मिल्क चॉकलेट का नियमित सेवन दूर कर सकता है आपकी मम्मी का पोस्टमेनोपॉजल तनाव

मूड को बेहतर बनाने से लेकर आपकी मम्मी की रजोनिवृत्ति के बाद की समस्याओं से निपटने में मदद करने तक - मिल्क चॉकलेट बहुत कुछ कर सकती है।
मीनोपॉज का तनाव दूर करने के लिए अपनी मम्मी को मिल्क चॉकलेट ज़रूर खिलाएं. चित्र : शटरस्टॉक
मीनोपॉज का तनाव दूर करने के लिए अपनी मम्मी को मिल्क चॉकलेट ज़रूर खिलाएं. चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 6 Jul 2021, 17:54 pm IST
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यदि आप अपनी मम्मी की सेहत के बारे में चिंतित हैं, जो पोस्टमेनोपॉज़ल लक्षणों से जूझ रही हैं, तो आप उन्हें मिल्क चॉकलेट का एक बार दीजिए। ओह् आपको वजन बढ़ने और ब्लड शुगर बढ़ने का डर है? रिलैक्स लेडीज, क्योंकि विज्ञान हमें बताता है कि अगर सुबह या शाम को मिल्क चॉकलेट का सेवन किया जाए, तो वजन नहीं बढ़ता।

द एफएएसईबी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में यह भी कहा गया है कि आपको शुगर लेवल के बारे में भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए, व्हाइट चॉकलेट फादेमंद है, खासकर अगर वह इसे दिन की शुरुआत में लेती हैं। कमाल की बात है न?

तो चलिए जानते हैं, मिल्क चॉकलेट के कुछ अन्य फायदे

1. उपरोक्त अध्ययन के अनुसार, रजोनिवृत्ति के बाद महिलाएं अनिद्रा से जूझती हैं। सोने से ठीक पहले व्हाइट चॉकलेट खाने से उन्हें इससे निपटने में भी मदद मिल सकती है।

2. भूख न लगना उनके सामने एक और समस्या है और मिल्क चॉकलेट खाने से इसमें मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह भूख को प्रेरित कर सकती है और बिना किसी दवा के उनकी भूख को ठीक कर सकती है।

3. हम रजोनिवृत्ति के सबसे कष्टप्रद लक्षण – मूड स्विंग को कैसे भूल सकते हैं? यह एक सिद्ध तथ्य है कि चॉकलेट वास्तव में एक प्रभावी मूड बूस्टर है।

शारीरिक गतिविधयों और मिल्क चॉकलेट के जरिए रजोनीवृति के लक्षणों को कम किया जा सकता है। चित्र:शटरस्टॉक
शारीरिक गतिविधयों और मिल्क चॉकलेट के जरिए रजोनीवृति के लक्षणों को कम किया जा सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

4. मिल्क चॉकलेट का एक और लाभ यह है कि ये हृदय रोग के जोखिम को कम करती है। यह सब इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की वजह से है! दरअसल यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव
कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में भी यही सुझाव दिया गया है। साथ ही, मिल्क चॉकलेट के सेवन से स्ट्रोक की संभावना भी कई गुना कम हो जाती है।

5. रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को कोलेस्ट्रॉल का भी सामना करना पड़ता है और व्हाइट चॉकलेट के पास इसका भी जवाब है। 2017 में जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, कोको और बादाम के साथ डार्क चॉकलेट के सेवन से लिपिड प्रोफाइल में सुधार होता है।

अधिक वजन वाले या मोटे लोगों में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर (एलडीएल) को कम करने में भी इससे मदद मिलती है।

सारांश

मेनोपॉज के बाद के लक्षणों से निपटने के लिए आप अपनी मां के लिए बहुत सी चीजें कर सकती हैं। जिनमें से एक है उन्हें व्यायाम करने के लिए राजी करना। यहां तक ​​कि FASEB के अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि अगर आपकी माॅम रात में सोने से पहले चॉकलेट खाती हैं, तो अगली सुबह व्यायाम करने के लिए उनका उत्साह बढ़ जाएगा।

इसलिए, उन्हें किसी प्री- वर्क आउटफूड की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मिल्क चॉकलेट उन्हें ऊर्जावान बनाए रखने में मदद कर सकती है। इसलिए बस उनके साथ रहें और मिल्क चॉकलेट के साथ इन पलों को जिएं।

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