मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीज की देखभाल में इन 5 तरीकों से करें मदद

शरीर के किसी हिस्से – हाथ, पैर या चेहरे के एक भाग का सुन्न हो जाना मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको अपने परिवार के किसी सदस्य में इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो इन्हें बिल्कुल भी इग्नोर न करें।
इस उम्र में सबसे ज्‍यादा खतरा गिरकर चोट लगने का होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
इस उम्र में सबसे ज्‍यादा खतरा गिरकर चोट लगने का होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 13:17 pm IST
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मस्तिक संबंधी बीमारियों के बारे में लोग अमूमन कम ही जानतें हैं। जब तक इसके बारे में मरीज को या उसके परिवार वालों को पता चलता है तब तक चीजें हाथ से निकल चुकी होती हैं।

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस (NIMHANS) की एक रिपोर्ट के अनुसार कम उम्र की महिलाएं मल्टीपल स्क्लेरोसिस जो कि एक मस्तिष्क संबंधी बीमारी है, से ज्यादा ग्रस्तर होती हैं।

यही वजह है कि हम आपका ध्यान इस तरफ लाना चाहते हैं ताकि आप उनकी केयर कर सकें और उन्हेंह समझ सकें जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं।

आइए जानते हैं कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस आखिर है क्या ?

MS यानी मल्टीपल स्क्लेरोसिस, एक मस्तिष्क संबंधी बीमारी है। जो आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर अटैक करती है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी इससे प्रभावित हो जाती है और एक प्रोटेक्टिव लेयर जो आपकी नर्व फाइबर यानी तंत्रिका फाइबर के आस पास होती है उसे डैमेज कर देती है। जिसके कारण आपका शरीर मस्तिष्क तक जरूरी संकेत नहीं पहुंचा पाता।

मल्‍टीपल स्‍केलेरोसिस मस्तिष्‍क की सभी क्रियाओं को प्रभावित करता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

यह बीमारी आपके दिमाग पर असर डालती है। उसका हर फंक्शन प्रभावित होता है। जैसे मस्तिष्क, दृष्टि, रीढ़ की हड्डी, इंद्रियां, मांसपेशियां, बोलने की शक्ति, पाचन तंत्र और मूत्र प्रणाली सभी पर।

मल्टीपल स्क्लेरोसिस का सबसे आम लक्षण है, चलने फिरने में कठिनाई आना, टांगों का कमजोर होना और थकान महसूस करना।

यह बीमारी मरीज को मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों के चरम तक ले जाती है। जो लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें लगातार हर समय अच्छी देखभाल की बहुत जरूरत होती है।

यहां हमारे साथ हैं एक एक्सभपर्ट जो हमें बता रहे हैं, उनके पांच कदम के बारे में जिनसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस से जूझ रहे लोगों के साथ डील करना आसान होगा :

डॉ. प्रशांत मखीजा, वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई में सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट हैं। वह कहते हैं, “अगर आप किसी मल्टीपल स्क्लेरोसिस पेशेंट की सेवा कर रहे हैं तो आपको यहां कुछ बातें जरूर अपने दिमाग में रखनी चाहिए।“

1. थकान के कारण को पहचानें

मरीज की सेवा करने से पहले आपको आपको मरीज की हिस्ट्री के बारे में जरूर पता होना चाहिए। थकान मल्टीपल स्क्लेरोसिस के सबसे आम लक्षण में से एक है और यदि आपको पेशेंट की हिस्ट्री के बारे में पता होगा, तो आप उन्हें बेहतर तरीके से डील कर पाएंगी।

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हो सकता है कि मरीज को नहाने से भी थकान होने लगे, इसलिए इसेे पहचानना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

प्रशांत चेतावनी देते हुए कहते हैं कि कभी-कभी ऐसे मरीजों के लिए गर्म पानी से नहाना भी थकान का कारण बन जाता है। इसलिए मरीज की सेवा करते समय इन बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए।

