जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो चीनी को किसी भी तरह से स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माना जाता है। यह टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग जैसी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही यह त्वचा में डलनेस भी बढ़ा देती है। हाल ही में हुए शोध में यह सामने आया है कि यह कैंसर सेल्स के विकास के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है। तो अगर आप अब भी बहुत ज्यादा चीनी का सेवन कर रहीं है तो सावधान हो जाइए।
नेचर कम्युनिकेशंस नामक जर्नल में हाल ही में प्रकाशित नौ साल के अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने लैब में यीस्ट कोशिकाओं का बारीकी से अवलोकन किया, जो कैंसर की कोशिका की तरह काम करती हैं। अध्ययन के अंत में, उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि खमीर कोशिका किण्वन प्रक्रिया उनके गुणन और विस्तार की ओर ले जाती है।
अध्ययन ने यह निष्कर्ष निकालने में मदद की कि शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को किण्वित चीनी से ऊर्जा मिलती है, जिसे वारबर्ग प्रभाव (Warburg effect) कहा जाता है। यह प्रक्रिया गैर-कैंसर कोशिकाओं के विकास के बिल्कुल विपरीत है, जो शरीर के लिए ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं।
बेल्जियम के शोधकर्ताओं ने बताया कि चीनी का सेवन करने से शरीर में विद्यमान कैंसर कोशिकाएं जागृत होती हैं और ट्यूमर के तेजी से बढ़ने का कारण बनती है।
यह पहला अध्ययन नहीं है जिसने कैंसर कोशिकाओं के विकास के साथ चीनी को जोड़ा है। इस तरह के पहले भी अध्ययन हुए हैं, जिनसे यह पता चला है कि बड़ी मात्रा में चीनी का सेवन करने से एसोफेजियल कैंसर सहित एक निश्चित प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। बहुत अधिक चीनी खाने से न सिर्फ वजन बढ़ता है,बल्कि यह मधुमेह और कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकती है।
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हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि कैंसर कोशिकाएं इस तरह का व्यवहार कैसे करती हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सबूत कैंसर रोगियों के लिए आहार की योजना बनाने में मदद कर सकता है।
चीनी का सेवन बंद करना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है। लेकिन एक बार जब आप चीनी की क्रेविंग के दुष्चक्र से बाहर निकल जाती हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। यह न सिर्फ आपके गंभीर रोगों के विकास के जोखिम को कम करता है। बल्कि इसे आपके स्वास्थ्य संबंधी भी अनेक लाभ हैं।
जब आप चीनी का सेवन छोड़ देती हैं तो यह आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। आपके रक्तप्रवाह में शर्करा की अधिक मात्रा त्वचा की कोलेजन की मरम्मत में बाधा डाल सकती है, जो प्रोटीन आपकी त्वचा को कोमल बनाये रखता है। आहार में अत्यधिक चीनी भी त्वचा की लोच को कम कर सकती है और समय से पहले झुर्रियों को जन्म देती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि चीनी का सेवन कम करने से आपकी त्वचा कम उम्र की हो सकती है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है।
उच्च मात्रा में चीनी का सेवन आमतौर पर वजन बढ़ाने के साथ जुड़ा हुआ है। चीनी के सेवन को नियंत्रित करना आपके लिए फैट को कम करना आसान बना सकता है, खासकर पेट के हिस्से में। पेट में अत्यधिक वसा संचय मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल और विभिन्न स्वास्थ्य चिंताओं को जन्म देता है।
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चीनी साधारण कार्ब्स से ज्यादा कुछ नहीं है, जिसका सीधा सा मतलब है कि वे जल्दी पच जाते हैं और आपके रक्तप्रवाह में जल्दी प्रवेश करते हैं। इससे शुगर रश होता है और ऊर्जा में तुरंत वृद्धि होती है। लेकिन जब इस चीनी को मेटाबोलाइज़ किया जाता है, तो यह एक ऊर्जा मंदी की ओर जाता है। एक बार जब आप अपनी सेहत के लिए चीनी छोड़ देंगे, तो आपको इस समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।