अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जन्स के अनुसार, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक बेहद सामान्य बीमारी है जो 60 वर्ष की आयु से अधिक 85% लोगों को प्रभावित करती है। सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस 50-60 साल की उम्र से ऊपर के लोगो में अधिक देखने को मिलता है। हालांकि, उम्र बढ़ने के कारक के अलावा, ग्रीवा स्पोंडिलोसिस अन्य कारकों के कारण भी हो सकता है।
आज जीवनशैली में कई तरह के बदलाव आए है और यह व्यस्त जीवन के कारण युवा भी इस बीमारी से ग्रस्त हो रहे है। लंबे समय तक काम करने की अवधि, शारीरिक व्यायाम की कमी और बढ़ते तनाव के कारण यह समस्या कम उम्र में भी लोगों को परेशान कर रही है।
लंबे समय के लिए एक असुविधाजनक मुद्रा में बैठना, काम करने के वजह से गर्दन में तनाव बढ़ना, रीढ़ की हड्डी या गर्दन में तकलीफ होना, स्लिप-डिस्क और मोटापा भी दर्द के कारण बन सकते है। स्पोंडिलोसिस के शिकार होने की संभावना तब और अधिक होती है, जब परिवार में कोई पहले भी सर्वाइकल प्रोब्लम से ग्रस्त होता है।
यह एक आम समस्या है जो उम्र के साथ- साथ अकसर बढ़ जाती है। इससे पहले ही बचने के लिए आप व्यायाम और अपने उठने- बैठने का समय निर्धारित कर लें।
ज्यादातर लोगों के लिए, गर्भाशय ग्रीवा स्पोंडिलोसिस का कोई लक्षण नहीं होता है। जब लक्षण होते हैं, तो वे आमतौर पर गर्दन में दर्द और कठोरता शामिल रहता है या कंधे में दर्द होना या गर्दन में अकड़न तथा सिर के पीछे दर्द आदि कोई गंभीर संकेत इसके लोगो में देखने को नहीं मिलते है।
अगर आप सर्वाइकल प्रोब्लम से ग्रस्त हैं, तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं। अगर आप पहले से ही प्रिकॉशन लेंगी, तो ऐसी नौबत नहीं आयेगी।
इसके लिए उन कार्यों को करने से बचें जो गर्दन पर दबाव डालती हैं।
भारी वजन उठाने से बचें, काम करते वक़्त गर्दन को आराम देने के लिए बीच-बीच में छोटे ब्रेक लें।
रोजाना कैल्शियम का सेवन आपको जरूर करना चाहिए।
खुद को हमेशा हाइड्रेटेड रखें।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंफल और हरी पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन करें।
रोज व्यायाम अवश्य करें, लेकिन सावधानी और देखभाल के साथ।
भुजंगासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
धनुरासन
मार्जार्यासन
सेतु बंधासन
मत्स्यासन
यह कुछ व्यायाम है जो आपको सर्वाइकल प्रॉब्लम से मुक्त करने में आपकी मदद करेंगे।
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