अक्सर मौसम के करवट लेते ही वातावरण में संक्रमण का प्रभाव तेज़ होने लगता है। इससे सर्दी, जुकाम और खांसी की समस्या बनी रहती है। ऐसे में दवाओं का रूख करने के अलावा अगर आप किसी घरेलू नुस्खे की तलाश कर रहे हैं, तो शहद एक बेहतरीन विकल्प है। इससे शरीर स्वस्थ बना रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। हल्के सुनहरे रंग और मिठास से भरे शहद का इस्तेमाल अमूमन सभी उम्र के लोग करते है। इन्हें जहां पानी मे मिलाकर पिया जाता है, तो वहीं कुछ लोग इसे रेसिपीज़ में भी एड कर लेते है। क्या शहद को अन्य चीजों में मिलाकर खाना स्वास्थ्यवर्धक है (How to eat honey) और क्या इससे संक्रमण को दूर किया जा सकता है। ऐसे में अन्य सवालों के जवाब दे रही हैं डिंपल जांगड़ा।
इसमें कोई दोराय नहीं कि व्यंजनों को मीठा बनाने के अलावा (How to eat honey) शहद सर्दी और फ्लू से राहत सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। लेकिन अपनी पसंद की किसी भी चीज़ में शहद मिलाना बंद कर दें। शहद के कुछ संयोजन फायदे से ज़्यादा नुकसान पहुँचा सकते हैं। लोगों द्वारा की जाने वाली आम गलतियों में से एक है शहद को गर्म पानी में मिलाकर खाली पेट पीना। ऐसे और भी तत्व हैं जिन्हें आपको शहद के साथ नहीं मिलाना चाहिए! जानें शहद लेने का सही तरीका।
ज़्यादातर कार्बोहाइड्रेट शहद में होते हैं। लेकिन इसमें अन्य पोषक तत्वों की भी मात्रा पाई जाती हैं। यूएडीए के अनुसार 100 ग्राम शहद में 82.4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 17 ग्राम पानी और कैल्शियम 6 एमजी, पोटेशियम 52 मिलीग्राम और विटामिन सी 0.5 मिलीग्राम पाए जाते हैं। मगर पहले जानें शहद लेने का सही तरीका।
गट हेल्थ एंड आयुर्वेद कोच डिंपल जांगड़ा बताती हैं कि हल्के गुनगुने पानी में शहद को मिलाकर पीना फायदेमंद साबित होता। दरअसल, शहद का गाढ़ापन गर्म पानी में आसानी से मिलकर तरह पदार्थ का रूप ले लेता है। इसके लिए पानी के टेम्परेचर को चेक करना ज़रूरी है। चेक करने के लिए उंगली को 5 से 10 सेकण्ड के लिए पानी में डुबोकर रखें। अगर आप इतने समय तक ताप को सहन कर सकते हैं, तो वो पानी पीने योग्य समझा जाता है।
नींबू के साथ शहद को मिलाकर खाने से गले में होने वाली दर्द और खराश कम होने लगती है। नींबू और शहद में विटामिन सी होता है जो प्रतिरक्षा बढ़ाने लगता है। 2006 में एनल्स ऑफ़ न्यूट्रिशन एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित शोध के अनुसार विटामिन सी व्हाइट ब्लड सेल्स के विकास को बढ़ावा देते है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है।
अदरक और शहद पाचन में सुधार करने के लिए एक बेहतरीन कॉम्बो हैं। वे मतली से राहत के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय भी हैं। अदरक में सूजन.रोधी गुण होते हैं जो पाचन में सहायता करते हैं और सूजन को कम करते हैं।
इन दोनों सामग्रियों में एंटीऑक्सिडेंट के साथ साथ सूजन रोधी गुण भी होते हैं। शहद और दालचीनी के संयोजन का उपयोग प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षित रूप से किया जाता है।
काजू, बादाम या अखरोट जैसे मेवों के साथ शहद को मिलाकर खाने से स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता मिलता है। मेवे हेल्दी फैट्स और प्रोटीन प्रदान करते हैं। दिनभर में रिफाइंड कार्ब्स और अनहेल्दी स्नैक्स खाने के बजाय शहद का सेवन करें।
शहद को मिठाई के रूप में नहीं बल्कि दवा के रूप में इस्तेमाल करें। डिंपल जांगड़ा बताती हैं कि इसे सर्दी और खांसी के दौरान खाएं और बुखार की स्थिति में इससे परहेज करें। इसे चाय, कॉफी, कुकीज़ और केक से मिलाने से बचना चाहिए। इससे शहद की गुणवत्ता प्रभावित होने लगती है। 10 साल से कम उम्र बच्चों के लिए शहद का सेवन फायदेमंद है। दरअसल, उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है। ऐसे में उन्हें शहद देना चाहिए। शहद को बच्चों के लिए रखें और बड़ों को इसे खान से परहेज करना चाहिए।
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