नहीं संभाल पा रहीं हैं अकसर झगड़ने वाले पेरेंट्स को? चिंता न करें, इसका भी समाधान है

यह अच्छा नही है कि आपके माता - पिता हर बार आप पर गुस्‍सा होते रहें और आपको शर्मिंदा होना पड़े। शुक्र है कि ऐसे तरीके है जिससे आप अपने रिश्तों को सुधार सकती हैं।
नैगिंग पेरेंट्स को संभालना मुश्किल होता है, पर समाधान है। चित्र: शटरस्‍टॉक
नैगिंग पेरेंट्स को संभालना मुश्किल होता है, पर समाधान है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 12:42 pm IST
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बड़े होते हुए हम सभी ने कभी न कभी अपने माता-पिता से छोटी-मोटी बातों पर डांट खाई होगी। असल में गलतियां निकालना और हमें टोकना निखारने की प्रक्रिया में बहुत मायने रखता है। इससे यह भी समझा जा सकता है कि उनके दिल में हमारे लिए ऐसी सद्भावना है जिससे वह हमें जीवन में सफल होते देखना चाहते हैं। परंतु कुछ समय के बाद छोटी-छोटी बातों पर गलतियां निकालना एक आदत सी बन जाती है। और एक समय के बाद हम देखते हैं कि बिना गलती के भी वे हमें लगातार डांटने लगते हैं।

हम जानते हैं कि इस आदत से गुजरना थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। खास करके तब जब आप बड़े हो चुके होते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके अपने पेरेंट्स के साथ कैसे टर्म हैं। इसके बावजूद कभी-कभी उन्‍हें अपने नजरिए से चीजों को समझाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

हम समझते है कि लड़ना किसी भी बात का समाधान नहीं है। पर फि‍र क्‍या हो सकता है समाधान, आइए जानने की कोशिश करते हैं-

1. सुनिए कि वे क्‍या कहना चाहते हैं

यह सबसे ज्‍यादा जरूरी है कि जब आप कुछ कहना चाहते हैं, तो पहले दूसरे को सुनें। भले ही यह कष्टप्रद हो, लेकिन वे क्या कह रहे है, इसे समझने के लिए आपको अपने दिमाग को शांत करना होगा।

जब हम बड़े हो जाते हैं तो अपने पेरेंट्स की बात सुनने का भी टाइम नहीं निकाल पाते। चित्र: शटरस्‍टॉक
जब हम बड़े हो जाते हैं तो अपने पेरेंट्स की बात सुनने का भी टाइम नहीं निकाल पाते। चित्र: शटरस्‍टॉक

इसके बाद आप महसूस करेंगी कि इसमें से कुछ बाते समझ आएगी और कुछ बिल्कुल समझ नहीं आएंगी, परन्तु उसके बाद आपको आत्मनिरीक्षण करना होगा। उनकी पूरी बात ख़त्म होने तक का इंतज़ार करें। उनकी बातों को सुनें जरूर पर दिल पर न लें।

2. जब आपको कोई काम दिया जाए, तो उन्‍हें अपनी समय सीमा बताएं

जब वे आपको कुछ काम करने के लिए देते हैं तो, उन्हें यह जरूर बताएं कि आप इस काम को कब तक पूरा कर पाएंगी। अगर आपके पास टाइम नहीं है, तो उन्‍हें आराम से समझाएं कि अभी आपके लिए यह काम कर पाना संभव नहीं है। इससे आप भी तनावमुक्‍त रह पाएंगी और आपके पेरेंट्स को भी पता रहेगा कि आप उसे काम को कब तक करने वाली हैं।

3. उन्हें बताएं कि उनकी यह आदत आपको परेशान करती है

आपको उनसे इस बारे में बात करनी चाहिए कि उनकी हर बात में गलती निकालने और डांटने की आदत आपको परेशान करती है। इसका असर आपके जीवन पर भी पड़ रहा है। इसके बारे में सोचकर मन ही मन न घुटती रहें। वरना आप में कुंठा और गुस्‍सा बढ़ता जाएगा।

जब आपके पेरेंट्स आप में गलतियां निकालते हैं, तो उन्‍हें समझाएं कि आपकी इस बारे में क्‍या राय है।

