लाइफस्टाइल और खानपान की गड़बडियों के साथ-साथ एक्सरसाइज की अधिकता के कारण भी हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञ बताते हैं कि दिल का दौरा पड़ने की चेतावनी के संकेत पहले से शरीर में दिखाई देने लगता है। इसलिए व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए। सहायता प्राप्त करने की प्रतीक्षा करने की बजाय उन्हें इन संकेतों को पहचानना सीखना होगा। कुछ दिल के दौरे अचानक और तीव्र (over exercise effects on heart) होते हैं। इसके बावजूद इसकी शुरुआत हल्के दर्द या बेचैनी के साथ शुरू होती है।
हार्ट अटैक के लक्षणों और हार्ट अटैक से बचाव के लिए हेल्थशॉट्स ने, मेरेंजो क्यूआरजी हॉस्पिटल, फरीदाबाद के डायरेक्टर (डिपार्टमेंट ऑफ़ कार्डियोलॉजी) डॉ. गजिंदर गोयल से बात की। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं करना और बहुत अधिक एक्सरसाइज करना दोनों हार्ट अटैक को बुलावा देते हैं।
अधिकांश दिल के दौरे में छाती के बीच में असुविधा होती है, जो कुछ मिनटों से अधिक समय तक रहती है। यह कुछ समय बाद दूर हो सकती है या फिर वापस आ सकती है। यह व्यक्ति को असहज बना सकता है। यह अनकम्फर्ट फील कराने, स्कुइज या दर्द जैसा महसूस करा सकता है।
ऊपरी शरीर के अन्य अंगों में बेचैनी हो सकती है। एक या दोनों हाथों, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द या बेचैनी शामिल हो सकती है।
सांस लेने में परेशानी का अनुभव हो सकता है। यह सीने में परेशानी के साथ या उसके बिना भी हो सकता है।
यदि दिल का दौरा पड़ने वाला है, तो पसीने के साथ-साथ जी मिचला सकता है। उल्टी के साथ-साथ चक्कर आना भी शामिल है।
पुरुषों की तरह महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने का सबसे आम लक्षण सीने में दर्द (Angina) या बेचैनी है। महिलाओं को कुछ दूसरे लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है। सांस की तकलीफ, मतली या उल्टी के साथ-साथ पीठ या जबड़े में भी दर्द कर सकता है।
डॉ. गजिंदर गोयल बताते हैं, ‘भारत में हार्ट अटैक के कारण सबसे अधिक मौतें होती हैं। असल में यह संख्या खराब लाइफस्टाइल और जानकारी के अभाव के साथ एक्सरसाइज करना भी हो सकता है। यदि सही जानकारी हो, तो लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर 80 प्रतिशत तक हार्ट अटैक के मामले को कम किया जा सकता है।
नियमित एक्सरसाइज बहुत महत्वपूर्ण है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 30 मिनट और सप्ताह में 5 दिन की एक्सरसाइज जरूरी है, यह हम सभी जानते हैं। इससे हार्ट डिजीज होने का रिस्क 30 प्रतिशत तक घट सकता है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि हार्ट हेल्थ के लिए बिना एक्सपेंसिव इक्विपमेंट की जरूरत वाले एक्सरसाइज अधिक कारगर हैं। ब्रिस्क वाकिंग, जॉगिंग, सायकलिंग, स्विमिंग या इनडोर गेम्स, ये सभी एरोबिक एक्सरसाइजेज हैं, जो हार्ट हेल्थ को इम्प्रूव करते हैं। इससे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, हार्ट रेट कम हो पाती है। इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल, शुगर लेवल नियंत्रित होता है। यदि डायबिटीज होने की संभावना है, तो ये एक्सरसाइज 15 प्रतिशत तक डिले कर सकती है।‘
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कस्टमाइज़ करेंडॉ. गजिंदर गोयल बताते हैं, ‘यदि हम अत्यधिक मात्रा में एक्सरसाइज करते हैं और बहुत कठिन एक्सरसाइज 1 घंटे से अधिक करने लग जाते हैं, तो यह हार्ट हेल्थ के लिए बहुत नुकसानदेह हो जाता है। इससे सडेन कार्डिएक अरेस्ट (Sudden Cardiac Arrest) होता है। यदि जरूरत से तीन गुना ज्यादा एक्सरसाइज की जाए, तो यदि हार्ट में ब्लोकेज है, तो उसमें क्रैक होने का रिस्क बढ़ जाता है। क्रैक पर यदि ब्लड क्लॉट कर गया, तो अटैक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
अधिक एक्सरसाइज से हार्ट में इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेन्सेज (Electrical Disturbances) हो जाते हैं। इससे रिद्म (Heart Rhythm) डिस्टर्ब हो जाता है और वेंट्रिकुलर ट्रेकिकार्डिया (ventricular tachycardia) की प्रॉब्लम होने की संभावना बढ़ जाती है। अनियमित दिल की धड़कन (heart arrhythmia) भी हार्ट संबंधी एक समस्या है, जिसके होने का खतरा अधिक होता है।
आपका दिल बहुत तेज़ी से, बहुत धीरे-धीरे या अनियमित रिद्म के साथ धड़क सकता है। शारीरिक गतिविधि के दौरान आपकी हृदय गति का तेज होना और आराम करने या सोते समय धीमा होना सामान्य है। इसलिए सप्ताह में 150 मिनट्स से अधिक एक्सरसाइज नहीं करें।
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