एक महिला के जीवन में कई फेज आते हैं। पीरियड शुरू होने से लेकर, ब्रेस्ट डेवलपमेंट, प्रेगनेंसी, मेनोपॉज जैसे कई चरण होते हैं। ये सभी चरण उनके रीप्रोडक्टिव ऑर्गन और सिस्टम से जुड़े होते हैं। यदि इन सभी के बारे में उन्हें सही जानकारी नहीं होती है, तो उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए अपने ओवरआल हेल्थ के लिए महिलाओं का यौन और प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) के बारे में जानना जरूरी है।
महिलाओं के लिए अपने रीप्रोडक्टिव सिस्टम के बारे में जानना क्यों जरूरी है, इसके बारे में गुरुग्राम के क्लाउड नाइन हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट गायनेकोलोजी और ऑरा स्पेशलिटी क्लिनिक की डाइरेक्टर डॉ. रितु सेठी इस बारे में विस्तार से बता रही हैं।
डॉ. रितु सेठी बताती हैं, ‘महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए। बीमारी और उपचार तथा स्वस्थ रहने के जितने भी उनके सामने विकल्प हैं, उन्हें उनके लिए समझना जरूरी है। महिलाओं को उन बीमारियों और स्थितियों के उपचार और निदान के बारे में जरूर जानना चाहिए, जो उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को फायदा पहुंचाता हो।
ख़ासकर प्रजनन अंगों के कार्य को प्रभावित करने वाली जन्म नियंत्रण, यौन संचारित संक्रमण (STI) , स्तन कैंसर, ओवरी कैंसर, गर्भाशय कैंसर, मैमोग्राफी, मेनोपॉज, हार्मोन थेरेपी के साथ-साथ गर्भावस्था और प्रसव संबंधी स्थितियों और रोगों-निदानों के बारे में जानना जरूरी है। इन सभी जानकारियों से लैस होने पर ही वे जीवन भर स्वस्थ रह पाएंगी।’
1 पीरियड, फर्स्ट पीरियड, पीरियड क्रेम्प्स (period cramps) के बारे में जानना
अक्सर जानकारी के अभाव में लडकियां जब पहली बार पीरियड (Monarche) होती हैं, तो उनसे अनजाने में कई तरह की गलतियां हो जाती हैं। वे योनि की सफाई ठीक ढंग से नहीं कर पाती हैं। इससे वैजाइनल इन्फेक्शन की संभावना हो सकती है। दूसरी ओर, सफाई के लिए साबुन, सुगंध वाले प्रोडक्ट के इस्तेमाल से योनि का पीएच बैलेंस बिगड़ सकता है। पीरियड क्रेम्प न हो, इसके लिए उचित योगसन की जानकारी जरूरी है। इसलिए किशोरावस्था से ही इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए।
यौन और प्रजनन स्वास्थ्य केवल शारीरिक भलाई के लिए ही नहीं है। इसमें स्वस्थ, सुरक्षित और सम्मानजनक संबंधों के अधिकार की भी पुष्टि होती है। गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में जानने पर महिलाएं यह निर्णय ले पाती हैं कि प्रेगनेंसी उनके लिए कब अधिक सहूलियत वाली होगी। इससे वे अनियोजित गर्भावस्था से बाख सकती हैं। साथ ही, गर्भनिरोधक के प्रभावी और सस्ती तरीके, समय पर सहायता और सेवाओं तक पहुंच भी हासिल हो सकती है।
कई बार जानकारी के अभाव में महिलाएं पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और एंडोमेट्रियोसिस से जूझती रहती हैं। इसके कारण उनके चेहरे और शरीर पर बाल आने लगते हैं। हार्मोनल असंतुलन सीधे-सीधे पीरियड और उनकी फर्टिलिटी को प्रभावित कर देता है।
यदि वे इसके बारे में उपचार और आवश्यक आहार के बारे में जानें, तो समय रहते पीसीओएस से होने वाली सम्स्या से निजात पा सकें।
सभी उम्र में यौन सक्रियता शुरू करना महिलाओं के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सुरक्षित यौन व्यवहार से ही उनका रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्याओं से वे बची रह सकती हैं। असुरक्षित यौन संबंध उन्हें अनियोजित गर्भावस्था, गर्भपात यहां तक कि यौन संचारित संक्रमण से भी जूझने के लिए मजबूर कर सकता है।
प्री मेनोपॉज फेज (Menopause) में एक महिला को मेनोपॉज फेज शुरू होने के सारे संकेत मिलने लगते हैं। उन्हें फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ की समस्याएं जैसे कि मूड स्विंग, स्ट्रेस भी होने लगता है। इसके बारे में जागरूक नहीं होने पर वे न हॉट फ्लेशेज को समझ पाती हैं और न मूड स्विंग को।
रीप्रोडक्टिव सिस्टम के बारे में जानकारी होने पर वे नियमित स्वास्थ्य जांच करा सकती हैं। सर्वाइकल स्क्रीनिंग, मानव पेपिलोमा वायरस टीकाकरण (Human Papillomavirus Vaccine), मेमोग्राम (Mammogram) आदि के बारे में जानकारी होने पर ही वे खुद को स्वस्थ रखने के उपाय कर सकेंगी।