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गर्भावस्था के दौरान सबसे ज्यादा जरूरी है वर्क लाइफ बैलेंस, एक्सपर्ट दे रही हैं इसके लिए सुझाव

प्रेगनेंसी फेज चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान अपने और गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होता है। साथ ही, वर्क लाइफ बैलेंस भी बनाना होता है। यहां हैं एक्सपर्ट के बताये 5 टिप्स, जो वर्क लाइफ बैलेंस बनाने में मदद कर सकते हैं।
Published On: 3 Dec 2023, 08:00 pm IST
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Dr. Ritu Sethi
मेडिकली रिव्यूड
pregnancy ke dauraan apna khas khyal rakhen.
प्रेगनेंसी के दौरान जरूरी नहीं है कि हर जिम्मेदारी को मुस्तैदी से किया जा सके। इस फेज में खुद पर ध्यान देना जरूरी है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जीवन में वर्क लाइफ बैलेंस बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खासकर गर्भावस्था के दौरान। प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी काम कम नहीं होता है। गर्भावस्था के दौरान न सिर्फ सभी फ्रंट को अच्छी तरह मैनेज करना होता है, बल्कि अपना भी विशेष ख्याल रखना होता है। इसके लिए सही तरीके से मैनेज करना जरूरी है। उचित योजना और समय प्रबंधन के जरिये प्रेगनेंसी के दौरान वर्क लाइफ बैलेंस (work life balance in pregnancy) किया जा सकता है।

बैलेंस के लिए सकारात्मक रहना है जरूरी (work life balance in pregnancy)

प्रेगनेंसी के दौरान जरूरी नहीं है कि हर जिम्मेदारी को मुस्तैदी से किया जा सके। इस फेज में खुद पर ध्यान देना जरूरी है। इससे न सिर्फ आपका, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे का स्वास्थ्य भी सही रह पायेगा। गर्भावस्था होने का मतलब यह नहीं है कि इसके लिए आपको अपने करियर और जीवन की आकांक्षाएं छोड़ देनी है। सबसे जरूरी है कि अगर चीजें योजना के अनुसार नहीं चलेंगी, तो इसका असर प्रेगनेंसी पर पड़ना लाजिमी है। बेहतर वर्क-लाइफ बनाने में असमर्थ हैं, तो दोषी महसूस न करें। सकारात्मक रहें। समय के साथ चीज़ें बेहतर होंगी।

यहां हैं 5 टिप्स, जो वर्क लाइफ बैलेंस बनाने में मदद कर सकते हैं (Work life balance tips for pregnancy)

1. सही प्लैनिंग (Right planning)

प्रेगनेंसी के साथ-साथ अपने ऑफिस वर्क और लीव की प्लैनिंग पहलें करें। कौन से काम को पहले कर लेना है, प्रायोरिटी तय करें। सभी एक्टिविटीज को रिकॉर्ड करने के लिए फ़ोन के कैलेंडर या प्लैनिंग सपोर्ट का उपयोग करें।

2. डेली एक्टिविटी की प्लैनिंग (daily activity planning)

दैनिक गतिविधियों की एक सूची बनाएं। इसमें एक्सरसाइज और समय-समय पर ली जाने वाली डाइट को विशेष प्राथमिकता दें। इसके बाद अन्य सभी किये जाने वाले कार्यों को प्राथमिकता दें। काम के दौरान ब्रेक लें, ताकि आपको थकान न हो और नियमित ब्रेकफास्ट और भोजन लें।

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दैनिक गतिविधियों की एक सूची बनाएं। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. ऑफिस वर्क (Office work)

ऑफिस वर्क को रोज किस तरह अंजाम देती हैं, इस पर ख़ास रिसर्च करें। टार्गेट पूरा करने के लिए किसी तरह का अपने ऊपर स्ट्रेस नहीं लें। इस दौरान किसी भी तरह की आलोचना पर नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दें। पॉजिटिव बने रहना हेल्दी प्रेगनेंसी का मूलमंत्र है।

4 प्रबंधक, बॉस और सहकर्मियों से बात करें (Talk to your manager and boss)

समय-समय पर प्रबंधक, बॉस और सहकर्मियों से भी बात करें। उन्हें गर्भावस्था की प्रगति या किसी जटिलता या बार-बार अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता के बारे में भी बात कर सकती हैं। यदि आप जल्दी मातृत्व अवकाश की योजना बना रही हैं, तो इसके बारे में भी बताती रहें। अगर आपको लगता है कि आपको एक्स्ट्रा वर्क और अधिक समय तक काम करने के लिए कहा जा रहा है, तो ना कहना सीखें। इसके बारे में बॉस से बात करें।

5 वर्क फ्रॉम होम की संभावना तलाशें (Work from home)

जब भी संभव हो बच्चे के जन्म के बाद काम पर लौटने की योजना बनाएं। वर्काहोलिक बनने से बचें। यदि वर्क फ्रॉम होम से आपका काम चल सकता है, तो इसकी भी संभावना तलाशें। ओवरटाइम और एक्स्ट्रा वर्क करने से बचें। अपने शरीर की बात सुनना और उसके अनुसार कार्य करना जरूरी है।

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pregnancy me work from home ki sambhawna talashen.
यदि वर्क फ्रॉम होम से आपका काम चल सकता है, तो इसकी  संभावना तलाशें।चित्र: अडोबी स्टॉक

अंत में

गर्भावस्था के दौरान सामान्य बदलावों जैसे थकान, बीमारी, बेचैनी, दर्द और गर्भावस्था की समस्या से निपटना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।इसलिए काम और घर दोनों जगह परफेक्ट होने की कोशिश नहीं करें।

यह भी पढ़ें:- Fertility Preservation : 35 के बाद भी गर्भ धारण की सुविधा देता है फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन, यहां हैं इसके लिए 5 विकल्प

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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