आपके बीमार पेरेंट्स को हो सकता है कोरोनावायरस का डबल जोखिम, इस तरह रखें उनका ध्‍यान

अगर आपके उम्रदराज माता-पिता ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज या किसी अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍या से ग्रस्‍त हैं, तो कोरोनावायरस की चपेट में आने का उनका जोखिम और भी बढ़ जाता है। आपको उनका विशेष ध्‍यान रखना होगा।
पहले से ही स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानियां होने के कारण वे इस बीमारी के ज्‍यादा रिस्‍क में हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
योगिता यादव Updated: 10 Dec 2020, 13:03 pm IST
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इस समय आपको अपने एजिंग पेरेंट्स का बहुुत ज्‍यादा ध्‍यान रखने की जरूरत है। खासतौर से अगर उनकी उम्र 60 वर्ष के पार है और वे किसी बीमारी से ग्रस्‍त हैं तो। अभी तक जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उनमें पहलेे से बीमार लोगों में कोरोनावायरस के घातक होने का जोखिम ज्‍यादा रहता है।

कोरोना वायरस बीमार मरीजों पर डबल अटैक कर रहा है। गम्भीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के कोरोना वायरस काल का रूप ले रहा है। कोरोनावायरस से हुई मौतों में 90 फीसदी वे लोग थे जो मधुमेह, ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी बीमारियों से पहले ही जूझ रहे थे। यानी जो लोग इन बीमारियों से ग्रस्त हैं, उनके लिए कोरोनावायरस से संक्रमित होने का जोखिम बढ़ जाता है।

ताजा आंकड़े गाजियाबाद के सामने आए हैं। इनमें अब तक कोरोना के 3600 से अधिक मरीज इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। 62 मरीजों ने इस वायरस की चपेट में आकर दम तोड़ दिया। मरने वाले 62 में से 55 मरीज ऐसे थे, जो पहले ही किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे। इसमें सबसे ज्यादा 16 मरीज कैंसर, 8 मरीज लीवर संबंधी बीमारी, सात मरीज किडनी की बीमारी, 11 मरीज ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित थे।

इसके अलावा नौ मरीज ह्रदय रोग से और चार मरीज डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे थे। मरने वालों में सिर्फ सात मरीज ही ऐसे थे, जो किसी भी बीमारी से ग्रसित नहीं थे। इसी प्रकार संक्रमित हुए मरीजों में भी बड़ी संख्या ऐसे मरीजों की है, जो किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे थे।

बीमारी पर डबल अटैक करता है वायरस

डिविजनल सर्विलांस यूनिट के मंडल प्रभारी और संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक तालियान का कहना है कि कोरोना का वायरस बीमारी पर डबल अटैक करता है। डायबिटीज से लेकर किसी अन्य बीमारी से ग्रसित मरीज को यह वायरस आसानी से अपनी चपेट में ले लेता है। बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अधिक सावधानी की जरूरत है।

कोवडि-19 के आंकड़े बताते हैं कि यह डायबिटीज से ग्रस्‍त लोगों के लिए ज्‍यादा घातक हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

गाजियाबाद के सीएमओ डॉ एनके गुप्ता के अनुसार, “बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अधिक सावधानी की जरूरत है। कोरोना से मृतक 62 मरीजों में 55 मरीज पहले ही किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे। सिर्फ सात मरीज ऐसे थे, जिन्हें कोई बीमारी नहीं थी। इसी प्रकार संक्रमित मरीजों में भी पहले से बीमार मरीजों की संख्या काफी अधिक है।“

तब क्या करना चाहिए

अगर आप‍के परिवार में भी कोई व्यक्ति इन स्वास्‍थ्‍य संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है, तो आपको उनका और ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है।

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सबसे पहले ये सुनिश्चित करें कि वे बाहर न निकलें। डब्‍ल्‍यूूएचओ ने हाल ही में इस तथ्य को स्वीकार किया है कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा में भी मौजूद है।

आपके घर के वे उम्र दराज लोग जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण उनके इस वायरस की चपेट में आने का जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए उन्हें बाहर निकलने से बचना चाहिए।

अगर आप बाहर जाते हैं, तो आपको भी अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना है। आप भले ही कोरोना से संक्रमित न हो पर, आप उसके वाहक बन सकते हैं। और आपके कारण आपके एजिंग पेरेंट्स कोरोना की चपेट में आ सकते हैं।

उनकी हेल्थ की लगातार मॉनीटरिंग करती रहें। उनका बीपी, शुगर और तापमान हर दिन चैक करती रहें। किसी का भी स्तर असामान्य होने पर डॉक्टर से सलाह करना जरूरी है।

ध्यान दें कि उनके कमरे का वातावरण बिल्कुल साफ-सुथरा हो। सेनिटाइजर आदि का इस्तेेमाल करें, पर यह भी ध्यान रखें कि इसकी गंध उन्हें परेशान तो नहीं कर रही।

इस समय कोरोनावायरस के साथ-साथ अकेलेपन, तनाव और अवसाद का भी खतरा है। इसलिए यह जरूरी है कि आप उन्हें इस बीमारी और इस माहौल से आतंकित न करें।

संवाद बनाए रखें और घर का माहौल कूल रखने की कोशिश करें। ऑनलाइन माध्यमों से उन्हें उनके दोस्तों, रिश्तेदारों से बात करने के लिए प्रेरित करें।

(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

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