असंतुलित जीवन शैली और गलत खान-पान के कारण गठिया की समस्या लोगों को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। वहीं दिन प्रतिदिन यह एक आम समस्या बनती जा रही है। यह बीमारी काफी ज्यादा पीड़ाजनक होती है। इसलिए समय रहते इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। अन्यथा आगे चलकर यह आपकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। यह समस्या पहले ज्यादातर बूढ़े लोगों में देखने को मिलती थी, परंतु अब यह नौजवानों को भी अपनी चपेट में लेती जा रही है।
गठिया होने का एक सबसे बड़ा कारण आपका गलत खानपान होता है, इसलिए एक सही डाइट को फॉलो करना बहुत जरूरी है। कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो कि आपकी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। तो ऐसे में यदि आप गठिया से पीड़ित हैं, तो बताए गए इन 5 खाद्य पदार्थों (foods that increase joint pain) से पूरी तरह परहेज रखें। साथ ही सामान्य लोग भी भविष्य की संभावना को देखते हुए जितना हो सके उतना सीमित मात्रा में इन्हें लेने की कोशिश करें। तो चलिए जानते हैं, वह कौन से ऐसे खाद्य पदार्थ है जो अर्थराइटिस की समस्या को और ज्यादा गंभीर कर सकते हैं।
जोड़ों में दर्द रहना
जोड़ों में अकड़न आना
सूजन
ऊर्जा की कमी महसूस होना
वजन घटना
जोड़ों के सामान्य मूवमेंट पर भी असहनीय दर्द होना
शरीफ पर लाल चकत्ते पड़ना
जोड़ों के आसपास की त्वचा पर गांठे है बन जाना
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कस्टमाइज़ करेंकई रिसर्च यह कहते हैं कि रेड मीट का सेवन इन्फ्लेमेशन को बढ़ाता है। इन्फ्लेमेशन अर्थराइटिस में नजर आने वाला एक गंभीर लक्षण है। रेड मीट में सैचुरेटेड फैट मौजूद होता है, इस वजह से यह इन्फ्लेमेशन और वेट गेन का कारण बन सकता है। इसके साथ ही रेड मीट में ओमेगा 6 फैटी एसिड पाई जाती है, ऐसे में इसका अधिक सेवन आपके जोड़ों में सूजन का कारण बन सकता है।
बाजार में उपलब्ध लगभग सभी प्रोसेस्ड फूड्स में इन्फ्लेमेशन को ट्रिगर करने वाले इनग्रेडिएंट मौजूद होते हैं। प्रोसेस्ड फूड में मौजूद शुगर, मैदा और सैचुरेटेड फूड अर्थराइटिस की समस्या को और ज्यादा गंभीर कर सकते हैं।
यदि आप गठिया से पीड़ित है तो आपको उन खाद्य पदार्थ जिनमें शुगर ऐड होते हैं उन से परहेज रखना चाहिए। कैंडी, सोडा, आइसक्रीम, केक, इत्यादि जैसे खाद्य पदार्थ आपके इस समस्या के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं। इसके साथ ही यदि आप अभी तक इस समस्या की शिकार नहीं हुई है तो खासकर शुगरी बेवरेज से परहेज रखें, अन्यथा यह समस्या आपको अपना शिकार बना सकती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार ज्यादातर वैसे लोगों को इस समस्या से पीड़ित पाया गया जिनकी डाइट में एडेड शुगर से युक्त खाद्य पदार्थ शामिल थे।
पब मेड द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ग्लूटेन गेहूं, राई और बार्ली जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाला एक प्रकार का प्रोटीन है। जो शरीर मे इन्फ्लेमेशन को ट्रिगर करता है। रिसर्च में 66 लोगों को शामिल किया गया जिन्हें ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थ दिए गए और परिणाम के रूप में उनमें इन्फ्लेमेशन से जुड़ी समस्याओं के होने की संभावना को बहुत कम पाया गया।
डॉक्टर अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को अपनी डाइट में कम से कम मात्रा में साल्ट को शामिल करने की सलाह देते हैं। की गई एक स्टडी के अनुसार हाई साल्टेड डाइट ले रहे व्यक्ति और सामान्य रूप से और कम नमक का सेवन करने वाले व्यक्तियों में तुलना करने पर, हाई साल्टेड डाइट ले रहे व्यक्ति में गठिया होने की संभावना काफी ज्यादा पाई गई। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार हाई सोडियम इनटेक अर्थराइटिस की संभावना को बढ़ा देता है।
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