ये आपकी मम्मी से लेकर दादी और नानी तक का नुस्खा रहा है। जिस पर उन सब का विश्वास था और जो आज भी उन्हें बेहद पसंद है। आप इसे बेतुका समझ रहे होंगे, लेकिन हम आपको ये बता दें कि नियमित रूप से नाभि में तेल लगाने से आपको कुछ चमत्कारी स्वास्थ्य और सौंदर्य लाभ मिल सकते हैं। खास बात यह कि आयुर्वेद भी इस सिद्धांत की पुष्टि करता है।
नाभि में तेल लगाना, या नेवल ऑयल थेरेपी असल में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने का बरसों पुराना तरीका है। जिससे शरीर में विभिन्न बीमारियों का इलाज करने में मदद मिलती है। इससे एजिंग को कंट्रोल में करने में मदद मिलती है। बेली बटन कई नसों के माध्यम से शरीर के हर अंग से जुड़ा हुआ है। इसलिए तेल की मालिश तंत्रिकाओं को पोषण देने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
Medy365.com, के सीईओ और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के सीईओ श्रेयांश जैन बताते हैं, “आयुर्वेद के अनुसार, नाभि जीवन की उत्पत्ति करती है, गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान मां से बच्चे तक पोषक तत्वों का हस्तांतरण इसी से होता है। पोषण का पहला स्थान शक्तिशाली ऊर्जा केंद्र (नाभि) मानी जाती है।”
चलिए अब जानते हैं कि नाभि के तेल की चिकित्सा से आप कैसे लाभ उठा सकते हैं, यहां पेचोती (pechoti) विधि या नाभि चिकित्सा के सात आश्चर्यजनक लाभ दिए गए हैं –
सरसों के तेल की कुछ बूंदों से नाभि (बेली बटन) की मालिश करने से आंत्र सिंड्रोम (बॉवेल सिंड्रोम) को दूर करने में मदद मिलती है। यह आंत के स्वास्थ्य दुरुस्त करता है और पेट की ख़राबी, पेट फूलना या कब्ज जैसे अन्य पाचन संबंधी मुद्दों को कम कर करता है। नेवल ऑयल थेरेपी में नाभि तेल आपके पाचन तंत्र के लिए रामबाण है।
अगर आप रोजाना अपनी नाभि के किनारों के आसपास सरसों के तेल से मालिश करेंगे तो लीवर में प्लीहा से गैस्ट्रिक और पित्त के रस (बेली जूस) जैसे हानिकारक चीजों से छुटकारा मिलेगा। जिससे पाचन में सुधार होगा। मतली और आंत में दर्द से राहत पाने के लिए, आप नाभि पर पुदीना या अदरक का तेल भी लगा सकती हैं।
हाथो से नाभि के चारों ओर पेट पर एक गोलाकार (गोल आकृति) बनाते हुए मालिश करने से तनाव कम करने और आराम करने में मदद मिलेगी। पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करने में, नाभि चिकित्सा आपकी भावनाओं को संतुलित करने में और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है। तनाव कम करने के लिए आप लैवेंडर ऑयल का उपयोग भी कर सकती हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
एक चिकनी, स्पष्ट और चमकदार त्वचा के लिए, हर दिन जैतून के तेल से नाभि (बेली बटन) की मालिश करें। प्राकृतिक फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट के साथ समृद्ध, जैतून का तेल सूजन को कम करने, त्वचा की समस्याओं को रोकने, त्वचा के संक्रमण को ठीक करने और सिर से पैर तक त्वचा को मॉइस्चराइज करने में मदद करता है। इसमें होंठ और एड़ी भी शामिल हैं।
श्रेयांश जैन का सुझाव है कि “नाभि का तेल आपकी त्वचा को इस गर्मी में ठीक राहत देता है। नाभि चिकित्सा, नाभि से हर जगह शरीर में तेल नेविगेट करती है। इस तरह यह ग्लोइंग और कोमल त्वचा सुनिश्चित करती है।”
नाभि (बेली बटन), शरीर के अंदर 72,000 नसों से जुड़ी हुई है। ये शरीर को उन खनिजों को अवशोषित करने में मदद करती है, जो स्वस्थ बालों के विकास और वोल्यूम के लिए जिम्मेदार होते हैं। बालों को ग्रे करने के लिए जिम्मेदार नसों को पोषण प्रदान करता है। जिससे समय से पहले होने वाले ग्रेइंग को रोकने में मदद मिलती है। इससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
नारियल के तेल में विटामिन, खनिज, विटामिन सी, बी, ई, तांबा और जस्ता पाए जाते हैं। ये बालों के झड़ने को रोकने और बालों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। आप डैंड्रफ और बालों को झड़ने से रोकने के लिए अपनी नाभि (बेली बटन) पर जैतून का तेल या जोजोबा तेल का उपयोग कर सकती हैं।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ, श्रेयांश जैन कहते है कि “एसेंशियल ऑयल के साथ नाभि (बेली बटन) की मालिश करने से पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार होता है।
नीम के तेल की कुछ बूंदें, गुलाब का तेल, नारियल का तेल या नींबू का आवश्यक तेल प्रतिदिन नाभि पर लगाने से शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने, मासिक धर्म में ऐंठन को दूर करने, प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने और प्रजनन संबंधी विकारों को रोकने में मदद मिलती है ”।
मांसपेशियों में सूजन होने से जोड़ों में दर्द हो सकता है। नाभि चिकित्सा के लिए अरंडी के तेल, दौनी के तेल का उपयोग करने से दर्द में कमी, जोड़ों में मजबूती और लचीलापन आता है। अगर आप गठिए के प्रारंभिक स्तर में हैं या आपकी हड्डियां कमजोर हैं, तो आपके लिए नाभि चिकित्सा एक अच्छा विकल्प है राहत पाने के लिए।
अरंडी का तेल अपने नाभि वाले हिस्से में लगाने से आपको जोड़ों के दर्द को दूर करने में मदद मिलती है।
प्रदूषण, बहुत ज्यादा पढ़ाई करने, स्क्रीन देखने, धूम्रपान करने, उम्र बढ़ने, या किसी अन्य चिकित्सा स्थिति के कारण आंखें ड्राई हो जाती हैं। जो आपकी दृष्टि में बाधा डाल सकती हैं और परिणामस्वरूप आंखों में जलन हो सकती है।
नारियल के साथ अपनी नाभि (बेली बटन) की मालिश करने से सूखी नसों को पोषण करने में मदद मिलती है, जो बदले में रक्त परिसंचरण में सुधार करती है और आंखों के स्वास्थ्य में सुधार करती है।
इसलिए और इंतजार न करें। नेवल ऑयल थेरेपी का अधिकतम लाभ उठाने के लिए इस चिकित्सा को आजमाएं।
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