कफ की समस्या आपको खांसी के समय होती है जब हमें सर्दी लगने से जुकाम हो जाता है। इसे दूर करने के लिए हम सभी बरसों से गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करते आ रहें है। पर क्या आप जानते हैं कि खांसी के अलावा भी ऐसे बहुत से कारण हैं जिनसे आपको कफ की समस्या हो सकती है। कफ खांसते समय आपके गले से निकलने वाला चिपचिपा पदार्थ होता है। थोड़ी मात्रा में कफ होना सामान्य समस्या है, लेकिन अगर आपको यह बहुत अधिक मात्रा में होता है, तो आपको इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में आइए जानते हैं कफ (Causes of phlegm) बनने के कारण और उससे राहत पाने के उपायों (how to reduce phlegm) के बारे में।
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक-निदेशक एवं जनरल फिजिशियन डॉ. शुचिन बजाज कफ के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं, “कफ या बलगम एक गाढ़ा और चिपचिपा पदार्थ है। यह श्वसन प्रणाली (respiratory system), विशेष रूप से फेफड़ों और श्वसन पथ की म्यूकस मेंब्रेन द्वारा निर्मित होता है। यह श्वसन संक्रमण और जलन पैदा करने वाले तत्वों से शरीर की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कफ मुख्य रूप से पानी, ग्लाइकोप्रोटीन (glycoproteins) और इम्युनोग्लोबुलिन (immunoglobulins) से बना होता है, लेकिन इसमें मृत सफेद रक्त कोशिकाएं, सेलुलर वेस्ट और सूक्ष्मजीव जैसे अन्य पदार्थ भी हो सकते हैं।
डॉ शुचिन कहते हैं, “कफ बैक्टीरिया और वायरस जैसे हानिकारक सूक्ष्मजीवों को फंसाकर और रोक कर उनके खिलाफ एक सुरक्षात्मक बैरियर के रूप में काम करता है। इससे इन रोगजनकों को श्वसन प्रणाली के बहुत अंदर तक जाने से रोकने में मदद मिलती है।”
कफ वायुमार्ग को नम रखने में मदद करता है और उन्हें सूखने से रोकता है, जो फेफड़ों के उचित कार्य के लिए आवश्यक है।
जब आप धूल, धुआं या प्रदूषक जैसे जलन पैदा करने वाले पदार्थों को सांस के द्वारा अंदर लेते है, तो कफ इन पदार्थों को आपके वायुमार्ग में फंसाने और हटाने में मदद कर सकता है, जिससे जलन कम हो जाती है।
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार ऐसी कई स्वास्थ्य स्थितिया हैं जो हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप कफ वाली खांसी हो सकती है।
सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे श्वसन संक्रमण, शरीर की रक्षा तंत्र को ट्रिगर कर सकते हैं, जिससे बलगम का उत्पादन बढ़ जाता है क्योंकि यह ऐसे हमलावर रोगजनकों को बाहर निकालने की कोशिश करत है जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते है।
पर्यावरण में बढ़ती गंदगी और प्रदूषण भी आपके कम का कारण बन सकता है। धूम्रपान, प्रदूषण, तेज़ गंध या रसायनों जैसे उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आने से श्वसन तंत्र में जलन हो सकती है, जिससे सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया के रूप में अधिक बलगम उत्पन्न हो सकता है।
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी पुरानी श्वसन स्थितियां अत्यधिक बलगम उत्पादन और वायुमार्ग से इसे साफ करने में कठिनाई का कारण बन सकती हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंजो लोग अस्थमा से पीड़ित होते है उन्हें भी बलगम की समस्या होती है क्योंकि उसकी सांस वाली नली में कुछ बाधा होती है। अस्थमा से पीड़ित लोगों के वायुमार्ग में अक्सर पुरानी सूजन होती है, जिससे बलगम का उत्पादन बढ़ जाता है और इसे साफ करने में कठिनाई होती है।
1- हाइड्रेटेड रहें– भरपूर पानी पीने से बलगम को पतला करने में मदद मिलती है, जिससे इसे शरीर से बाहर निकालना आसान हो जाता है।
2- ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें– अपने बेडरूम में ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करने से हवा में नमी आ सकती है, जो गले और नाक के सूखेपन को कम कर सकती है।
3- जलन पैदा करने वाले पदार्थों से बचें– धूम्रपान छोड़ें और किसी भी तरह के धुएं या अन्य श्वसन संबंधी परेशानी जैसे तेज इत्र या सफाई रसायनों के संपर्क में आने से बचें।
4- एलर्जी को प्रबंधित करें– आपके लक्षणों को ट्रिगर करने वाले एलर्जी कारकों को पहचानें और उनके संपर्क में आने को कम करें। ओवर-द-काउंटर एंटीहिस्टामाइन भी मदद कर सकते हैं।
5- अच्छी श्वसन स्वच्छता अपनाएं– श्वसन संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ धोएं। रोगाणुओं को फैलने से रोकने के लिए उचित खांसने और छींकने के तरीकों का उपयोग करें।
ये भी पढ़े- अगर 20 से नीचे रखते हैं AC का टेम्पेरेचर, तो इन 3 स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रहें तैयार