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इन 4 तरह के फूड्स की अधिकता बन सकती है किडनी में पथरी का कारण

आहार स्वास्थ्य का आधार है। पर हर फूड हमेशा सभी के लिए अच्छा हो यह जरूरी नहीं। यहां हम उन खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जो किडनी स्टोन की समस्या बढ़ा सकते हैं। 
मोटापे से किडनी कैंसर होने की संभावना बनी रहती है। चित्र:शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 3 Jun 2022, 16:49 pm IST
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किडनी में पथरी होना एक बेहद दर्दनाक स्थिति हो सकती है। खराब लाइफस्टाइल के साथ ये समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

वजन बढ़ने, दवाएं, किसी तरह की मेडिकल ट्रीटमेंट या बॉडी मेंटेन करने के लिए लिए जाने वाले सप्लीमेंट्स भी किडनी में स्टोन का कारण बन सकते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि कुछ खाद्य पदार्थ भी ऐसे होते हैं, जो किडनी में पथरी (Foods that cause kidney stones) की समस्या को बढ़ा सकते हैं। आइए आज इन्हीं के बारे में जानते हैं। 

इन सभी कारकों के कारण किडनी में मिनरल्स और सॉल्ट का डिपोजिशन होता रहता है। इसे नेफ्रोलिथियासिस या यूरोलिथियासिस (nephrolithiasis or urolithiasis) भी कहा जाता है। कई बार पोषक तत्वों से भरपूर भोजन भी किडनी में स्टोन के कारण बनते हैं। चुकंदर, पालक या नट्स जैसे न्यूट्रीशियस फूड आइटम्स के अत्यधिक सेवन से यह समस्या हो सकती है। यदि आपकी किडनी में स्टोन हो गया है, तो डॉक्टर आपको कुछ खाद्य पदार्थों को न खाने या बहुत कम मात्रा में इनका सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। 

कौन-कौन से फूड किडनी स्टोन के कारक हो सकते हैं (Food and Drink to avoid for Kidney Stone), यह जानने के लिए हमने बात की फिजिशियन और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. सुकेश चौधरी से।

यहां हैं वे फूड जिनका अत्यधिक सेवन किडनी स्टोन का कारण बन सकता है 

1 नमक बना सकता है किडनी में स्टोन

यदि शरीर में सोडियम लेवल बढ़ जाता है, तो यूरिन के माध्यम से कैल्शियम लॉस भी बढ़ जाता है। इसलिए भोजन में ज्यादा नमक के प्रयोग से बचें। प्रोसेस्ड या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के लेबल की जांच अवश्य करें। ताकि पता चल सके कि उसमें कितना सोडियम है। 

दूसरी ओर, फास्ट फूड में सोडियम की मात्रा अधिक हो सकती है। इसलिए इनको ज्यादा खाने से बचें। यदि आप नियमित रूप से रेस्टोरेंट जाते हैं, तो यह जरूर जानने की कोशिश करें कि आप जो भी खाना ले रहे हैं, उनमें अधिक नमक तो नहीं डाला गया है।

किसी भी ड्रिंक को लेने से पहले सोडियम की मात्रा की जांच करें। कुछ वेजिटेबल जूस में भी सोडियम की मात्रा अधिक होती है।

2 कम करें एनिमल प्रोटीन का सेवन

प्रोटीन के कई सोर्स जैसे कि रेड मीट, पोर्क, चिकन, पोल्ट्री और अंडे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ाते हैं। ज्यादा मात्रा में प्रोटीन खाने से यूरीन में साइट्रेट केमिकल का निकलना भी कम हो जाता है। साइट्रेट किडनी स्टोन को बनने से रोकता है। एनिमल प्रोटीन की बजाय क्विनोआ, टोफू, चिया सीड्स और ग्रीक योगर्ट को भोजन में शामिल करें।

किडनी स्टोन होने पर एनिमल प्रोटीन युक्त भोजन न लें। चित्र: शटरस्टॉक

3 सोच-समझकर करें ऑक्सलेट्स का सेवन

ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थ किडनी स्टोन फॉर्मेशन को बढ़ावा देते हैं। यदि आपकी किडनी में स्टोन है, तो अपने आहार से ऑक्सलेट को पूरी तरह से निकाल दें। डॉ. सुकेश के अनुसार, ऑक्सलेट वाले फूड खाने के साथ हमेशा कैल्शियम के सोर्स वाले फूड खाएं या पिएं। इससे डायजेशन के दौरान ऑक्सलेट कैल्शियम के साथ बाइंड हो जाएगा और ऑक्सलेट किडनी तक नहीं पहुंच पाएगा। चॉकलेट, चुकंदर, चाय, नट्स, पालक, स्वीट पोटैटो में ऑक्सलेट पाए जाते हैं।

4 बहुत कम मात्रा में लें एडेड शुगर

एडेड शुगर या सिरप प्रोसेस्ड फूड और ड्रिंक्स में डाले जाते हैं। एडेड सुक्रोज और एडेड फ्रुक्टोज किडनी स्टोन के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। यह केक, कोल्ड ड्रिंक डिब्बा बंद जूस में अधिक पाया जाता है। 

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इनसे परहेज जरूरी है। साथ ही, 8-10 गिलास पानी पिएं। कोल्ड ड्रिंक्स को भी एवॉयड करना चाहिए। इसमें फॉस्फेट बड़ी मात्रा में उपलब्ध होता है। यह किडनी स्टोन बनने को बढ़ावा दे सकता है।

किडनी में हो गया है स्टोन, तो क्या करें

वास्तव में किडनी स्टोन बहुत पेनफुल होता है। जैसे ही आपको किडनी स्टोन होने की आशंका हो, आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। उनके द्वारा बताई गई दवाओं का सेवन करें। 

रोजाना दस गिलास या उससे अधिक पानी पिएं। 

खट्टे फलों का सेवन करें। 

कैल्शियम से भरपूर भोजन का सेवन करें और एनिमल प्रोटीन को अपने खाने में सीमित कर दें। 

डिब्बाबंद भोजन को एवॉयड करें। 

शरीर को डिहाइड्रेट करने वाले पेय जैसे कि शराब आदि का सेवन बिल्कुल बंद कर दें।

यहां पढ़ें:-ये डकार भी कुछ कहती है, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसके बारे में कुछ जरूरी तथ्य 

स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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