हाई कोलेस्ट्रॉल यानी कि ब्लड में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा देता है। असंतुलित खानपान से लेकर शारीरिक स्थिरता बढ़ते कोलेस्ट्रॉल में योगदान दे सकते हैं। ऐसे में इसके प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है। बढ़ते कोलेस्ट्रॉल के साथ कई शारीरिक लक्षण नजर आते हैं (signs of high cholesterol), वहीं समय के साथ ये लक्षण गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं। ऐसे में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती लक्षण को समझना बेहद जरूरी है, ताकि परेशानी को शुरुआत में ही नियंत्रित किया जा सके (how to maintain cholesterol level)।
आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे बढ़ते कोलेस्ट्रॉल लेवल के साथ नजर आने वाले कुछ सामान्य संकेत, जिनपर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो इसे गंभीर बीमारी में बदलने से रोका जा सकता है (signs of high cholesterol)।
उच्च कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपके ब्लड में बहुत अधिक लिपिड (फैट) जमा हो जाता हैं। इसे हाइपरलिपिडिमिया या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया भी कहा जाता है। आपके शरीर को फंक्शन करने के लिए सही मात्रा में लिपिड की आवश्यकता होती है। यदि आपकी बॉडी में लिपिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो आपका शरीर उन सभी का उपयोग नहीं कर पता, एक्स्ट्रा लिपिड आपकी आर्टरीज में जमा होने लगते हैं। ये आपके ब्लड में अन्य पदार्थों के साथ मिलकर प्लाक यानि क फैट का जमाव बनाते हैं।
समय के साथ, प्लाक आपकी आर्टरीज में बढ़ता जाता है। यही कारण है कि अनुपचारित उच्च कोलेस्ट्रॉल खतरनाक होता है। आपके रक्त में मौजूद अतिरिक्त लिपिड प्लाक को बड़ा करने में मदद करती हैं। शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का पता लगाने के लिए आपको ब्लड टेस्ट की आवश्यकता होती है।
लिपिड कई प्रकार के होते हैं, पर मुख्य कोलेस्ट्रॉल हैं “गुड कोलेस्ट्रॉल” और “बैड कोलेस्ट्रॉल”।
अच्छा कोलेस्ट्रॉल हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) कहलाता है। आपका लीवर आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है। यह आपके शरीर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोलेस्ट्रॉल बनाता है और बाकी कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकाल देता है। कोलेस्ट्रॉल को आपके लीवर तक ले जाने के लिए आपके पास पर्याप्त HDL होना चाहिए। अगर आपके शरीर में HDL कम है, तो आपके रक्त में बहुत ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल हो सकता है।
खराब कोलेस्ट्रॉल को लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) कहते हैं। यह आपकी आर्टरीज में प्लाक बनाने का कारण बनता है। बहुत ज़्यादा LDL होने से समय के साथ हृदय रोग हो सकता है।
1. धूम्रपान का सेवन: धूम्रपान आपके शरीर में “अच्छे कोलेस्ट्रॉल” (HDL) को कम करता है और आपके शरीर में “बुरे कोलेस्ट्रॉल” (LDL) को बढ़ा देता है।
2. तनाव में रहना: तनाव के कारण हॉर्मोन्स में परिवर्तन आता है, जिससे आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन बढ़ जाता है।
3. शराब पीना: शरीर में शराब की अधिक मात्रा आपकी बॉडी में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है।
4. शारीरिक स्थिरता: एरोबिक व्यायाम जैसी शारीरिक गतिविधि आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने में मदद करती है। अगर आप डेस्क जॉब पर हैं या अपने खाली समय में बैठे रहती हैं, तो आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में “गुड कोलेस्ट्रॉल” का निर्माण नहीं कर पाता है।
5. आहार: कुछ खाद्य पदार्थों में फैट यानि की कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो आपके खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। जंक और फ़ास्ट फ़ूड के अधिक सेवन से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में आपकी आर्टरीज में अधिक प्लाक जमा होना शुरू हो जाता है। ये वे ब्लड वेसल्स हैं, जो आपके हृदय से आपके शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त ले जाती हैं। आपकी धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमाव को प्लाक के रूप में जाना जाता है। समय के साथ, प्लाक सख्त हो सकते हैं और आपकी धमनियों को संकीर्ण बना देते है। प्लाक के बड़े जमाव से धमनी पूरी तरह से ब्लॉक हो सकती है। कोलेस्ट्रॉल प्लाक भी टूट सकते हैं, जिससे ब्लड क्लॉट हो जाते हैं, जो रक्त के प्रवाह को बाधित करते है।
हार्ट के ब्लॉक्ड आर्टरीज हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। साथ ही ब्रेन की ब्लॉक्ड आर्टरीज स्ट्रोक का कारण बन सकती है। बहुत से लोगों को उच्च कोलेस्ट्रॉल का पता तक तक नहीं चलता जबतक उन्हें किसी जानलेवा घटना का सामना न करना पड़े। हालांकि, जो लोग नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाते रहते हैं, उनके लिए इसका अंदाजा लगाना आसान हो जाता है। हालांकि, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर कुछ सामन्य लक्षण नज़र आ सकते हैं जैसे –
स्वस्थ भोजन का चुनाव और नियमित व्यायाम उच्च कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को कम करने के दो सबसे प्रभावी और आसान तरीके हैं। सैचुरेटेड फैट युक्त खाद्य पदार्थों से जितना हो सके परहेज करने का प्रयास करें, जैसे कि रेड मीट और डेयरी उत्पाद।
हेल्दी फैट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे की लीन मीट, एवोकाडो, नट्स और लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें। ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें ट्रांस फैट की मात्रा उपलब्ध हो, जैसे कि तले हुए और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी नियमित डाइट का हिस्सा बनाएं। इन खाद्य पदार्थों में सैल्मन, हेरिंग, अखरोट और बादाम शामिल हैं।
आप सामन्य शारीरिक गतिविधियां जैसे वाल्किंग, जॉगिंग, योग आदि की मदद से भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकती हैं। आपको रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करने का प्रयास करना चाहिए।
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