होती है।
कोलन कैंसर या पेट के कैंसर का उपचार करने के लिए कैंसर को सर्जरी के जरिए हटाया जा सकता है। साथ ही कैंसर के चरण के आधार पर रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। कैंसर के शुरुआती चरणों में सर्जरी एक प्राथमिक उपचार है। इसके लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक प्रक्रिया को भी उपयोग में लाया जा सकता है।
इसके अलावा कोलन कैंसर के उपचार के लिए ओस्टियोमा (Ostomy) का सहारा लिया जा सकता है। जिसमें पेट की परतों में बचे हुए आंत्र के एक हिस्से से मल को खत्म करने के लिए एक बैग का इस्तेमाल किया जाता है। जो कि काफी सुरक्षित होता है। साथ ही रेडिएशन थेरेपी पर भी विचार किया जा सकता है। जिसमें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए एक्स-रे किरणों और प्रोटॉन का प्रयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल बड़े कैंसर के आकार को कम करने और उसके लक्षणों से राहत पाने के लिए किया जा सकता है।
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