उन्‍हें यह बताना जरूरी है कि नैगिंग किसी को भी परेशान कर सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
उन्‍हें यह बताना जरूरी है कि नैगिंग किसी को भी परेशान कर सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

इस तरह वे बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि परिवार में संवाद के जरिए भी कुछ चीजों को सुलझाया जा सकता है। बस अपने आपको शांत रखें और गुस्सा न करने की कोशिश करे, क्योंकि यह असल में हालात को और बदतर बना देता है।

4. अपने पेरेंट्स के साथ खुल कर संवाद करें

झगड़े अधिकतर तब होते है जब संवाद की कमी होती है। एक बार दोनों पक्षों में स्पष्ट रूप से संवाद होने पर कई तरह की कंफ्यूजन खत्‍म हो जाती हैं। इससे एक-दूसरे के बारे में ग़लतफहमी भी नहीं रहती।

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यदि आप अपने माता-पिता के साथ जीवन भर बहस करते आए है,तो खुली बातचीत करने में आपको समय लग सकता है, लेकिन निश्चित रूप से इसके लिए खुद को तैयार जरूर करें। अगर पहली बार स्वयं ऐसा स्वभाव नहीं उत्पन्न हो रहा है तो धैर्य रखें, लेकिन अपनी भावनाओं के बारे में उनसे बात करने और उनसे उनके बारे में पूछने के लिए लगातार प्रयास करते रहे।

5. बताएं कि यह आदत उनके स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक है

लगातार डांटने और झगड़ने में वे ऐसे आदी हो चुके होते हैं कि उन्‍हें यह समझ ही नहीं आता कि इससे सिर्फ आपके ही नहीं, बल्कि उनके अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर भी कितना असर पड़ता है।

झगड़े और तनाव किसी की भी सेहत के लिए अच्‍छे नहीं होते। चित्र: शटरस्‍टॉक
झगड़े और तनाव किसी की भी सेहत के लिए अच्‍छे नहीं होते। चित्र: शटरस्‍टॉक

कोशिश करके देखेंगी तो महसूस होगा कि इस झगड़े का आप दोनों के ही मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ रहा है। यह जरूरी है कि आप दोनों मिलकर इस तनाव और दबाव को कम करने की कोशिश करें।

6. सम्मान बनाए रखने के लिए अपनी इमोशनल हेल्‍थ से समझौता न करें

अपने भावनात्मक स्वास्थ्य को हमेशा ध्यान में रखे। एक ऐसा समय आता है जब आपको सब कुछ अपने से अलग लगने लगता है। ऐसे समय में भी अपनी इमोशनल हेल्‍थ को नजरंदाज न करें। बल्कि सभी कुछ भूलकर अपना ख्‍याल रखें। खुद को ऐसी एक्टिविटी में शामिल करें, जो आपको भावनात्‍मक और मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ बनाए रखें।

7. कुछ सीमाएं निर्धारित करे

जब आप अपने माता पिता के साथ खुल कर बात करते है तो, आपस में एक निश्चित स्तर की सहूलियत और समझ विकसित होती है। यह एकजुटता में और कुछ स्पष्ट सीमाओं को सूचीबद्ध करने में सहायक हो सकता है।

परिवार के साथ आपके संबंध भी अवसाद को कम करते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

8. उन्हें बताएं कि वे नैगिंग कर रहे हैं, जब भी वे ऐसा करें

भले ही आप यह महसूस कर रहे हों, भले ही वो समझ रहे हों और भले ही परिवार ने झगड़े से बचने के लिए कुछ नियम बनाए हों, तब भी जब भी वे नैगिंग करें, आप उन्‍हेें इस बात का अहसास जरूर करवाएं।

याद रखें, की आपके पेरेंट्स भी इंसान हैै और उनसे भी गलतियां हो सकती हैं। उनके साथ धैर्य रखने की कोशिश करें और उन्हें समझाएं कि जैसी आप हैं, वे आपको उसी तरह स्‍वीकार करें।

हालांकि, यह सब थोड़ा मुश्किल हो सकता है पर असंभव नहीं है। खासतौर से आपकी इमोशनल हेल्‍थ के लिए यह बहुत जरूरी है।

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