घर, बाहर, ऑफिस, सोशलाइजिंग…! ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो आपको चौबीसों घंटे व्यस्त रखती हैं। और इस व्यस्तता में न आपको अपने आहार का ध्यान रहता और न व्यायाम का। यही नहीं आप वे जरूरी बातें भी भूल जाती हैं, जो आपकी सबसे ज्यादा प्राथमिकता पर थीं। अगर आपकी हालत भी ऐसी हैं, तो आप काम के अतिरिक्त दबाव से जूझ रहीं हैं। और ये आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। यकीन न हो तो इस ताजा शोध के नतीजों पर नज़र डालें। यूरोपीय स्ट्रोक संगठन (ESO) सम्मेलन में पेश किए एक नए अध्ययन के अनुसार अनियमित नींद, काम संबंधी तनाव और थकान के कारण महिलाओं में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं।
मूलरूप से यह माना जाता है कि पुरुषों को महिलाओं की तुलना में दिल के दौरे और स्ट्रोक होने की अधिक संभावना होती है। परंतु इस स्टडी ने नए कारणों की खोज की है जिससे काम का दबाव और नींद की समस्याएं हृदय संबंधी जोखिम को बढ़ावा देती हैं।
पहले किए गए अध्ययन के अनुसार मधुमेह, अधिक रक्तचाप, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता को हृदय रोग के लिए जोखिम माना जाता है। लेकिन शोध के बाद कुछ आधुनिक कारण पाए गए है। दिल का दौरा पड़ने के पीछे कई जोखिम कारक हो सकते हैं। यहां, हम आपको सबसे प्रमुख कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं-
यह उन महिलाओं के लिए है जो बाहर काम करने के साथ घरेलू जिम्मेदारियों में उलझी रहती है। इसके अलावा भी कई सामाजिक पहलुओं पर भी काम करना पड़ता है। ऐसे में महिलाएं अपनी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ रहती है। वे अपने दैनिक ‘व्यस्त’ जीवन में खुद की जिम्मेदार नहीं ले पाती है जिसके कारण हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसे बीमारियों से ग्रस्त हो जाती है।
यह सारे कारण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। महिलाएं अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के कारण नियमित रूप से आराम और नींद का ख्याल नहीं रख पाती है। लगातार दिमाग के थकान और प्रेशर के कारण स्ट्रोक होने का डर रहता है।
शोधकर्ताओं ने 2007, 2012 और 2017 के स्विस हेल्थ सर्वे में 22,000 पुरुषों और महिलाओं के डेटा की तुलना की और पाया कि हार्ट अटैक की बीमारी के लिए आधुनिक जोखिम वाले कारणों की रिपोर्ट करने वाली महिलाओं की संख्या में “खतरनाक” वृद्धि हुई है।
यह आपके ब्लड प्रेशर के स्तर को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है, ये हार्ट अटैक और स्ट्रोक के पीछे एक प्रमुख जोखिम कारण है।
अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से आप इन बीमारियों से बचने का प्रयास कर सकती है। यहां आपके व्यस्त रूटीन को बदलने के कुछ तरीके है-
ऐक्टिव रहना और नियमित व्यायाम करना।
तनाव या चिंता को ध्यान आदि तरीके से रेगुलेट करना।
स्वस्थ शरीर के लिए वज़न नियंत्रण में रखना।
पौष्टिक और कम फैट वाला भोजन करना।
धूम्रपान या शराब का सेवन न करना।
लेडीज, आपकी सेहत आपकी किसी भी प्राथमिकता से ज्यादा जरूरी है। इसलिए अपने बिजी रुटीन में से थोड़ा सा समय निकाल कर अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें।
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