2. उन्हें मूव करने में मदद करें

एक्सपर्ट्स के अनुसार मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित व्यकक्ति की मसल्स कमजोर हो जाती हैं, खासकर टांगों की। ऐसे समय में बहुत जरूरी है कि जब आप उनको मूव करें तो आपको उनकी ताकत, उनकी कमजोरी और उनकी हिस्ट्री का एहसास होना चाहिए। आप यदि उनको मूव कर भी रही हैं तब भी केवल उतना ही कीजिए जितना कि वह पेशेंट आपको करने की इजाजत देता है।

मरीज की देखभाल करने वाले को हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने मरीज से कितना ज़ोर लगवाता और खुद कितना ज़ोर लगाता है। ऐसा होने पर किसी भी तरह का खतरा होने की संभावना कम रहती है।

3. साफ़ सफाई का रखें ध्यान

ऐसे मरीजों की बड़ी समस्या प्रेशर सोर (Pressure sores) होता है। यह मरीज अक्सर बेड पर ही रहते हैं। इसलिए इनकी त्वचा पर प्रेशर पड़ता है, जिसकी वजह से उन पर घाव हो जाते हैं। इसलिए उनकी देखभाल करते हुए उनकी साफ-सफाई का बहुत ख्याल रखना चाहिए। उन्हें हमेशा मरीजों से पूछते रहना चाहिए कि क्या वे उनकी साइड चेंज कर दें।

समय-समय पर उनका पोस्चर चेंज करते रहना चाहिए। डॉक्टर मखीजा कहते हैं कि हम अक्सर ऐसे मरीजों को एडवाइज करते हैं कि वह या तो एयर या वाटर मैट्रेस इस्तेमाल में लाएं। ताकि उनकी त्वचा पर ज्यादा प्रेशर ना पड़े।

4. दवाओं का हिसाब रखें

डॉक्टर मखीजा कहते हैं कि बहुत जरूरी है कि सेवा करने वाले मरीज की दवाइयों की एक लॉग शीट बनाएं। “यह जो दवाएं उनको फ्रिक्वेंटली दी जाती हैं जैसे स्ट्रोक्स, सीज़र्स (seizures, strokes, etc) आदि।

मल्‍टीपल स्‍केेलेरोसिस में दवाएं मिस नहीं करनी चाहिए, यह मरीज के लिए घातक हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

यह किसी भी हालत में यदि छूट जाती हैं या कभी किसी दिन नहीं दी जाती तो इस स्थिति में पेशेंट को कोई डिसेबिलिटी होने के लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए आप कोई चांस नहीं ले सकते। आपको उनकी दवाइयों पर कड़ी निगाह रखनी ही होगी।

5. समय-समय पर डॉक्टर के पास जाएं

डॉक्टर मखीजा कहते हैं, “डॉक्टर्स समय के साथ, बीत रहे हर स्तर पर आपको गाइड कर सकते हैं कि आगे आपको क्या करना है। इसलिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास मरीज को ले जाना बहुत जरूरी है। यह प्रक्रिया मरीज को बेहतर और शीघ्र रिकवरी के परिणाम तक लाने में कामयाब हो सकती है।

वह कहते हैं, “ऐसे बहुत से शिक्षण संस्थान है जो दोनों की मदद करने के लिए आगे आते हैं। चाहे वह केअर गिवर हो या पेशेंट, यह संस्थान बहुत सी वर्कशॉप चलाते हैं, जो दोनों को ही मदद करते है। इस बीमारी से निकलने में और इसे बेहतर तरीके से मैनेज करने में भी मदद करते है।

अंत में डॉक्टर कहते हैं

डॉक्टर मखीजा लोगों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि हम प्रोफेशनलस अक्सर ऐसा ऑब्जटर्व करते हैं कि विटामिन डी की कमी की वजह से ही लोगों में अक्सर मल्टीपल स्क्लेरोसिस की बीमारी देखी गई है। अंत में वो कहते हैं कि एक्टिव लाइफ स्टाइल आपकी शैली में आना बहुत जरूरी है यह आपको बहुत सारी बीमारियों से बचाकर रखेगा।

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