बेबी प्लान कर रही हैं, और कंसीव करने का सोच रही हैं, तो सबसे पहले अपनी बॉडी को इसके लिए पूरी तरह से तैयार करें। ताकि आपको या बेबी को किसी प्रकार की कॉम्प्लिकेशन न उठानी पड़े। शरीर प्रेगनेंसी (healthy pregnancy) के लिए तैयार है या नहीं इसका पता लगाने के लिए कुछ मेडिकल टेस्ट करवाना जरूरी होता है। इन टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर आपको बता पाएंगे की आपकी बॉडी प्रेगनेंसी के लिए कितनी हेल्दी है, या पूरी तरह से स्वस्थ होने के लिए किन चीजों की आवश्यकता है। टेस्ट के अलावा जीवनशैली की गतिविधियों में बदलाव लाना भी जरूरी है। ताकि आप अपनी प्रेगनेंसी जर्नी को बिना किसी तनाव (Stress) के एंजॉय कर सकें।
ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ दिव्या वोरा ने अपने इंस्टाग्राम पर इन सभी लेडिस के लिए पोस्ट की है जो मां बनने का सोच रही हैं। पोस्ट में डॉक्टर ने कुछ जरूरी मेडिकल चेकअप टेस्ट के बारे में बताया है, जो हर महिलाओं को कंसीव करने से पहले करवानी चाहिए। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से (Checkup before pregnancy)।
ब्लड ग्रुप और ब्लड शुगर सहित नियमित ब्लड टेस्ट करवाना जरूरी है। कंसीव करने से पहले यह पहला परीक्षण है, जो आपको करवाना चाहिए। इसमें सीबीसी, आरएच फैक्टर, थैलेसीमिया स्क्रीनिंग, लिवर प्रोफाइल, किडनी प्रोफाइल, लिपिड प्रोफाइल, फास्टिंग और खाने के बाद की शर्करा, एचबीए1सी शामिल हैं। यह आपके शरीर के कार्य के बारे में जानने में मदद करता है। इस जांच के आधार पर पता लगाया जाता है की कहीं आप किसी बीमारी से तो परेशान नहीं हैं।
यह यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण, डायबिटीज और किडनी के कार्य की जांच के लिए किया जाता है। एक हेल्दी प्रेगनेंसी के लिया या स्वस्थ रूप से कंसीव करने के लिए आपके इन अंगों के कार्य का पूरी तरह स्वस्थ रहना जरूरी है। आप इसे आसपास के किसी भी लैब या हॉस्पिटल लैब में करवा सकती हैं।
यह एफएसएच, एलएच, एएमएच, थायरॉयड हार्मोन जैसे प्रजनन हार्मोन के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, जो फर्टिलिटी स्थिति निर्धारित करने में मदद करती हैं। हार्मोन फर्टिलिटी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बॉडी हार्मोंस में आया छोटा सा भी उतार चढ़ाव आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है।
एचआईवी, सिफलिस, क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) के साथ-साथ हेपेटाइटिस बी और सी और रूबेला जैसे अन्य संक्रमणों का पता लगाने के लिए इस टेस्ट को किया जाता है। कंसीव करने से पहले इन संक्रमणों का जांच जरूरी है, अन्यथा ये आपके बच्चों में भी ट्रांसफर हो सकता है।
यह फाइब्रॉएड, ओवेरियन सिस्ट या स्ट्रक्चरल असामान्यताओं का पता लगाता है, जो प्रजनन क्षमता या गर्भावस्था को प्रभावित कर सकती हैं। यदि इसमें किसी भी प्रकार की परेशानी नजर आती है, तो डॉक्टर पहले इनका इलाज करते हैं और तब आपको कंसीव करने की सलाह देते हैं।
यह स्क्रीनिंग सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए की जाती है। साथ ही इससे गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में अन्य असामान्यताओं की जांच के लिए किया जाता है। कई बार महिलाओं को कंसीव करने के बाद सर्वाइकल और अन्य फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं का पता चलता है, जिसकी वजह से उन्हें प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशंस का सामना करना पड़ता है। इसलिए कंसीव करने से पहले इन टेस्ट को करवा लेना चाहिए, यदि कोई समस्या डिटेक्ट हो तो उसे पहले ट्रीट करें, उसके बाद ही कंसीव करें।
एक स्वस्थ एवं संतुलित प्रेगनेंसी के लिए कंसीव करने से पहले कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, जैसे की सबसे पहले अपनी डाइट में बदलाव लाएं। पोषक तत्वों से भरपूर फल, सब्जी एवं अनाज का सेवन करें। इसके अलावा नियमित रूप से खुद को सक्रिय रखने का प्रयास करें। दिन में कम से कम 30 मिनट तक अपनी पसंदीदा किसी भी शारीरिक गतिविधि में भाग लें। साथ ही साथ वेट मैनेजमेंट भी उतना ही जरूरी है, यदि वचन बहुत ज्यादा बढ़ गया है तो पहले इस पर कंट्रोल करें और तब प्रेगनेंसी प्लान करें।
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कस्टमाइज़ करेंयदि आप कंसीव करने का सोच रही हैं और स्मोकिंग या अल्कोहल लेती हैं, तो बेबी प्लान करने के 6 महीने या 1 साल पहले से ही इन सभी चीजों से पूरी तरह परहेज करें। उसके साथ स्ट्रेस मैनेजमेंट भी जरूरी है। अधिक तनाव न लें क्योंकि तनाव का फर्टिलिटी पर नकारात्मक असर पड़ता है।
रात की उचित नींद बहुत महत्व रखती है। इसलिए 7 से 8 घंटे की नींद लेने का प्रयास करें। यदि कॉपी की शौकीन हैं, तो इसे कम कर दें, इसकी अधिकता आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है। बॉडी को पूरी तरह से स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिए और खुद को हाइड्रेटेड रखें।
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